किसने कहा जिला पंचायत अध्यक्ष मांगता है 10 प्रतिशत…और भाई को कहा झलमला का आयटम.

BHASKAR MISHRA
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IMG20170914164905बिलासपुर– झलमला सरपंच के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर अतिरिक्त कलेक्टर के कोर्ट में सुनवाई हुई। पंच सरपंच और सचिव के बयान को दर्ज किया गया। फायनल सुनवाई अब 21 सितम्बर को होगी। मालूम हो कि 14 अगस्त को झलमला सरंपच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। मामले में अतिरिक्त दण्डाधिकारी के कोर्ट में सुनवाई हो रही है।

                               झलमला सरपंच राजेन्द्र कुमार साहू ने बताया कि अविश्वास प्रस्ताव केवल और केवल जिला पंचायत अध्यक्ष की साजिश के कारण लाया गया है। राजेन्द्र साहू के अनुसार कहने को तो जिला पंचायत अध्यक्ष मेरा भाई है…लेकिन गांव के विकास में खर्च होने वाले मद से दस प्रतिशत की मांंग करता है। कमीशन नहीं दिए जाने पर कायदे कानून को ताक पर रख मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है।

                झलमला सरपंच राजेन्द्र कुमार साहू के अनुसार चूंकि मैने जिला पंचायत अध्यक्ष को विकास मद की राशि से दस प्रतिशत कमीशन नहीं दिया। इसलिए उसने पंचों को लालच देकर और सचिव पर दबाव बनाकर अविश्वास प्रस्ताव के लिए उकसाया है। यद्यपि दीपक साहू मेरा भाई है…लेकिन ऐसे भाई जिसके पास हों उसे दुश्मनों की जरूरत नहीं है। फिर भी दस प्रतिशत नहीं दूंगा।

मांगता है दस प्रतिशत

राजेन्द्र ने बताया कि झलमला ग्राम पंचायत में विकास कार्य के लिए शासन से कुल पचास से साठ लाख रूपए रूपए स्वीकृत हुए हैं। राशि स्वीकृत होने के बाद कुछ का काम शुरू हो गया है कुछ होने वाला है। शासन से रूपए मिलने के बाद दीपक साहू ने अलग अलग विकास कार्य मद सेRAJENDRA SAHU... दस प्रतिशत कमीशन की मांग की । मैने देने से इंकार कर दिया। ग्राम पंचायत झलमला में 25 मई साल 2017 को रिटर्निंग वाल और नाली निर्माण के लिए कुल 35 लाख मिले। जिला पंचायत ने दस प्रतिशत यानि साढ़े तीन लाख रूपए की मांग की। एक बार फिर देने से इंकार किया। यह भी कहा कि आगे देखा जाएगा। इसके बाद उसने दबाव डालकर मद की राशि को रूकवा दिया। लेकिन मैने निर्माण को नहीं रोका। फिलहाल अविश्वास प्रस्ताव के बाद काम बंद है।

                     झलमला सरपंच ने बताया कि शासन से ग्राम पंचायत में आंगनबाड़ी निर्माण के लिए साढे छः रूपए मिले है। यहां भी पांच प्रतिशत कमीशन की मांग की गयी। नहीं दिए जाने पर जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि मेरे अनुमति के बिना गांव का विकास कार्य नहीं हो सकता है। यदि कमीशन नहीं दिया तो काम भी रूक जाएगा। आने वाले समय में झलमला गांव में विकास कार्य के लिए एक रूपए भी नहीं मिलेंगे।

                            राजेन्द्र के अनुसार गांव में साढ़े चार लाख की लागत से सीसी रोड बनाने की अनुमति शासन से मिली है। दीपक ने यहां भी रोड़ा अटकाया। क्योंकि मैने दस प्रतिशत देने से इंकार कर दिया।

सीईओ और सचिव की भूमिका संदिग्ध

                        राजेन्द्र ने सीजी वाल को बताया कि मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नियम कानून को ताक पर रखकर लाया गया है। जिस दिन आवेदन दिया गया। उसी दिन नोटिस तामिल हुई। पंचों पर दबाव बनाकर उसी दिन आवेदन पर दस्तखत लिया गया। जिसने विरोध किया उसके साथ मारपीट करने और आर्थिक नुकसान पहुंंचाने की धमकी दी गयी। कई पंचों को झूठे मामले में पुलिस फंसाने की भी धमकी दी गयी है।

                                      राजेन्द्र ने बातचीत के दौरान कहा इस पूरे प्रकरण में मस्तूरी सीईओ की भी भूमिका है। उन्होने भी इस जल्दबाजी की कारण को समझने का प्रयास नहीं किया। जबकि अविश्वास प्रस्ताव लाने के पहले बैठक होती है। प्रक्रिया में समय और नियम का पालन किया जाता है। लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं हुआ। 3 जुलाई को अविश्वास का आवेदन लाया गया। 14 जुलाई को तीन चारणों की सारी प्रक्रिया पूरी भी कर ली गयी। प्रक्रिया को पालन होने में कम से कम बीस से तीन दिन लगते है। मामले में स्थानीय ग्राम पंचायत सचिव की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। सीईओ से लेकर सचिव तक सभी लोगों ने जिला पंचायत अध्यक्ष के दबाव में काम किया है।

झलमला में राजेन्द्र नाम के आयटम को नहीं जानता

                                     मैं झलमला के किसी राजेन्द्र नाम के आयटम को नहीं जानता। यदि होगा भी मुझे कुछ नहीं कहना। राजेन्द्र एक ऐसा आयटम है जो बीते दिनों का हो चुका है। हाईकोर्ट ने उसे सरपंच पद से हटा दिया है। अतिरिक्त कलेक्टर के यहां सुनवाई का सवाल ही नहीं उठता है। मैं राजेन्द्र नाम के आयटम के बार में चर्चा नहीं करना चाहता। वह क्या कहता है उससे मेरा कोई मतलब नहीं। क्योंकि उसके पास अब सरपंच का पद भी नहीं है।

                                                                            दीपक साहू…जिला पंचायत अध्यक्ष..बिलासपुर

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