मई दिवस पर ख़ास : कोरोना के भयावह अंधकार में ज़ान की परवाह किए बिना घरों में उज़ाला पहुंचा रहे बिज़ली कर्मचारियों का भी दर्द सुनो सरकार…… अब तक जान गवाँ चुके हैं तीस से अधिक कर्मचारी

Chief Editor
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बिलासपुर । मई दिवस पर हर जगह मज़दूरों की चिंता करते हुए बड़ी- बड़ी बातें की जा रही हैं. लेकिन कोरोना संकट के इस भयानक दौर में दिन – रात बिना रुके – बिना थके मेहनत करकते हुए लोगों को बिज़ली मुहैया करा रहे मैदानी कर्मचारियों कि फ़िकर करने वाला कोई नज़र नहीं आ रहा है। सड़कों के किनारे लगे ख़ंबों और उस पर हाइ वोल्टेज़ बिजली के साथ झूल रहे तार पर लगातार नज़र रख़कर अपनी ज़ान की परवाह किए बिना  काम कर रहे कर्मचारियों में से करीब तीन हजार से अधिक खुद भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं और उनमें से करीब तीस से अधिक लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं । लेकिन इन कर्मचारियों को न तो अब तक कोरोना वॉरियर्स का दर्ज़ा  मिला है और न ही उनके परिवारों को किसी तरह की मदद मिली है। मई दिवस पर बड़ी –बड़ी बातों के साथ इन जांबांज़ कर्मचारियों की भी सुध लेने कोई आगे आ तो इनका कुछ भला हो सकता है और आगे की ज़ंग में जूझने के लिए इनकी हौसला आफ़ज़ाई हो सकती है।

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 छत्तीसगढ़ के बिज़ली कर्मचारियों की हालत को छत्तीसगढ़ बिजली कर्मचारी महासंघ के महामंत्री हरीश कुमार चौहान की ओर से दिए गए ज्ञापन के शब्दों को पढकर समाझा ज़ा सकता है। ज़िसे उन्होने पिछले अप्रैल महीने के आख़िर में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम पर बेज़ा था । जिसमें उन्होने लिख़ा है कि कोरोना वायरस (कोविड- 19) के संक्रमण का सामना करते हुए 24+7+ 365  ( पूरे साल – हर – दिन हफ़्ते ) बिजली व्यवस्था दुरस्त रखने वाले बिजली कर्मचारियों को (फ्रंट लाईन वर्कर) कोरोना वारियर्स का दर्जा देते हुए विशेष बीमा करते करने एवं संक्रमित/कोरोन्टाईन कर्मचारियों को कार्य के दौरान दुर्घटना की भांति ही चिकित्सा लाभ एवं अवकाश की पात्रता के साथ मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को तत्काल अनुकंपा नियुक्ति प्रदान किया ज़ाना चाहिए । उन्होने लिख़ा है कि कि छत्तीसगढ़ बिजली कर्मचारी संघ-महासंघ द्वारा पत्रों के माध्यम से विद्युत कंपनियों के उत्पादन गृहों/उपकेन्द्रों/कार्यालयों तथा अन्यत्र मैदानी कार्यो पर तैनात व ड्यूटी में लगाये गये नियमित/संविदा/बाह्य स्त्रौत के कर्मचारियों की, इस कोरोना काल में महती भूमिका को ध्यान में रखते हुए (फ्रंट लाईन वर्कर) कोरोना वारियर्स का दर्जा देते हुए विशेष बीमा योजना के दायरे में लाते हुए पचास लाख रूपये बीमा कव्हरेज प्रदान किये जाने हेतु निवेदन किया गया है । ताकि विद्युत कर्मचारी मानसिक दृढ़ता के साथ, अपना कर्तव्य का निर्वहन कर सके । परन्तु आज दिनांक तक कोरोना से पीडि़त कर्मी, उनके इलाज, उनके अवकाश, संबंधित कार्यालय एवं साथी कर्मचारियों की सुरक्षा हेतु पॉवर कंपनी द्वारा अधिकारियों/कर्मचारियों के आशानुरूप किसी भी प्रकार के परिपत्र अथवा दिशानिर्देश जारी नहीं किये गये है ।

            महासंघ ने  विद्युत कंपनी में कार्यरत अधिकारियां/कर्मचारियों (नियमित, संविदा व आउटसोर्स ठेका कर्मचारी) की ओर आकृष्ट किया  है । जो इस कोरोना काल में, एैसी विकट स्थिति में भी संक्रमित होने की परवाह किये बगैर, विद्युत कंपनी के उत्पादन गृहो/उपकेन्द्रों/कार्यालयों एवं मैदानी स्तर दिन – रात  सतत् विद्युत प्रदाय करते हुए बिजली व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने का स्तुत्य कार्य कर रहे हैं । जिसके कारण वर्तमान में रायपुर राजधानी के साथ ही प्रदेश के सभी क्षेत्रीय/वृत्त/संभाग/ उपसंभाग/वितरण केन्द्रों के साथ ही अन्य कार्यालयों में भी विद्युत अधिकारी/कर्मचारी कोरोना संक्रमित (पॉजीटिव) हो रहे है एवं कई अधिकारी/कर्मचारी समय पर उचित मार्गदर्शन एवं चिकित्सा सुविधा के अभाव में इस महामारी में काल के गर्भ में समा गये है । महासंघ का मानना है कि बिजली कर्मियों को ऐसा लगता है कि इस महामारी के दौर में, उनके कार्यो का वास्तविक मूल्यांकन शायद नहीं किया जा रहा है । जबकि वे भी अपनी जान के साथ ही अपने परिवार की जान को जोखिम में डालकर  प्रदेश को रौशन रखने का अति महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं ।

