नसबन्दी,गर्भाशय काण्ड पर..स्मृति ईरानी लगाएंगी हुंकार? ..विधायक शैलेष ने कहा..महिला जगदत को सबरीमाला का बयान आज भी याद..क्या इस बात की मांगेंगी माफी

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—स्मृति ईरानी के एक दिवसीय बिलासपुर दौरे को लेकर विधायक शैलेष पाण्डेय ने तंज कसा है। शैलेष पाण्डेय ने कहा कि यदि केन्द्रीय मंत्री में दम हो तो सबरीमाला मामले में आपत्तीजनक बयान के लिए माफी मांगे। साथ ही नसबन्दी और गर्भाशय काण्ड में तात्कालीन भाजपा सरकार के नेताओं के खिलाफ हुंकार भरें। अपनी रैली में बताएं कि दोषी सरकार को किसने क्लीन चिट दिया है।

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                   नगर विधायक शैलेष पाण्डेय ने कहा कि बिलासपुर की जनता खासकर महिलाएं केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानीका बेसब्री से इंतजार कर रही हैं। शैलेष ने बताया कि नसबन्दी काण्डय डेढ़ दर्जन से अधिक महिलाओं की मौत हुई है। मामले को भाजपा सरकार ने रफा दफा किया है। आज पीड़ित परिवार खून के आंसू रोने को मजबूर है। नसबन्दी काण्ड ने सरकार की लापरवाही से बच्चों ने मां को,, पिता ने बेटी को और पति ने पत्नी को हमेशा के खो दिया। 

                                   शैलेष ने कहा मुझे पूरा विश्वास है कि एक महिला होने के कारण केन्द्रीय मंत्री को इन रिश्तों की अहमियत अच्छी तरह से पता होगा। जाहिर सी बात है इन रिश्तों को हमेशा के तार तार तात्कालीन रमन सिंह सरकार ने किया है। इसके लिए केन्द्रीय मंत्री को अपने नेताओं के खिलाफ हुंकार करना चाहिए। पीड़ित परिवार से माफी मांगनी चाहिए।

       शैलेष पाण्डेय ने अपने बयान के बहाने केन्द्रीय मंत्री को कटाक्ष भी किया। उन्होने कहा कि केन्द्रीय मंत्री का रीयल ही नहीं बल्कि रील लाइफ भी चर्चा का विषय है। उन्होने कई सीरीयल में मां,बहू , पत्नी और घर की जिम्मेदार मुखिया की भूमिका का निर्वहन किया है। सवाल है कि क्या वह हुंकार रैली के मंच से पीड़ित महिलाओं के समर्थन में दोषियों के खिलाफ हुंकार लगाएंगी। दोषियों को सजा दिलाएंगी। 

                  शैलेष पाण्डेय ने याद दिलाया कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर केन्द्रीय मंत्री जैसा बयान दिया..शायद ही एक महिला की तरफ से महिलाओं के खिलाफ ऐसा कभी बयान दिया गया होगा। ईश्वर ने महिला के रूप में मां,बहन ,बेटी,का नाता रिश्ता बनाया है। हमारे धर्मग्रंथों में मां को देवी का दर्जा हासिल है। किसी भी पूजा पाठ और अनुष्टान में महिलाओं की भूमिका सर्वोपरि है।  बावजूद बयान दिया जाना कि महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश गंदगी फैलाने के लिे नहीं दिया जाना चाहिए। इस बयान से देश की आधी आबादी को बेइज्जत किया गया है। महिला वर्ग को आज भी केन्द्रीय मंत्री का बयान याद है। 

     विधायक पाण्डेय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 15 साल सत्ता में रही भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में नसबंदी, गर्भाशय और आंख फोड़वा कांड हुआ। महिला संबधित अपराध भी चरम पर रहा । बावजूद इसके भाजपाई चुप्पी साधे रहे। जब पेट्रोल-डीजल के दाम कम थे.. तब स्मृति ईरानी को महंगाई नजर आ रही थी। सिलेंडर सिर पर उठाकर हाय तौबा मचा रही थी। सब्जियों का माला पहन कर नौटंकी कर रही थी। उन्हें शायद याद ना हो क्योंकि वह देश की बड़ी मंत्री है। लेकिन बताना जरूरी है कि इस समय सिलेंडर, पेट्रोल, डीजल का दाम आसमान पर है। अच्छा होता कि अब वह सड़क पर उतरतीं और महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन करती। जैसे उन्होने साल 2003 में गुजरात के तात्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस्तीफा मांगा था। धरना प्रदर्शन का एलान किया था। क्या यह हिम्मत स्मृति ईरानी बिलासपुर में दिखाएंगी। 

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