दिल्ली।आधार कार्ड (Aadhaar Card ) को अब तक का सबसे प्रमाणित पहचान पत्र माना जाता है. बायोमेट्रिक जानकारी होने के कारण इसकी नकल करना नामुमकिन है. हालांकि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानि (UIDAI) के कामकाज पर सवाल उठाए हैं. कैग ने कहा कि नवंबर 2019 तक 4.75 लाख आधार रद्द करने पड़े थे. इसमें लोगों की बायोमेट्रिक जानकारियां एक समान थीं. इसके बाद यह कदम उठाया गया.
हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक कैग ने सुझाव दिया है कि बायोमेट्रिक जानकारियों को लेकर नियमों को सख्त किया जाएगा. कैग का यह भी कहना है कि अगर कोई एजेंसी गलतियां करती है तो उसके खिलाफ जुर्माने के भी सख्त प्रावधान किए जाएं. वहीं, यूआईडीएआई को अपनी तकनीक की समीक्षा करने के लिए भी सुझाव दिया गया है. कैग का कहना है कि ऐसे कदम उठाने की जरूरत है जिससे ऐसी गलतियों से बचा जा सके.
कैग का कहना है कि बच्चों के आधार उनके अभिभावकों के बायोमेट्रिक को लेकर बनाए जाते हैं. इसमें कुछ भी नया नहीं है. कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बाल आधार पर 310 करोड़ रुपये गैर जरूरी रूप से खर्च किए गए. कैग ने कहा कि पांच साल से छोटे बच्चों के लिए नए विकल्प तलाश करने की जरूरत है.