शैड़ो कलेक्टर ने कहा सच हुआ सपना…बनकर रहुंगी डीएम…अधिकारियों का मिला भरपूर समर्थन

BHASKAR MISHRA
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IMG-20180109-WA0055बिलासपुर—छत्तीसगढ़ सरकार के एक दिन का कलेक्टर आइडिया को लोगों ने पसंद किया है। सरकार ने अभिनव पहल कर नौजवानों को प्रेरणा देने का काम किया है। आज शैड़ो कलेक्टर चेतना देवांगन ने बिलासपुर का कामधाम देखा। कलेक्टर चैम्बर पहुंचते ही अधिकारियों ने चेतना का स्वागत  किया। मालूम हो कि सरकार ने प्रदेश के 27 जिलों में 27 युवाओं को एक दिन के लिए कलेक्टर बनाया । बिलासपुर में इसकी जिम्मेदारी चेतना देवांगन को मिली। चेतना देवांगन टीएल बैठक में शामिल हुई। काम काज का तौर तरीका देखा। इस दौरान घटनाओं और एक एक गतिविधियों को ध्यान से देखा और समझा।

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                      हंसा विहार निवासी चेतना देवांगन गरीमामय माहौल में आज कलेक्टर कार्यालय की गतिविधियों को समझा। पुरे दिन शैड़ो कलेक्टर चेतना देवांगन कलेक्टर की गतिविधियों को बारीकी से समझने का प्रयास किया। चेतना ने बताया कि दिनभर के कामकाज से मैं बहुत उत्साहित हूं। सौभाग्य है कि मुझे बिलासपुर का शैडो कलेक्टर बनने का मौका मिला।

              चेतना ने बताया कि मैं बचपन से कलेक्टर बनने का सपना देख रही हूं। सरकार ने शैड़ो कलेक्टर बनाकर मेरे सपनों को साकार किया। लेकिन एक दिन कलेक्टर जरूर बनूंगी। चेतना ने बताया कि बिलासा कन्या महाविद्यालय बीए सेकंड ईयर की पढाई कर रही हूँ | मेरे पिता शंकर देवांगन ग्रामीण बैंक में अफसर हैं। मां का भारती देवांगन है। घर का काम काज संभालती हैं।

                    शैड़ो कलेक्टर ने बताया कि मैं पढाई के साथ साथ सिविल सर्विसेज की भी तैयारी कर रही हूँ | बचपन से अपने आप को डॉ. चेतना देवांगन आईएएस के रूप में देखना चाहती थी। आज एक दिन का कलेक्टर बनने का मौका मिला है। लेकिन एक दिन कलेक्टर भी बनना है। चेतना ने बताया कि आज कलेक्टर के काम काज को ध्यान से देखा। महसूस किया कि यह पद ना केवल बहुत जिम्मेदारी वाला है बल्कि चुनौती भरा भी है।

             चेतना के अनुसार वास्तविक जिन्दगी में नायक फिल्म की तरह कुछ हो सकता है। कभी सपने में भी नहीं सोचा था। लेकिन सरकार ने सपना सच कर दिखाया। मेरे पास कहने के लिए पर्याप्त शब्द नहीं है। चेतना के अनुसार शैड़ो कलेक्टर बनने जानकारी रायपुर और बिलासपुर दोनों ही जगहों से मिली। मुझे कहा गया कि मंगलवार को 10ः30 बजे आफिस पहुँचने के लिए कहा गया था।

                           टीएल बैठक के दौरान बड़े बड़े अधिकारियों से परिचय हुआ। कलेक्टर के मार्गदर्शन में अधिकारियों से सवाल किया। इस दौरान महसूस किया कि कलेक्टर का पद बहुत चुनौती भरा है। शिकायत लेकर पहुँचने वालों की शिकायतों को देखा और अधिकारियों के मार्गदर्शन में समस्या का निराकरण करने को कहा।

            चेतना ने बताया कि इस शासकीय कार्यों का अवलोकन भी किया। शाम 5 बजे के बाद घर लौट रही हूं। मुझे पूरे दिन का तीन मिनट का वीडियो बनाकर युथ स्पार्क को भेजना होगा | चेतना ने इस दौरान इस बात से इंकार किया कि किसी ने मेरे साथ दोयम स्तर का व्यवहार किया है।

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