बिलासपुर। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा ग्राम पंचायत जयरामनगर एवं वर्तमान में जनपद पंचायत मस्तूरी में संलग्न के सचिव मदनलाल पात्रे को निलम्बित कर दिया गया है। मदनलाल पात्रे द्वारा जनपद पंचायत मस्तूरी में संलग्न होने के उपरांत कुल 19 दिन अनुपस्थित रहने के बावजूद वेतन प्राप्त किया। जो भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में आता है। दिनांक 1 सितम्बर से 20 सितम्बर तक बिना सूचना अथवा अनुुमति के अपने कार्य से अनुपस्थित पाए गए, जो अनुशासनहीनता स्वेच्छाचारिता के श्रेणी में आता है। श्री पात्रे निर्माण कार्याें के संपादन में तथा पंचायत के अभिलेखों को प्रस्तुत करने में अक्षम रहें।
17 लाख 46 हजार रूपए पंचायत निर्वाचन उपरांत ग्राम पंचायत जयरामनगर में अंतिम बचत बताया गया है लेकिन नये सरपंच रोकण पंजी में श्री पात्रे द्वारा 161 रूपए का प्रारंभिक शिलक बताया गया है। इस तरह उक्त राशि का लेखांकन करने में पात्रे ने अनियमितता बरती है। छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा आचरण नियम 1998 के नियम 3 का उल्लंघन, निर्माण कार्य एवं वित्तीय अनियमितता बरतने नियम 7 का उल्लंघन करने के फलस्वरूप पंचायत सेवा अनुशासन तथा अपील नियम 1999 के नियम 4 के तहत् प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
निलंबन अवधि में श्री पात्रे का मुख्यालय जनपद पंचायत मस्तूरी निर्धारित किया गया है। निलंबन अवधि में श्री पात्रे को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते का पात्रता होगी।