विवादित BEO के खिलाफ शिक्षकों ने खोला मोर्चा…नए चेहरे को मिली जिम्मेदारी..कलेक्टर के तेवर से विभाग में पसरा खौफ

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—बलौदा बाजार भाटापारा जिला प्रशासन प्रमुख के हस्तक्षेप से तीनों से चले रहे बीईओ, हड़ताल और तालाबन्दी का खेल पर पर्दा गिर गया है। कलेक्टर आदेश के बाद तीन दिनों से नाराज चल रहे शिक्षकों ने भी हड़ताल से कदम वापस ले लिया है। कलेक्टर रजत बंसल ने एक आदेश जारी कर विवादास्पद बीईओ के.के यदु व्और  रामजी पाल दोनों को हटाते हुए भास्कर देवांगन को भाटापारा का नया प्रभारी बीईओ बनाया है। कलेक्टर आदेश के बाद खासकर पूर्व प्रभारी बीईओ के.के.यदु को गहरा झटका लगा है। 
15 फरवरी से भाटापारा खण्ड शिक्षाधिकारी कार्यालय में दो बीईओ नियुक्ति आदेश के खिलाफ लगातार किए जा रहे प्रदर्शन को शिक्षकों ने वापस ले लिया है। बताते चलें कि लगातार तीन दिनों तक बीईओ कार्यालय में तालाबन्दी प्रदर्शन को गलत बताते हुए विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने लगातार शिक्षकों को  समझाने का प्रयास किया। बावजूद इसके शिक्षकों ने ना केवल हड़ताल से लौटने से इंकार किया था। बल्कि बीईओ कार्यालय में तालाबन्दी को उचित भी बताया था।
यदु ने किया प्रोपेगेन्डा
कुछ शिक्षकों ने बताया कि पूर्व प्रभारी बीईओ के.के यदु और उनके समर्थक जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश को गलत और सुनियोजित तरीके से व्याख्या कर रहे हैं। जुगाड़ तंत्र में माहिर पूर्व प्रभारी बीईओ के.के यदु येन केन प्रकारेण बीईओ पद पर काबिज होना चाहते हैं। जबकि उन्हें मूल पद पर जाकर बच्चों को पढ़ाना लिखाना चाहिए। यदु ने जिला शिक्षा अधिकारी के  आदेश को गलत तरीके व्याख्या कर भ्रम की स्थिति पैदा किया है। तालाबंदी और हड़ताल इसी का नतीजा है। कुछ  शिक्षकों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि भ्रम की स्थिति रामजी पाल ने बनाया है। दोनो ही बीईओ पद पर बना रहना चाहते हैं। दरअसल यदु…शिक्षकों को प्रायोजित तरीके से हड़ताल पर भेजकर दबाव की राजनीति कर रहे है।
के.के.यदु को प्रभार देने की मांग
शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों ने बताया कि हड़ताल की जानकारी के बाद जिला शिक्षा अधिकारी मौके पर गए। उन्होने समझाने का प्रयास किया कि बीईओ प्रभार का आदेश पूरी तरह से स्पष्ट है। आदेश की गलत व्याख्या की जा रही है। ऐसी सूरत में दो बीईओ नियुक्ति का सवाल ही नहीं उठता है। लेकिन दोनों तरफ से खुद को बीईओ होने का लगातार दावा किया जा रहा। इसके बाद विकासखण्ड से संचालित सभी स्कूल शिक्षक BEO कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए। के.के. यदु को पू्र्णकालिक विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी बनाने की मांग कर ABEO रामजी पॉल से प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार छीने जाने की बात कही।
भास्कर देवांगन को जिम्मेदारी
शिक्षकों के हड़ताल और लगातार बढ़ते विवाद के मद्देनजर जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने विवादित दोनों BEO को हटाते हुए तीसरे चेहरे को भाटापारा बीईओ का प्रभार दिए जाने का आदेश जारी किया। आदेश में स्पष्ट किया गया कि छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा , सेवा, भर्ती एवं पदोन्नति नियम 2019 के प्रावधान के अनुसार व्याख्याता का पद  अकादमिक है। शिक्षकों का काम अध्यापन कार्य करना है। जबकि बीईओ का पद प्रशासनिक होता है। इस पद पर प्राचार्य वर्ग (दो )  जिसे 5 वर्ष का अनुभव हो और सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी को ही नियुक्त किया जा सकता है।
हड़ताल का साइड इफेक्ट
मामले में शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों ने बताया कि व्याख्याता की बीईओ पद पर नियुक्ति शासन के राजपत्र में प्रकाशित नियमों के खिलाफ है। बावजूद इसके लम्बे समय से प्रभारवाद के नाम पर चहेतों को खुश करने का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। जाहिर सी बात है कि खुश करने की नीति का साइड इफेक्ट सामने आता रहता। भाटापारा में पिछले तीन दिनों की नौटंकी इसी साइड इफेक्ट का नतीजा है।
अधिकारियों पर भी पड़ेगा असर
बहरहाल कलेक्टर की सक्रियता के बाद शिक्षा विभाग हड़ताल के लिए जिम्मेदार रणनीतिकार अब पल्ला झाड़ रहे हों। लेकिन कलेक्टर तक रणनीतिकारों की सूची पहुंच चुकी है। इस दौरान शिक्षकों की हड़ताल का खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ा है। यदि आने वाले समय में हड़ताल का असर हड़ताली शिक्षकों और शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर नजर आए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।
दिग्गजों से भेंट मुलाकात
सूत्रों के माने तो पूर्व खण्ड शिक्षा अधिकारी के.के.यदु बीईओ पद पाने को लेकर छत्तीसगढ़ शासन में बैठे दिग्गजों से भेंट मुलाकत कर रहे हैं। जानकारी यह भी मिल रही है कि यदु जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ अवमानना याचिका दायर कर सकते हैं।
 
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