बिलासपुर—तखतपुर विधायक रश्मि सिंह के खिलाफ सतनाम समाज ने बिहारी सिंह टोडर.संजीव खाण्डे की अगुवाई में समाज के सदस्यों के साथ कलेक्टर कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। नेताओं ने आरोप लगाया कि विधायक की तरफ से लगातार अपमानित किया जा रहा है। पिछले दिनो काठाकोनी में समाजिक कार्यक्रम में भी अपमानित किया गया। उन्हें पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। मामले में संसदीय सचिव रश्मि सिंह ने कहा कि उन्होने ऐसा कुछ नहीं कहा है जिससे समाज या किसी व्यक्ति का अपमान हुआ हो। सच तो यह है कि कार्यक्रम में उन्हें बुलाकर अपमानित किया गया। बातचीत के दौरान सतनाम समाज के लोगों ने पिछले दिनों मंत्री को काला झण्डा दिखाने के आरोप को भी खारिज किया।
सतनाम समाज और तखतपुर विधायक रश्मि सिंह के बीच अपमान का मामला नहीं थम रहा है। भारी संख्या में आज कलेक्टर कार्यालय के सामने सतनाम संघ के नेताओं ने प्रदर्शन किया। संसदीय सचिव पर समाज को अपमानित करने का आरोप लगाया। जिला प्रशासन को लिखित शिकायत कर बिहारी टोडर और संजीव खाण्डे ने बताया कि काठाकोनी में घटना के बाद उन्हें डराया धमकाया जा रहा है। यदि समाज के किसी सदस्य के खिलाफ कोई घटना होती है तो इसके लिए तखतपुर विधायक जिम्मेदार होंगी।
समाज को किया अपमानित
जिला कांग्रेस महामंत्री बिहारी टोडर और सतनाम समाज के नेता संजीव खाण्डे ने बताया कि पिछले दिनों काठाकोनी में बाबा गुरूघासी दार जयंति के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। हम लोग कार्यक्रम में काफी समय से थे। जब जाने लगे उसी दौरान तखतपुर विधायक आना हुआ। उन्होने कहा कि मुंह छिपाकर भाग रहे हैं। ऐसा कह समाज के सामने अपमानित किया।
लगाया गंभीर आरोप
मामले को लेकर पिछले दिनों तखतपुर में सतनाम सभा का आयोजन कर विधायक के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया गया। आज कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर जिला प्रशासन को बताया गया कि समाज के लोग डरे हैं। यदि किसी के खिलाफ कोई दुर्घटना होती है तो इसके लिए विधायक जिम्मेदार होंगी। समाज के नेताओं ने इस दौरान इस बात से भी इंकार किया कि मंत्री को हमारी तरफ से काला झंडा दिखाया गया। काला झण्डा दिखाने वाले कोई दूसरे लोग हैं।
अपमानित हुई..किया नहीं
मामले में संसदीय सचिव रश्मि सिंह ने बताया कि पिछले कई दिनों से बाबा की जयंति कार्यक्रम में शिरकत कर रही हूं। समाज में कहीं किसी प्रकार की नाराजगी नहीं है।कुछ लोग अपना स्वार्थ सिद्ध करने लगातार निशाना बना रहे हैं। उन्हें अपने पिता और श्वसुर पर अधिकार है। किसी की बहू और किसी की बेटी हूं। इसमें नाराज होने का सवाल ही नहीं उठता है। काठाकोनी में उन्हें बुलाया गया। लोग फ़जूल में अपमानित करने का आरोप लगा रहे है। सच तो यह है कि इन लोगों ने उनका अपमान किया है।