सरगुजा- शिक्षकों और कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाओं में हो रही कटौती ,संगठन ने रखी यह मांग


अम्बिकापुर: । भौगोलिक दृष्टि के हिसाब से शासन की ओर से कर्मचारियों को कई सुविधाएं दी जाती हैं । शिक्षक संघ का आरोप है कि अनुसूचित क्षेत्र होने की वजह से दी जाने वाली सुविधाओं में सरगुजा संभाग में कटौती की जा रही है। शिक्षको को हर वर्ष 10 दिवस के अतिरिक्त अर्जित अवकाश का नुकसान हो रहा है। संभाग में विभाग में शासन ओर से निर्धारित पद संरचना के अनुरूप उर्दू, संस्कृति और हिंदी के पदों का विभाजन कर पदोन्नति सूची जारी किये जाने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोशिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं संभागीय प्रभारी हरेंद्र सिंह के नेतृत्व में रंजय सिंह प्रदेश महामंत्री,मनोज वर्मा जिलाध्यक्ष,अमित सिंह जिला उपाध्यक्ष,काजेश घोष जिला उपाध्यक्ष इत्यादि ने आज संयुक्त संचालक लोक शिक्षण सरगुजा संभाग एवं संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा से मिलकर संभाग के शिक्षकों को विभिन्न सुविधाओं से वंचित रखने की जानकारी देते हुए निम्नानुसार विषयों पर स्पष्ट एवं समुचित दिशा निर्देश जारी करने की मांग की है।
प्रेस नोट से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोशिएशन की सरगुजा इकाई ने गृह भाड़ा भत्ता के संबंध मेंअवगत कराया कि संभाग के शिक्षकों को छठवें वेतनमान से साथ सातवें वेतनमान में पुनरीक्षण के दौरान नियत एच.आर.ए. (गृह भाड़ा भत्ता) दिया जा रहा है। इसे नियमानुसार छठवें वेतनमान में प्रतिवर्ष काल्पनिक वेतन वृद्धि पर गणना कर रिवाइज किया जाना चाहिए। जैसा कि प्रदेश के विभिन्न विभागों एवं कर्मचारियों के संबंध में उनके आहरण संवितरण अधिकारी करते हैं ।इस संबंध में विभिन्न शासनादेशों को प्रस्तुत कर शिक्षा विभाग के कर्मचारियों के गृह भाड़ा भत्ता में प्रतिवर्ष वृद्धि करने एवं तदनुसार वेतन भुगतान हेतु निर्देश प्रसारित किए जाने की मांग की गई ।
सरगुजा संभाग के टीचर्स एसोशिएशन के पदाधिकारीयो ने 10 दिवस के अतिरिक्त अर्जित अवकाश की पात्रता के संबंध में आदिम जाति अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2008, 2009, 2010 एवं 2011 में प्रस्तुत राज्यपाल प्रतिवेदन के आधार पर बताया कि प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों को दी जाने वाली विशेष सुविधाओं के तहत प्रतिवर्ष 10 अतिरिक्त अर्जित अवकाश की पात्रता है । जिसे शासन के विभिन्न विभागों में प्रदान किया जा रहा है। लेकिन शिक्षा विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को इससे सुनियोजित ढंग से वंचित रखा जा रहा है ।उन्होंने शासनादेशों की प्रतियां प्रस्तुत कर मांग की कि इसके पात्रता के संबंध में एवं इसे समस्त कर्मचारियों की भांति शिक्षकों को भी प्रदान करने के संबंध में समुचित स्तर पर आदेश जारी किए जाएं ।
टीचर्स एसोशिएशन ने बताया कि संभाग में जारी पदोन्नति प्रक्रिया के विसंगतियों की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए संयुक्त संचालक लोक शिक्षण को अवगत कराया गया कि प्रत्येक माध्यमिक शाला में हिंदी/संस्कृत के लिए एक पद स्वीकृत है ।तदनुसार इन पदों पर पदोन्नति हेतु सम्मिलित वरिष्ठता जारी कर पदोन्नति दी जानी है किंतु कार्यालय द्वारा अपने पूर्व के निर्देशों को अधिक्रमित करते हुए विषयवार क्रमशः हिंदी संस्कृत एवं उर्दू के लिए इन पदों का विभाजन कर पृथक पृथक वरिष्ठता सूची एवं क्रमांक निर्धारित कर पदोन्नति हेतु शिक्षकों के गोपनीय प्रतिवेदन मंगाए गए हैं। ऐसे में हिंदी विषय के शिक्षकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है ।इस संबंध में संयुक्त संचालक से मांग की गई कि छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से जारी पद संरचना व वर्ष 2008 में उल्लिखित नियमों के तहत उक्त पदों पर सम्मिलित वरिष्ठता सूची के आधार पर पदोन्नति कार्य संपादित की जावे।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोशिएशन के प्रदेश महामंत्री रंजय सिंह ने बताया कि संयुक्त संचालक से हुई चर्चा में उन्होंने आश्वस्त किया है कि पदोन्नति नियमानुसार ही किया जाएगा,साथ ही उन्होंने गृह भाड़ा भत्ता एवं अनुसूचित क्षेत्रों हेतु दिए जाने वाले 10 दिवस के अतिरिक्त अर्जित अवकाश के संबंध में उचित निर्देश प्रसारित किए जाने की सहमति दी।