जशपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ में चाय और काफी की खेती को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ टी काफी बोर्ड का गठन किये जाने का निर्णय का संसदीय सचिव यूडी मिंज ने स्वागत किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से माँग की है कि जिले के किसानों को चाय कॉफी की खेती से प्रत्यक्ष रूप से जोड़ने और खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को 50 % की सब्सिडी दी जाए। जिससे किसानों में चाय एवं कॉफी की खेती के लिए रूचि उत्पन्न हो। इससे जिले के वे किसान जो चाय और काफी की खेती के क्षेत्र में शामिल होकर जिले का नाम स्थापित करना चाहते हैं, उन्हें इससे मदद मिलेगी।
टी बोर्ड का गठन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की दूरगामी सोंच,लाभान्वित होंगे जिले के कृषक
संसदीय सचिव यूडी मिंज ने कहा कि स्थानीय कृषको एवं प्रसंस्करणकर्ता लोगो को अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के लिये और राज्य में चाय-कॉफी की खेती को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ टी काफी बोर्ड का गठन आवश्यक था। जिसे मुख्यमंत्री ने गठन किया है।इससे आगामी समय में कम से कम हजारों एकड़ में चाय एवं काफी की खेती करने किया जा सकेगा।उन्होंने कहा कि सबसे अच्छी बात है कि चाय एवं काफी की खेती करने वाले किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना एवं कृषि विभाग की अन्य सुविधाएं दी जाये।
चाय की खेती शुरू करने का श्रेय परमपूज्य अघोरेश्वर बाबा संभव राम जी को:-विधायक यूडी मिंज
संसदीय सचिव यूडी मिंज ने कहा कि जशपुर जिले की जलवायु कॉफी चाय की खेती के लिए अनुकूल है।मध्य भारत में जशपुर जिला ही ऐसा है जहां पर चाय की सफल खेती की जा रही है। जिसकी शुरुआत परमपूज्य अघोरेश्वर बाबा संभव राम जी के मार्गदर्शन में की गई जिसके सार्थक परिणाम अब दिख रहा है। जिला प्रशासन के जिला खनिज न्यास मद योजना, वन विभाग के सयुक्त वन प्रबंधन एवं मनरेगा योजना से चाय खेती को प्रोत्साहित किया गया है।जिसकी शुरुआत सोगड़ा आश्रम से की गई थी अब इसका विस्तार लगभग 1000 एकड़ में किया जा रहे है। मुख्यमंत्री ने इसको विशेष ध्यान देकर इसके व्यापक उत्पादन के लिए प्रयास कर रहे है आगामी समय मे जशपुर पूरे देश मे चाय उत्पादक के रूप में जाना जाएगा।
चाय की खेती के अनुसंधान में उद्यानिकी महाविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका होगी
उन्होंने कहा कि है कि जशपुर जिले में चाय कॉफी की खेती एवं उनके प्रसंस्करण की व्यापक संभावनाये है। सरकार रणनीति के अनुसार इसके विस्तार की योजना बनाई है । जिसमें उद्यानिकी एवं उद्योग विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है।जशपुर जिले में उद्यानिकी एवं कृषि महाविद्यालय हैं जहाँ जहाँ इसका अनुसंधान कर चाय काफ़ी की खेती को नई दिशा मिलेगी।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित संस्थानों से , निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों, निवेशकों एवं कन्सल्टेंट्स की सहायता तकनीकी मार्गदर्शन लेकर काम किया जा रहा है।