जयपुर।कोरोना का प्रकोप कम होने के साथ ही एक बार फिर से शिक्षा विभाग में शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर शिक्षकों ने मांग उठानी शुरू कर दी है. कोरोना की दूसरी लहर से पहले शिक्षा विभाग में जहां सिर्फ फर्स्ट ग्रेड के ही ट्रांसफर किए गए थे तो वहीं अब वरिष्ठ अध्यापकों सहित थर्ड ग्रेड शिक्षकों और डार्क जोन में लगे शिक्षकों ने भी ट्रांसफर (Transfers) करने की मांग तेज कर दी है, लेकिन फिलहाल सरकारी स्तर पर ट्रांसफर को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है. जिससे लगता है कि ट्रांसफर का इंतजार कर रहे शिक्षकों को अभी करीब 2 महीनों तक का इंतजार और करना पड़ सकता है.
ट्रांसफर को लेकर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) का कहना है कि “ट्रांसफर खोलने को लेकर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) को करना है और समय समय सीएम के साथ होने वाली मीटिंग में इस मुद्दे पर चर्चा भी की जाती है, लेकिन अभी कोरोना का प्रकोप पूरी तरह से कम नहीं हुआ है ऐसे में शिक्षकों की जान जोखिम में ना डाली जाए इसलिए अभी ट्रांसफर करने का कोई फैसला नहीं लिया गया है. जब भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ट्रांसफर पर फैसला लेंगे उसके बाद ट्रांसफर खोले जाएंगे.”
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सरकारी कर्मचारियों के लिए 1 से 31 जुलाई तक के लिए ट्रांसफर पर लगे बैन (transfer ban removed) को हटाया जा रहा है. सरकार के इस फैसले के बाद हजारों परिवारों में खुशी का माहौल है. ये फैसला पहले बजट सत्र (budget session) के दौरान कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया था. उस समय कहा गया था कि 1 से 31 मई बीच ट्रांसफर हो सकेंगे, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के कारण प्रस्तावित नीति को लंबित कर दिया गया था.अब जो प्रस्तावित नई पॉलिसी आई है उसके तहत कोरोना से गंभीर बीमार हुए सरकारी कर्मी को तबादले में प्राथमिकता मिलेगी. अगर उसका रूटीन प्रोसेस के तहत कहीं ट्रांसफऱ हो भी रहा होगा तो उसे कोरोना (Covid 19) के आधार पर उनका ट्रांसफर रोक भी दिया जाएगा. अभी यह छूट कैंसर, किडनी खराब, ओपर हार्ट सर्जरी जैसी बीमारी से झूझ रहे कर्मचारियों को नियमित जांच करानेके लिए मिलती है.