बिलासपुर- Bilasa Airport: हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति का महा धरना आंदोलन आज भी जारी रहा और इसमें इस बात पर चिंता व्यक्त की गई कि एक नए एयरपोर्ट पर अभी से टैक्सी का ठेका ऐसे ठेकेदार को दिया गया है जो ना तो खुद सुविधा दे रहा है और ना ही दूसरे ऑटो और टैक्सी को अंदर आने दे रहा है. इस स्तिथि के कारण यात्री भरी परेशानी का सामना कर रहे है कल ही दो महिलाये अपना सामन ले कर लगभग एक किलोमीटर पैदल चल कर ऑटो के पास पहुंच पाई.
Bilasa Airport: समिति ने ब्यौरा देते हुए बताया कि कायदे से टैक्सी ठेकेदार को अपनी गाड़िया पहले से एयरपोर्ट पर कड़ी करनी चहिये परन्तु वह केवल एक बोर्ड लटका दिया गया है और उसमे दिए नंबर पर कॉल करने पर बिलासपुर से आधे घंटे में गाडी पहुँचती है. जबकि दूसरी और इस ठेके के कारण एयरपोर्ट प्रथम द्वार से अन्य ऑटो और टैक्सी को सवारी लेने अंदर नहीं जाने दिया जा रहा.
Bilasa Airport: समिति ने कहा की एयरपोर्ट प्रभंधन यात्रियों को एक ही ठेके दार से टैक्सी लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकता. साथ ही नए एयरपोर्ट में सभी टैक्सी वालो और ऑटो वालो को सवारी लेने और छोड़ने की छूट होनी चाहिए. हर यात्री टैक्सी का ५०० रुपये नहीं दे सकता इसलिए ऑटो भी अनुमति होना चाहिए. समिति ने कहा की यह उड़ान योजना का एयरपोर्ट है और इसमें बहुत तरह की छोट एयरलाइन कंपनी को दी जा रही है तो फिर टैक्सी में इतनी कड़ाई क्यों ?
समिति ने आज की धरना सभा में केंद्र सरकार से नयी उड़ानों की मंजूरी की मांग दोहराई और कहा कि बिलासपुर से कोलकाता और हैदराबाद की हवाई दूरी ६५० किमी है जो कि ए टी आर ७२ विमान से एक बार में बिना रुके पूरा हो सकता है. आज के महा धरना आंदोलन में आगमन के क्रम से सर्व महापौर रामशरण यादव, गोपाल दुबे, रशीद बक्श, रवि बनर्जी, केशव गोरख, किशोरी गुप्ता, संजय पिल्लै, महेश दुबे, अशोक भंडारी , अभय नारायण राइ, मनोज श्रीवास , भुट्टो राज , राघवेंद्र सिंह , सालिग राम पण्डे ,नवीन वर्मा, अभिषेक चौबे , दीपक कशयप, संतोष पीपलवा, शाहबाज़ अली, अक़ील अली, अनिल गुलहरे, मोहसिन अली, चंद्र प्रकाश जैस्वाल, और सुदीप श्रीवास्तव शामिल हुए.