रायपुर।जांजगीर-चांपा जिले के चांपा के वार्ड क्रमांक- 10 की निवासी जुमरातन पति गफ्फार खान को वितरित स्मार्ट फोन के फटने की सूचना प्राप्त होने पर जिला प्रशासन जांजगीर और माईक्रोमैक्स की तकनीकी टीम द्वारा तत्काल जुमरातन के घर जाकर फोन का परीक्षण किया गया। परीक्षण के बाद अधिकारियों ने बताया कि जुमरातन को वितरित फोन फटा नहीं है, बल्कि फोन का कव्हर जलने के निशान और बैटरी फूली पायी गई। तकनीकी टीम द्वारा मोबाईल फोन, बैटरी और चार्जर को विस्तृत जांच के लिए लैब भेजा जा रहा है। चिप्स के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि इस घटना के बाद श्रीमती जुमरातन को आज नया स्मार्ट फोन दे दिया गया है।
छत्तीसगढ़ इन्फोटेक प्रमोशन सोसायटी (चिप्स) के अधिकारियों ने संचार क्रांति योजना के तहत वितरित स्मार्टफोन को पूरी तरह सुरक्षित बताया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्वतंत्र संस्थाओं द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार परीक्षण कराने के बाद फोन का वितरण जा रहा है। भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग अन्तर्गत कार्यरत एसटीक्यूसी (स्टैण्डराईजेशन टेस्टिंग एण्ड क्वालिटी सरटिफिकेशन) के द्वारा स्मार्ट फोन के समस्त कंपोनेंट्स का परीक्षण एवं प्रमाणीकरण वितरण के पूर्व कराया गया है।
वितरित फोन की बैटरी भी बीआईएस (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्स) द्वारा प्रमाणित की गई है। तकनीकी अधिकारियों के अनुसार मोबाईल फोन को अधिक समय तक चार्ज किए जाने, अमानक अथवा गलत चार्जर का उपयोग करने, घर में अर्थिंग की समस्या होने, बैटरी के आसपास अत्यधिक नमी होने अथवा मोबाईल फोन के पानी में सम्पर्क में आने से यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।
चिप्स के अधिकारियों ने बताया कि स्काई योजना के अन्तर्गत छत्तीसगढ़ में अब तक लगभग तीन लाख स्मार्ट फोन का वितरण किया जा चुका है। फोन की गुणवत्ता के संबंध में अभी तक कहीं से किसी प्रकार का शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। पूरे देश में इस मॉडल के 30 लाख से ज्यादा फोन की बिक्री हो चुकी है और उनमें किसी तरह की शिकायत नहीं मिली है। अधिकारियों ने बताया कि वितरण से पूर्व फोन की गुणवत्ता की मान्यता प्राप्त संस्थाओं से जांच कराई गई है।
स्मार्टफोन के उपयोग में आने वाले कंपोनेट्स का आरओएचएस (रिस्ट्रिक्शन ऑफ हेजर्डस मटेरियल्स) प्रमाणीकरण वितरण से पूर्व प्राप्त किया गया है। इसके अलावा स्मार्टफोन निर्माता कम्पनी द्वारा फोन निर्माण के पूर्व ’डिवाइस क्वालिफिकेशन टेस्ट’ तथा निर्माण के बाद ’प्रोडक्शन लाईन टेस्टिंग ’भी कराया गया है।