SECLः गेवरा पेन्ड्रा रेल परियोजना में भागीदारी..बैंक से लिया भारी भरकम कर्ज..प्रबंधन ने बताया अर्थ व्यवस्था को मिलेगी ताकत

BHASKAR MISHRA
बिलासपुर—-गेवरा रोड से पेन्ड्रा रोड 135 किलोमीटर की दोहरी विद्युतिकृत रेलवे लाईन विकसित किए जाने को लेकर एसईसीएल की साथी कम्पनी सीईडब्लूआरएल ने समझौता किया है। कम्पनी ने रेल लाइन विकसित करने एसबीआई की अगुवाई में बैंकों के संघ से 3976 करोड़ रूपये का ऋण लिया है।
  
                    एसईसीएल की अनुषंगी कम्पनी छत्तीसगढ़ ईस्ट वेस्ट रेल लिमिटेड ने गेवरा रोड से पेन्ड्रा रोड तक 135 किलोमीटर की दोहरी विद्युतिकृत रेलवे लाईन परियोजना विकसित करने में सहभागिता का फैसला किया है। रेलवे लाईन को विकसित करने के लिए सीईडब्ल्यूआरएल ने स्टेट बैंक आफ इण्डिया की अगुवाई में बैंकों के संघ से 3976 करोड़ रूपये का ऋण लिया है।
 
            एसईसीएल से मिली जानकारी के अनुसार इस संबंध में सी.ई.डब्ल्यू.आर.एल. ने एसबीआई की अगुवाई में बैंकों के संघ से समझौते पर हस्ताक्षर किए है। ऋण का उपयोग गेवरा रोड से पेन्ड्रा रोड तक रेलवे लाईन को पूर्ण करने में किया जाएगा। 
  
          एसईसीएल प्रबंधन ने बताया कि गेवरा रोड से पेन्ड्रा रोड रेल परियोजना से एसईसीएल की गेवरा, दीपका, कुसमुण्डा जैसी बड़ी खदानों से कोयला निकासी में वृद्धि होगी।परियोजना में प्रमोटर कम्पनियाॅ 20 प्रतिशत अर्थात कुल 994 करोड़ रूपये की सहभागिता देंगी। 80 प्रतिशत राशि मतलब कुल 3976 करोड़ रूपये बैंकों से ऋण के रूप में लिया जा रहा है। अभी तक प्रमोटर कम्पनियों ने  650 करोड़ की लागत दी  है।
 
               प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार परियोजना के लिए फाॅरेस्ट क्लियरेंस भी मिल चुका है। परियोजना एसईसीएल को अपने विभिन्न खदानों से प्रतिवर्ष लगभग 65 मिलियन टन कोयला निकासी करने में सहायक सिद्ध होगी। गेवरा रोड से पेन्ड्रा रोड के बीच में वर्तमान में उपलब्ध रेलवे लाईन की तुलना में सबसे कम दूरी वाली रेलवे लाईन का निर्माण होगा।  इस रेलवे लाईन से एसईसीएल के गेवरा, कुसमुण्डा एवं दीपका खदानों को भी जोड़ा जाएगा। जिससे कोयला निकासी में सहायता मिलेगी।
 
              परियोजना की कुल लागत रूपये 4970 करोड़ है। यह मार्च 2023 तक पूर्ण होगी। सी.ई.डब्ल्यू.आर.एल. में एसईसीएल की 64 प्रतिशत भागीदारी है। इरकान की 26 प्रतिशत और एस.आई.डी.सी., छत्तीसगढ़ शासन की 10 प्रतिशत भागीदारी है।
 
             एसईसीएल प्रबंधन ने बताया कि यह ऋण जिस बैंकों के संघ से लिया गया है उसमें स्टेट बैंक आफ इण्डिया से सर्वाधिक 1800 करोड़ रूपये लिए गए हैं। बाकि राशि पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक आफ इण्डिया, केनरा बैंक, इण्डियन बैंक और बैंक आफ बड़ौदा से ली गयी है।  
रेलवे परियोजना के पूर्ण होने से छत्तीसगढ़ की रेलवे संरचना को मजबूती मिलेगी। राज्य की अर्थ व्यवस्था को भी बल मिलेगा।

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