सफलता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार..IG डांगी ने बताया.. इतिहास से सीखने की जरूरत..गलतिया दुहराने की नहीं

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— स्वतंत्रता सेनानियों ने देश को एकसूत्र में पिरोने के लिए अपना जीवन अर्पित कर दिया। अब युवाओं की जिम्मेदारी है कि देश को सर्वश्रेष्ठ बनाए। देश का यु वा भगत सिंह, प्रफुल्ल चाकी, खुदीराम बोस, जैसे राष्ट्रभक्तों की जीवन से प्रेरणा लें। इतिहास गवाह है कि दुनिया में जो  कुछ भी श्रेष्ठ हुआ है या किया गया है। उसमें युवाओं की भूमिका सर्वाधिक है। यह बातें यह बातें  आईजी रतनलाल डांगी ने केन्द्रीय विश्वविद्यालय में आयोजित सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के केंद्रीय संचार ब्यूरो रायपुर के समापन कार्यक्रम के दौरान कही। 
 
                  आजादी का अमृत महोत्सव, एक भारत श्रेष्ठ भारत त्रिदिवसीय मल्टीमीडिया चित्र प्रदर्शनी कार्यक्रम में आईजी ने समापन अवसर में शिरकत किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को युवावस्था में ट्रेन से उतार दिया गया। इस घटना से ही उन्हें देश की आजादी के लिए कुछ कर गुजरने क प्रण लिया। आईजी ने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत का सिद्धांत अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमारे देश की विविधता को बनाए रखने के लिए हम सबको उदारवादी होना होगा। हमारी संस्कृति में वसुधैव कुटुम्बकम् का भाव है। यही भाव हमे सर्वश्रेष्ण बनाता है।
 
                कार्यक्रम में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतिभागियों ने एकीकृत भारत के सर्जक लौहपुरुष सरदार बल्लभ पटेल पर अपने विचारों को सबके सामने रखा। प्रदर्शनी के मुख्य अधिकारी सीबीसी कार्यालय प्रमुख शैलेष फाये ने बताया कि प्रदर्शनी आयोजन का उद्देश्य लोगों के बीच एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना का प्रसार करना है। लोग अपने देश के स्वतंत्रता सेनानियों के साथ-साथ एक भारत श्रेष्ठ भारत के उद्देश्यों को भी जाने।
 
सफलता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है
 
      आईजी ने सभी प्रतिभागियों को बाल गंगाधर तिलक के स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है के नारे से प्रेरणा लेने को कहा। आईजी ने बताया कि देश को आजादी मिल चुकी। अब हमें  सफलता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है वाक्य के साथ आगे बढ़ना होगा। यदि व्यक्ति चाह ले कि सफल होना है तो कोई बाधा सफल होने से नहीं रोक सकती।  इस दौरान उन्होंने सभी को जीवन मंत्र का भी पाठ पढ़ाया। 
 
प्रदर्शनी देखें, इतिहास याद रखें
 
         रतनलाल डांगी ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया।  प्रदर्शनी में देश की आजादी की लड़ाई के पहले संग्राम से लेकर देश की आजादी मिलने तक में स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान के बारे में जानने के लिए सभी को प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि हमें इतिहास से सीखने की जरूरत है। इतिहास हमें गलतियों को दुबारा नहीं दुहराने और  बेहतर करने को कहता है।
 
सहयोग के लिए किया सम्मान
 
       चित्र प्रदर्शनी के समापन अवसर पर सीबीसी रायपुर ने सहयोग के लिए भारतीय डाक, एक भारत श्रेष्ठ भारत प्रकोष्ठ, ग्रामीण तकनीकी विभाग, जनसंचार विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. अमिता, राजभाषा अधिकारी अखिलेश तिवारी, पीएचडी शोधार्थी अविनाश त्रिपाठी को सीबीसी रायपुर के कार्यालय प्रमुख शैलेष फाये द्वारा सम्मानित किया गया। 
 
इनको मिला पुरस्कार
 
        फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में सतीश सिंह, दीपांजलि शुक्ला, नैतिका साहू, तान्या पांडे, आकृति कश्यप विजेता रहे। निबंध प्रतियोगिता में श्वेता डहरिया, संजना डहरिया, साकेत कपाड़िया, विधि अग्रवाल, दीपांजलि शुक्ल ने बाजी मारे। गुजराती व्यंजन प्रतियोगिता में शुभा, निखिल साहू, संजना डहरिया, सुष्मिता बारीक, अभिषेक आचार्य अव्वल रहे। रंगोली प्रतियोगिता में मनीषा, अंजना बंजारे, तनुश्री गुप्ता, निकिता दुबे व शुभा ने अपना स्थान बनाया। भाषण प्रतियोगिता में निकिता दुबे, झलक सचदेव, सतीश सिंह, आशीष होता व प्रत्यक्षा शर्मा विजेता रहे। सभी प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि आईजी रतनलाल डांगी द्वारा पुरस्कार व प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।
 
 
 
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