छात्र युवा रेलवे जोन नागरिक संघर्ष समिति ने रेलवे स्टेशन की ऐतिहासिक इमारत को बचाकर ही विकास कार्य करने की मांग की
इस ऐतिहासिक इमारत से बिलासपुर की जनता का भावनात्मक लगाव और उसे संरक्षित किया जाना जरूरी , समिति इस संबंध में सभी सांसद और विधायकों को ज्ञापन भी सौंपेगी
बिलासपुर । छात्र युवा रेलवे जोन नागरिक संघर्ष समिति ने बिलासपुर रेलवे स्टेशन की नवीकरण योजना का स्वागत करते हुए इसमें संशोधन की मांग की है।समिति का कहना है कि 1890 में निर्मित बिलासपुर स्टेशन की ऐतिहासिक इमारत को संरक्षित करके ही कोई भी विकास कार्य किया जाना चाहिए ।
समिति ने जानकारी देते हुए बताया कि बिलासा बाई केवटीन के नाम पर बसे गांव, एक शहर के रूप में रेलवे के मुख्यालय बनने के बाद ही आया और यहां जो इमारतें 100 वर्ष से अधिक पुरानी है उनमें रेलवे स्टेशन की इमारत 134 साल पुरानी है ।इससे अधिक पुरानी संभवत केवल कलेक्टरेट बिल्डिंग है और ऐसी इमारत का संरक्षण आवश्यक है।सिटी कोतवाली और तहसील कार्यालय दो अन्य ऐसी बिल्डिंग हैं जो 100 वर्ष से अधिक पुरानी है, लेकिन रेलवे स्टेशन की इमारत में उपयोग किया गया वास्तुकला अपने आप में अद्भुत है ।
ऐसे सांस्कृतिक धरोहर को हमें हर हालत में संरक्षित करना चाहिए ।
समिति ने कहा कि इस बात से फर्क नहीं पड़ता है कि अभी तक यह बिल्डिंग आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के संरक्षित इमारत की सूची में है या नहीं । कई इमारतें पहले ऐसी सूची में शामिल हो जाती है और कई इमारतें ऐसी है जो अभी शामिल नहीं हुई है लेकिन उनका संरक्षण किया जाना जरूरी है।
134 वर्ष की इस पुरानी इमारत में एक समय राष्ट्रकवि गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर भी आकर रुक चुके हैं । वे जब अपनी धर्मपत्नी का इलाज पेंड्रा के सैनिटोरियम में करा रहे थे तो एक से अधिक बार उन्होंने इस ऐतिहासिक इमारत के विश्रामगृह में विश्राम किया है और कुछ कविताएं भी लिखी हैं। जिनमें से एक आज भी स्टेशन के पटल पर अंकित है।
छात्र युवा नागरिक रेलवे जोन संघर्ष समिति ने कहा कि बिलासपुर स्टेशन में पर्याप्त भूमि उपलब्ध है और इस पुरानी इमारत जिसका क्षेत्र भी बहुत अधिक नहीं है , उसे बचाकर सभी विकास कार्य पूरे किए जा सकते हैं आवश्यकता केवल इच्छा शक्ति की है।
समिति ने बताया कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक पहले यह कह चुकी है कि इस इमारत को सुरक्षित किया जाएगा अतः अब क्यों इस इमारत को तोड़ने की योजना बनाई जा रही है, यह समझ से परे हैं।
समिति ने कहा कि वह इस संबंध में सभी स्थानीय जनप्रतिनिधियों सांसद और विधायकों को ज्ञापन सौंपेंगे ।जिससे कि वह आम जनता की भावना केंद्र सरकार तक पहुंचा कर बिलासपुर स्टेशन की इस ऐतिहासिक इमारत का संरक्षण करवाए और हमारी पुरातात्विक धरोहर का संरक्षण हो।