            महासंघ को प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में प्रदेश के नियमित/संविदा/बाह्य स्त्रौत में कार्यरत कुल विद्युत अधिकारियों/कर्मचारियों में से लगभग 3377 कोरोना से प्रभावित हुए है । जिसमें से 2927 होम कोरोन्टाईन एवं 151 होस्पीटलाईजेशन हुए । इसमें सबसे दुखद यह है कि लगभग 32 अधिकारियों एवं कर्मचारियों का देहान्त इस कोरोना काल में हुआ है । जिसकी तुलना प्रदेश के किसी भी अन्य शासकीय/अर्धशासकीय संस्थान से की जा सकती है । इसे अत्यत गंभीरता से लिया जाना अतिआवश्यक होगा ।      

उन्होने माँग रखी है कि  छत्तीसगढ स्टेट पॉवर कंपनी के (नियमित/संविदा/बाह्य स्त्रौत) कर्मियों को भी कोरोना वारियर्स (फ्रंट लाईन वर्कर) मानते हुए पचास लाख रूपये के बीमा कव्हरेज का संरक्षण एवं तद्नुसार सुविधा प्रदान की जावे।  संक्रमित/कोरोन्टाईन अधिकारियों/कर्मचारियों को कार्य के दौरान दुर्घटना की भांति ही सवैतनिक अवकाश की पात्रता प्रदान के साथ ही संक्रमित अधिकारियों/कर्मचारियों को एवं उनके परिवार के चिकित्सा व्यय को पूरा-पूरा भुगतान कंपनी द्वारा किये जाने के सुस्पष्ट आदेश जारी किये जावे एवं पीडित कर्मी से संबंधित कार्यालय, साथी कर्मचारियों की सुरक्षा हेतु समुचित स्पष्ट परिपत्र/दिशानिर्देश जारी किये जावें ।छत्तीसगढ स्टेट पॉवर कंपनी के रायपुर के दो के साथ ही भिलाई, बिलासपुर, जगदलपुर एवं कोरबा में स्थित औषधालय में बिजली अधिकारियों/कर्मचारियों एवं उनके परिवार को मुफ्त वेक्सीनेशन किया जावें ।   कोरोना से बचाव हेतु उपयोगी वेक्सिन रेमीडिसीवर की आवश्यक्ता पड़ने पर तत्काल उपलब्ध करने की व्यवस्था की जावें ।  कोरोना की तत्काल जांच हेतु एन्टीजन टेस्ट की व्यवस्था की जावें ।

इसी तरह यह माँग भी है कि  छत्तीसगढ स्टेट पॉवर कंपनी में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों के कोरोना से दिवंगत होने पर उनके आश्रितों को तत्काल अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जावें।मध्यप्रदेश की एवं अन्य राज्यों की भांति ही कोरोना से पीडि़त अधिकारियों/कर्मचारियों को न्यूनतम 3. लाख का कोरोना अग्रिम प्रदान किये जाने हेतु तत्काल आदेश प्रसारित किया जावें ।

छत्तीसगढ स्टेट पॉवर कंपनी में संविदा एवं आउटसोर्स में कार्यरत कर्मचारियों को मानवता के नाते संवेदनशीलता का परिचय देकर इंसान का दर्जा प्रदान करते हुए वर्तमान में उनके द्वारा कंपनी के कार्यो का जिस स्तर पर सिमित संसाधनों के साथ पूरी लगन एवं निष्ठा के साथ संपादन किया जा रहा है । उसका उचित मूल्यांकन कर उन्हें एवं परिवार को उत्तम स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराते हुए, गैरो जैसा व्यवहार न कर नियमित कर्मचारियों की भांति ही अपनो जैसा व्यवहार किया जावे ।

 छत्तीसगढ स्टेट पॉवर कंपनी के विभिन्न औषधालय में पदस्थ चिकित्साधिकारियों को क्षेत्रीय स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त करते हुए प्रदेश के विभिन्न प्रमुख अस्पतालों से समन्वय स्थापित करते हुए संबंधित क्षेत्र में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों को कोरोना से पीड़ित होने पर उचित मार्गदर्शन प्रदान करते हुए अस्पताल में भर्ती हेतु पूर्ण सहयोग प्रदान किया जावे ।

महासंघ ने मांग की  है कि उपरोक्त तथ्यों पर गंभीरतापूर्वक विचार कर विद्युत कंपनी प्रबंधन को उचित निर्देश प्रदान करने की कृपा करेंगें  । ताकि विद्युत कंपनी के अधिकारी/कर्मचारी पूर्ण सामर्थ्य एवं उच्च मनोबल के साथ अपने कर्त्तव्यों का निडर होकर निर्विघ्न पालन कर सके ।इस ज्ञापन की कॉपी प्रदेश के श्रम मंत्री शिव कुमार डहरिया सहित कई अधिकारियों को भी भेजी गई है। मज़दूर दिवस के दिन बिज़ली कर्मचारियों को भी उम्मीद है कि उनके प्रति संवेदना दिख़ाते हुए सरकार की ओर से कोई कदम उठाया जाएगा।

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