सदन में तन्खा ने दागा सवाल..कोयला मंत्री ने किया अवैध उत्खनन से इंकार..वित्त राज्य मंत्री ने बताया..राज्य-केन्द्र में बराबर जीएसटी बंटवारा

BHASKAR MISHRA
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दिल्ली / बिलासपुर-। कांग्रेस से राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने सदन में महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में कोयले के अवैध खनन और  छत्तीसगढ़ राज्य को प्रतिपूर्ति जीएसटी राजस्व को लेकर सवाल उठाया। तन्खा ने महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में कोयले अवैध खनन को लेकर कोयला मंत्री से जवाब मांगा।
 
            राज्यसभा सांसद ने कहा  कि महाराष्ट्र जेनरेशन कंपनी रायगढ़ जिले के तमनार ब्लॉक में गारे पाल्मा कोयला खानों में किए गए कोयला अवैध खनन की जानकारी साझा करें। स्थानीय लोग परियोजना का विरोध क्यों कर रहे हैं।इसकी वजह क्या है और परियोजना का पर्यावरण पर कितना असर प़ड़ रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य में कोयला अवैध खनन को रोकने के लिए अब तक क्या-क्या कदम उठाए गए हैं। 
 
               तन्खा के सवाल पर कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बताया कि साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड को तमनार में गारे पाल्मा IV/2 और 3 खानों की संरक्षणता आवंटित की गई है। गारे पाल्मा IV/2 और 3 खानों के अलावा तमनार के गारे पाल्मा में अन्य संगठनों की अन्य खानों का संचालन हो रह ाहै। एसईसीएल की देखरेख में गारे पाल्मा IV/2 और 3 खानों से अवैध खनन की कोई जानकारी नहीं है। गारे पाल्मा सेक्टर को कोयला खान (विशेष उपबंध) अधिनियम 2015 के अंतर्गत मैसर्स महाराष्ट्र स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड को आवंटित किया गया है।
 
              लंबित एफसी मुद्दे के कारण इस समय खान गैर-उत्पादक है। कोयला ब्लॉक के संबंध में अवैध कोयला खनन अथवा जन विरोध की कोई सूचना नहीं हैं। एसईसीएल वर्तमान में पूर्व मैसर्स जिंदल पावर लिमिटेड (मैसर्स जेपीएल) के स्वामित्व वाली गारे पाल्मा और 3 औपनकास्ट कोयला खानों का संरक्षक है। परियोजना प्रभावित लोगपरियोजना का विरोध कर रहे हैं। कोल इंडिया लिमिटेड की आरआर नीति को अपनाने की मांग कर रहे हैं।
 
           प्रलहलाद जोशी ने बताया कि एसईसीएल ने उक्त परियोजना के लिए भूमि का अधिग्रहण नहीं किया है। इसलिए पीएपीए सीआईएल आरएंडआर नीति के अनुसार रोजगार और अन्य आरएंडआर लाभों की मांग कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त वे भूमि संबंधी आरएफसीटीएलएआरआर अधिनियम के अनुसार भूमि के मुआवजे की मांग कर रहे हैं। जिसे पूर्व के आवंटित मैसर्स जेपीएल ने अधिग्रहित किया गया था।
 
                 यद्यपि एसईसीएल के फील्ड क्षेत्रों में अवैध खनन की कोई सूचना नहीं है। फिर भी एसईसीएल ने कोयले के अवैध खनन को रोकने के लिए उपाय किए गए हैं। एसईसीएल ने पट्टेधारी क्षेत्रों में अवैध खनन को रोकने के लिए विभागीय सुरक्षा कर्मियों छत्तीसगढ़ राज्य होमगार्ड केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के कर्मियों और मध्य प्रदेश राज्य के राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल को शामिल किया है।
 
             एसईसीएल क्षेत्रों / इकाइयों में त्रिपुरा स्टेट राइफल्स (टीएसआर) इंडिया रिजर्व (यानीए 1007 कर्मियों की एक बटालियन की तैनाती को मंजूरी दे दी गई है।  टीएसआर कर्मियों वाली एक कंपनी को पहले ही तैनात किया जा चुका है। इसके अलावा तीन और कंपनियों को दिसंबरए 2021 तक और शेष बटालियन को जनवरी 2022 तक तैनात किया जाएगा।
 
               छत्तीसगढ़ राज्य को प्रतिपूर्ति किया गया जीएसटी राजस्व के संबंध में प्रश्न उठाते हुए कहा कि क्या वित्त मंत्री यह बताएंगे कि वित्तीय वर्ष  2019.2020ए 2020.2021 में छत्तीसगढ़ राज्य ने कुल कितना जीएसटी राजस्व संग्रहित किया है। छत्तीसगढ़ राज्य को कितने अंतराल में जीएसटी राजस्व की प्रतिपूर्ति की गई है। क्या छत्तीसगढ़ राज्य को जीएसटी राजस्व की प्रतिपूर्ति में कोई कमी और विलंब हुआ और यदि हाँ  तो  व्यौरा क्या है। 
 
       वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2018.19, 2019.20 एवं 2020.21 में छत्तीसगढ़ राज्य से माल एवं सेवाओं की घरेलू आपूर्ति से एकत्र की गई सकल जीएसटी संग्रह में सीजीएसटीए एसजीएसटीए आईजीएसटी और क्षतिपूर्ति उपकर शामिल हैं। सीजीएसटी को भारत के समेकित कोष (सीएफआई) में जमा किया जाता है। एसजीएसटी को संबंधित राज्यों के समेकित कोष में जमा किया जाता है। जहां तक वस्तुओं या सेवाओं या दोनों की अंतर-राज्यीय आपूर्ति का संबंध है आईजीएसटी केंद्र से लगाया और एकत्र किया जा रहा है।  उपभोग के स्थान और प्रति उपयोगिता के आधार पर प्रभाजन/ निपटान किया गया है जैसा कि माल और सेवा कर निधि निपटान नियमए 2017 के तहत परिकल्पना की गई है। राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों के मध्य 50.50 के अनुपात में तथा राज्यों में उस वित्त वर्ष के दौरान संरक्षित किए जाने वाले मासिक राजस्व के आधार पर अनंतिम/अग्रिम निपटान किया जा रहा है।
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