रामानुजगंज(पृथ्वीलाल केशरी) सामुदायिक पुलिसिंग के तहत पुलिस और जनता के बीच संबंधों को और बेहतर बनाने तथा असामाजिक गतिविधियों के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही करने के लिए बलरामपुर पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू ने अपना व्हाट्सएप नंबर 94791 93800 सार्वजनिक किया है।
असामाजिक सामाजिक गतिविधियों पर लगेगा रोक
जन भावनाओं के अनुरूप पुलिसिंग तथा प्रकरणों में पुलिस की ओर से संवेदनशीलता की कमी की स्थिति में सीधे पुलिस अधीक्षक को व्हाट्सएप नंबर पर सूचना देने का आग्रह भी उन्होंने किया है। एसपी रामकृष्ण साहू ने कहा है कि उनका यह मोबाइल व्हाट्सएप नंबर जनता और पुलिस के बीच सेतु का काम करेगा। जनता असामाजिक गतिविधियों पर रोक तथा असामाजिक और आपराधिक तत्वों के खिलाफ सीधे उनके नंबर पर जानकारी दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकरण में शिकायतकर्ता को प्रक्रिया के तहत सामने आना होता है। थाने में सूचना देनी होती है। कार्यवाही नहीं होने की स्थिति में उच्चाधिकारियों को सूचना देनी पड़ती है। यदि ऐसी परिस्थिति निर्मित हो रही है और शिकायतकर्ता को लगता है कि उसके प्रकरण में संवेदनशीलता नहीं बरती जा रही है तो भी वह सीधे उनके व्हाट्सएप नंबर पर सूचना दे सकता है।
मनमाने कार्रवाई पर लगेगा रोक
बलरामपुर जिले के कई थाना, जिला मुख्यालय से अत्यधिक दूर है। भौगोलिक रूप से कई थाना क्षेत्र चुनौतियों से भरा है। ऐसे दूरस्थ इलाकों में पुलिस की ओर से कई बार मनमाना कार्यवाही करने की भी शिकायत सामने आती है। कई लोग पुलिस तक महत्वपूर्ण जानकारी भी किसी प्रकार का कोई संपर्क नहीं हो पाने के कारण नहीं पहुंचा पाते हैं। कठिन परिस्थितियों में पुलिस अधीक्षक का यह व्हाट्सएप नंबर जनता में पुलिस के विश्वास को और मजबूत करने का कार्य करेगा।
5 दिन बाद भी चोरी के नहीं मिले पुलिस को कोई सुराग
रामानुजगंज नगर के हृदय स्थलीय वार्ड नंबर 11 में हनुमान मंदिर के पास 5 दिन पूर्व व्यवसाई कन्हैया लाल अग्रवाल के यहां लाखों रुपए की जेवर व नकदी की चोरी मामले में पुलिस को अब तक कोई सुराग नहीं मिल सका है। व्यवसाई कन्हैया लाल अग्रवाल अपना इलाज कराने अंबिकापुर गए हुए थे इसी बीच पता चला कि उनके घर में चोरी हो गई है घटना शुक्रवार की रात को बताया जा रहा है शनिवार की सुबह जब उनका मुनीम घर चेक करने गया तो दरवाजे का ताला टूटा मिला था। घर में सामान बिखरा हुआ था तथा आलमारी में रखे 37 हजार रुपए नकदी सहित करीब ढाई लाख के जेवर बदमाश ले गए थे। पुलिस अधिकारियों ने मौका मुआयना करने के बाद पुलिस टीमों का गठन तो कर दिया था। लेकिन यह टीमें पांच दिन बाद भी वारदात को अंजाम देने वालों का सुराग नहीं लगा पाई है जो पूरे नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है।