बजट भाषण की शुरुआत में वित्त मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार विकास और ग़रीबों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है.निर्मला सीतारमण ने एयर इंडिया के टाटा के पास जाने और भारतीय जीवन बीमा निगम के आईपीओ जल्द ही आने की बात को अपनी सरकार की उपलब्धि के तौर पर गिनाया। उन्होने भाषण में कहा कि उनकी सरकार समावेशी विकास के पथ पर आगे बढ़ रही है। इस साल भारत की अर्थव्यवस्था में वृद्धि दर का अनुमान 9 फ़ीसदी से भी ऊपर है। दुनिया की सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से ज़्यादा है।
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केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि भविष्य को ध्यान में रखकर तैयार किया गया बजट है। ईरानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट किया रकि “भारत के अमृतकाल में आत्मनिर्भर भारत का बजट पेश करने के लिए पीएम मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी को बधाई. मल्टी मॉडल इन्फ्ऱा और निवेश के नए रास्तों पर ज़ोर से भारत उभरती वैश्विक अर्थव्यवस्था के केंद्र में आ सकेगा।
कांग्रेस नेता थरूर ने की आलोचना
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, ”मैंने जो भाषण में सुना उसमें न तो मनरेगा की बात है। और न ही रक्षा क्षेत्र की. लोग जिन समस्याओं से जूझ रहे हैं, उनकी बात भी नहीं है. महंगाई लगातार बढ़ रही है। मध्यम वर्ग को इनकम टैक्स में कोई राहत नहीं दी गई है। अभी 25 साल और इंतज़ार करना होगा। अच्छे दिन आने के लिए. गति शक्ति और डिज़िटल करेंसी की बात नारे के अलावा कुछ भी नहीं है।
पूर्व मंत्री ने कहा…सार्वजनिक पूंजीवादी बजट
पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने साल 2022-23 के आम बजट पर प्रतिक्रिया में कहा कि किसी वित्त मंत्री द्वारा पढ़ा गया अब तक सर्वाधिक पूंजीवादी बजट है। उन्होंने कहा, “ग़रीब शब्द का केवल दो बार जिक्र किया गया। वह भी पैराग्राफ़ नंबर छह में। देश में ग़रीब लोग भी रहते हैं। याद रखने के लिए हम वित्त मंत्री को धन्यवाद कहते हैं। जनता पूंजीवादी बजट को खारिज कर देगी.”
चिदम्बरम ने कहा कि आश्चर्यचकित और हतप्रभ हूं कि वित्त मंत्री अगले 25 सालों की योजना का खाका पेश कर रही थी। लगता है कि सरकार ने ये मान लिया है कि आज की परिस्थितियों पर ध्यान देने की कोई ज़रूरत नहीं है। जनता को अमृत काल के आने तक धीरज रखने के लिए बजट में कहा गया है। बजट में भारत के लोगों का मजाक उड़ाया गया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि बेशक देश के दौलतमंद लोगों की शह पर हो रहा है। रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के बजाय वित्त मंत्री ने एक तरह से ये एलान कर दिया कि क्रिप्टोकरेंसी आज से देश में वैध हो गई है। बजट में देश के 99.99 फीसदी लोगों के लिए फायदे की बात नहीं है.”
उन्होंने कहा, “भारत की अर्थव्यवस्था अभी भी महामारी के पहले वाले स्तर तक नहीं पहुंची है. पिछले दो सालों में लाखों लोगों की नौकरियां गई हैं। लगभग 60 लाख मंझोले उद्योग बंद हो गए हैं।. महामारी के दो सालों में देश के 84 फीसदी लोगों की आमदनी कम हुई है.।