बैकुंठपुर । नए साल के पहले दिन छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को एक झटका लगा है। जिसके चलते बहुमत होने के बावजूद कांग्रेस बैकुंठपुर नगर पालिका में अपना अध्यक्ष नहीं बना सकी। हाल ही में चुनाव जीतकर आए अपनी पार्टी के पार्षदों के बीच तालमेल नहीं बनाने की वजह से क्रास वोटिंग हुई और बैकुंठपुर नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी ने बाजी मार ली। इस तरह बीजेपी ने नए साल की शुरुआत में एक अच्छी कामयाबी हासिल की है।
बैकुंठपुर नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव शनिवार को कराया गया। नगर पालिका में कुल 20 पार्षद है। हाल ही में हुए चुनाव में कांग्रेस के 11 पार्षद चुनकर आए। यानी कांग्रेस को साफ-साफ बहुमत मिल गया था। इस चुनाव में बीजेपी के केवल सात पार्षद चुनकर आए थे। जबकि 2 वार्डों से निर्दलीय पार्षद चुने गए थे। बैकुंठपुर नगर पालिका अध्यक्ष का पद महिला के लिए आरक्षित है। अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस ने साधना जायसवाल को अपना उम्मीदवार बनाया था। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने पूर्व में नगर पालिका अध्यक्ष रहे शैलेश शिवहरे की पत्नी नविता शिवहरे को अध्यक्ष पद के चुनाव मैदान में उतारा।
अध्यक्ष के चुनाव को लेकर माना जा रहा था कि कांग्रेस के पास पार्षदों का स्पष्ट बहुमत होने की वजह से कांग्रेस की जीत सुनिश्चित है। लेकिन कांग्रेस में गुटबाजी की भी खबरें चलती रही। इस बीच इस दौरान चर्चा रही कि कांग्रेस के एक-दो पार्षदों की नाराजगी दूर नहीं हो सकी है। अध्यक्ष के चुनाव का समय नजदीक आते-आते बीजेपी ने कांग्रेस के अंदर की खेमेबाजी का पूरा फायदा उठाया। नतीजे बता रहे हैं कि बीजेपी को इसमें अच्छी कामयाबी मिली और क्रास वोटिंग की वजह से बहुमत होने के बावजूद कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा । अध्यक्ष पद के चुनाव में कांग्रेस और भाजपा को उम्मीदवारों को बराबर- बराबर दस – दस वोट मिले। यानी कांग्रेस के पूरे पार्षदों के वोट अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस उम्मीदवार को नहीं मिले । जिससे टाई की स्थिति बनी और जब लाटरी के जरिए चुनाव का फैसला किया गया तो बीजेपी उम्मीदवार नविता शिवहरे को जीत हासिल हुई।
नए साल के पहले दिन नगर पालिका में कांग्रेस का बहुमत होने के बावजूद अध्यक्ष पद छीनने में कामयाब रही बीजेपी के लोगों ने इस जीत पर गर्मजोशी के साथ जश्न मनाया।