नईदिल्ली।सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के उस प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है जिसमें उसने सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की तेज़ी से निपटारे के लिए 12 विशेष अदालतें बनाने का प्रस्ताव दिया था।केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि सरकार सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों के जल्द निपटारे के लिए 12 विशेष अदालतें बनाएगी।
इसके लिए सरकार ने 7.80 करोड़ रुपये आवंटित करने की योजना भी तैयार की है।इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान दागी सांसद और विधायकों के खिलाफ लंबित मुकदमों को जल्द निपटान को देश हित में बताते हुए सरकार से विशेष अदालतों के गठन किए जाने की रूप-रेखा प्रस्तुत करने का आदेश दिया था।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक 2014 में कुल 1581 सांसदों/विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित थे। इसमें लोकसभा के 184 और राज्यसभा के 44 सांसद थे।लिस्ट में महाराष्ट्र से 160, यूपी के 143, बिहार के 141 और पश्चिम बंगाल के 107 विधायकों पर मुकदमे लंबित थे।सरकार 12 स्पेशल कोर्ट बनाने की मांग कर रही है, लेकिन इसके बावजूद 21 ऐसे राज्य रह जाएंगे जिनमे कोई विशेष अदालत नहीं होगी। इन राज्यों में गुजरात (सांसदों/ विधायको के खिलाफ 54 केस), झारखंड (52 केस), ओड़िसा (52 केस) के नाम शामिल है।