पत्थलगांव। विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही शहर को जिला बनाने की मांग एक बार फिर जोर शोर से उठायी जा रही है। जिला बनाने को लेकर विगत कुछ दिनो पहले सर्व समाज की ओर से एक पर्चा वायरल किया गया था।
दिन रविवार को सर्व समाज की ओर से एक रैली निकाल शहर को जिला बनाने की मांग जोर शोर से की। विगत कई दशको से पत्थलगांव को जिला बनाने की मांग हर वर्ग द्वारा अपने-अपने माध्यम से उठाया जा रहा है, परंतु दोनो ही दल के नेता इस ओर किसी प्रकार का कोई ध्यान नही दे रहे है। शहर का विकास दो दशक पीछे हो चुका है।
पत्थलगांव विधानसभा के वासी दोनो ही प्रमुख दल के नेताओ को चुन चुके है, उसके बावजूद आज प्रयत्न तक पत्थलगांव को जिला बनाने दोनो दल के नेताओ ने अपनी कोई दिलचस्पी नही दिखायी।
दरअसल अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से ही नागरिकों द्वारा अभियान, धरना, आंदोलन का रास्ताअपनाया जा चुका है, मगर आज भी पत्थलगांव को जिला बनाने की बहुप्रतीक्षित मांग पूर्ण नहीं होना अब यहा के लोगो को स्वप्न के समान लगने लगा है।
आज सर्व समाज की ओर से निकाली गयी रैली में पत्थलगांव के अलावा कां सा बे ल, बा ग बाहर, लै लूंगा,कापू, धर्मजयगढ़ समेत कई गांवशहर के तीनों मुख्य मार्ग में विशाल जनसमूह के साथ रैली निकाली गई है।
रैली ग्राम पालीडीह चौंक से शुरू हुई है।रैली को लेकर पत्थलगांव पुलिस प्रशासनसमेत जिले के अन्य क्षेत्रों से पहुंची पुलिस यातायात एवं सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए जगह-जगह पर मुस्तैद है। व्यावसायिक व आर्थिक दृष्टि होगा विकसित शहर से जिला मुख्यालय की दूरी लगभग 100 किलोमीटर है, लोगो को सरकारी कार्य व दस्तावेज संबंधित अन्य कार्यों के लिए लंबी दूरी तय करने से उन्हें आर्थिक और शारीरिक रूप से परेशानियों से गुजरना पड़ता है।
शहर जिला बनाए जाने पर व्यावसायिक व आर्थिक दृष्टि से विकसित होगा। आदिवासी समाज के जिला संरक्षक नेहरू लकड़ा ने कहा राज्य में कांग्रेस की सरकार और केंद्र में भाजपा के सरकार होने के बाद भी अब तक पत्थलगांव को जिला नहीं बनाए जानेसे उपेक्षित महसूस कर रहा है।
नगरवासियों द्वारा पूर्व में भी पत्थलगांव को जिला बनाने को लेकर धरना आंदोलनऔर अभियान चलाए जाते रहे है उसके बावजूद शहर जिला नहीं बन पाया। 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद जिला की उम्मीद कांग्रेस सरकार से जागी थी, परंतु कांग्रेस सरकार भी इस ओर कोई पहल नही कर रही है।