बिलासपुर हवाई अड्डे के पास सेना की जमीन पर छावनी बनाने से पहले एयरपोर्ट रनवे के लिए 200 एकड़ जमीन अलग करें,संघर्ष समिति ने की मांग

Shri Mi
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बिलासपुर।बिलासपुर हवाई सेवा जनसंघर्ष समिति ने मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बिलासपुर हवाई अड्डे के पास सेना की भूमि पर छावनी निर्माण के पहले एयरपोर्ट रनवे विस्तार के लिए 200 एकड़ भूमि पृथक करने को लेकर पत्र लिखा है।अपने पत्र में समिति ने लिखा कि बिलासपुर हवाई अड्डे से जुड़ी हुई भारतीय सेना की 1012 एकड़ भूमि रिक्त पड़ी हुई है। 2011 में सेना के ट्रेनिंग सेंटर एवं अन्य संस्थानों के स्थापना हेतु उक्त भूमि का अधिग्रहण किया गया था। सेना के द्वारा उस वक्त बिलासपुर हवाई अड्डे के पूर्ण विकास और यहा तक की एयरबस 321 जैसे बड़े विमानों के लिये रनवे विस्तार की सहमति दी गई थी। इसलिये ही जिस दिशा में रनवे का विस्तार प्रस्तावित है वह भूमि भी भारतीय सेना के लिये अधिगृहित कर दी गई थी।

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विगत 10 वर्षो में सेना ने अपने ट्रेनिंग सेंटर प्रोजेक्ट को बिलासपुर में लाने के लिये कोई कदम नहीं उठाये और उक्त 1012 एकड़ भूमि आज तक रिक्त पड़ी है। पूर्व में सेना द्वारा बिलासपुर एयरपोर्ट का विकास किया जाना था, परन्तु अनावश्यक देरी को देखते हुये छत्तीसगढ़ शासन ने स्वयं एयरपोर्ट विकसित करने का निर्णय ले लिया और वर्तमान में बिलासपुर एयरपोर्ट को 3सी वीएफआर श्रेणी का लायसेंस हासिल है और शीघ्र ही 72-78 सीटर विमान यहा से संचालित होने वाले है। वर्तमान में बिलासपुर एयरपोर्ट का रनवे 1500 मीटर लम्बा है जिसे बड़े विमानों के उपयुक्त बनाने के लिये 3000 मीटर तक लम्बा करना आवश्यक है और इस हेतु हवाई पट्टी की दक्षिण दिशा में लगभग 200 एकड़ भूमि की आवश्यकता पड़ेगी।

हाल ही में मुख्यमंत्री के द्वारा रक्षा मंत्री को इस 1012 एकड़ भूमि पर सेना की छावनी बनाने का प्रस्ताव दिया गया है जो निःसंदेह स्वागत योग्य है परन्तु छावनी निर्माण करने के पूर्व रनवे विस्तार के लिये आवश्यक 200 एकड़ भूमि को पृथक कर उसे हवाई अड्डा प्रशासन को सौपा जाना आवश्यक है। इस 200 एकड़ भूमि के मिलने के पश्चात् ही बिलासपुर का हवाई अड्डा 4सी श्रेणी का तैयार हो सकेगा जहा बड़े विमान उतर सकेंगे।

सेना अपनी छावनी बनाती है तब भी उसे अपने बड़े मालवाही विमानों के संचालन के लिये बड़ा रनवे चाहिये इस लिये यह सेना के भी हित में है कि वह एयरपोर्ट रनवे विस्तार के लिये आवश्यक भूमि को पृथक कर ही अपनी छावनी की योजना तैयार करे। 200 एकड़ भूमि अलग करने के बाद सेना के पास 812 एकड़ भूमि शेष बचेंगी और यदि छावनी के लिये इसके अतिरिक्त भी भूमि चाहिये होगी तो राज्य शासन पास में ही अतिरिक्त भूमि सेना को उपलब्ध करा सकता है। यह उल्लेखनिय है कि रनवे का विस्तार वर्तमान में स्थापित रनवे के आगे ही हो सकता है जबकि सेना अपनी छावनी की योजना में अभी कोई भी आवश्यक बदलाव कर सकती है।समिति ने कहा कि उत्तर छत्तीसगढ़ के प्रमुख शहर बिलासपुर क्षेत्र के विकास से संबंधित इस महत्वपूर्ण विषय पर आपसे स्वयं संज्ञान ले और सार्थक निर्णय करे।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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