स्पिक मैके : ए वी एम में पश्चिम बंगाल के छाऊ नर्तकों ने जमाया रंग,पूरे छत्तीसगढ़ में देंगे प्रस्तुति

Chief Editor
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बिलासपुर । आधारशिला विद्या मंदिर एवं स्पिक्मैके के संयुक्त प्रयास से ए. वी.एम कोनी ब्रांच के प्रांगन में “छाऊ नृत्य” की प्रस्तुति की गयी | इस नृत्य में शैव, शक्ति और वैष्णव परंपरा में पाए जाने वाले धार्मिक विषयों के साथ मार्शल आर्ट, कलाबाजी और एथलेटिक्स का प्रदशर्न किया जाता है। छाऊ नृत्य के यह लोक कलाकार राज्य के विभिन्न शहरों में जाकर अलग-अलग स्कूलों में इस कला की प्रस्तुति देंगे l
पश्चिम बंगाल के पुरूलिया जिले से आए छाऊ नृत्य कलाकारों की टीम ने बिलासपुर की भूमि पर कदम रखते ही अपनी पहली व मनमोहक प्रस्तुति से कार्यक्रम का शुभारंभ कर वहाँ उपस्थित समस्त छात्रों व शिक्षकगण का मनमोह लिया । बच्चे ने कलाकारों का नृत्य कौशल देख तालियाँ बजाकर उनका प्रोत्साहन किया | कलाकारों बच्चों को छाऊ के संबंध में भी बताया |
विद्यालय के चेयरमैन डॉ. अजय श्रीवास्तव पिछले 25 वर्षों से स्पीक मैके संस्था से जुड़े हैं एवं गत 15 वर्षों से वे राज्य के स्टेट कोऑर्डिनेटर पद पर आसीन हो अपनी सेवा प्रदान कर रहें हैं । उन्होंने कहा कि स्पीक मैके का उद्देश्य सदैव से ही आज की युवा पीढ़ी को अपनी भारतीय संस्कृति व लोककलाओं से जोड़कर रखने का है और यह प्रयास अथक व निरंतर रूप से जारी है ।
छाऊ नर्तकों द्वारा बनाई गई कहानियों में हिंदू महाकाव्य, रामायण, महाभारत, पुराणों और अन्य भारतीय साहित्य शामिल है | इसमें पूर्वी भारत में मूल मार्शल और आदिवासी परंपराएं हैं | यह तीन शैलियों में पाया जाता है | वेशभूषा शैलियों के बीच भिन्न होती है जिनमें पात्रों की पहचान के लिए पुरुलिया और सेराकोटा मुखौटे का उपयोग करते हैं l इस नृत्य मे पारंपरिक तौर से सभी पुरुष कलाकार ही होते हैं l छाऊ रार क्षेत्र का लोक नृत्य है। इसके अतिरिक्त यह नृत्य मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, झारखंड, उड़ीसा क्षेत्र मे त्योहारों के दौरान किया जाता है | विशेष रूप से चैत्र पर्व का वसंत उत्सव जिसमें पूरा समुदाय भाग लेता है। विद्यालय के डायरेक्टर एस.के. जनास्वामी ने सभी कलाकारों का धन्यवाद् किया एवं उनके अद्भुत प्रदर्शन की खुलकर तारीफ की । वहीं विद्यालय की प्राचार्या जी.आर. मधुलिका ने बच्चों को भारतीय संस्कृति एवं लोक कलाओं के महत्व के विषय में संक्षिप्त जानकारी देते हुए कहा कि किसी भी देश की पहचान वह प्रसिद्धी उनकी लोक कलाओं से ही जानी जाती है | अतः लोककलाओं को नजरअंदाज ना कर सहृदय अपनाना चाहिए l
एवीएम मे आयोजित इस अद्भुत कार्यक्रम का सफल संचालन भारती जाजोदिया मैडम के नेतृत्व मे पूर्ण हुआ जिसमें मंच संचालन का गौरव कक्षा आठवीं की छात्रा अंशी पाठक व हर्षिका पांडेय ने प्राप्त किया।
कल माउंट लिट्रा ज़ी स्कूल मैं प्रता 9 बजे और बिलासा गर्ल्स कॉलेज मैं 3बजे प्रस्तुति होगी।

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