आंदोलनकारियों ने किया चक्काजाम..ग्रामीणों ने आधा दर्जन कोयला से भरे हाइवा को लौटाया…कहा..रोड नहीं…तो वोट नहीं.. .मौके पर पहुंचे तहसीलदार

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—भारी वाहनों की आवाजाही से खस्ताहाल सड़क को लेकर करीब आधा दर्जन से अदिक पंचायतों के लोगों ने महमंद बायबास सड़क जाम कर किया । खबर मिलते ही जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गयी। पीडब्लूडी से एसडीओ भी ग्रामीणों समझाने पहुंच गए। बावजूद इसके आंदोलनकारियों ने कोयले से भरे किसी भी वाहन को सड़क से नहीं निकलने दिया। ग्रामीणों ने बताया कि इसके पहले पांच बार खस्ताहाल सड़क की शिकायत जिला प्रशासन से कर चुके हैं। फरियाद नहीं सुने जाने के कारण ही चक्काजाम करने को मजबूर होना पड़ा है। ग्रामीणों ने बताया कि यदि सड़क नहीं बना तो एक दर्जन से अधिक गांव के हजारो मदताता वोट नहीं डालेंगे।

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सोमवार को सुबह सिलपहरी,धूमा, कोरमी, पोड़ी,पचरा,हरदी बसिया,मानिकपुर,सरवानी समेत आधा दर्जन से अधिक ग्राम पंचायत के लोगों ने महमंद बायपास सड़क जाम कर दिया। जिसके चलते कोयले से भरी गाड़ियों को वापस लौटना पड़ा। मामले की जानकारी के बाद तहसीलदार अतुल वैष्णव समेत पीडब्लूडी एसडीओ ग्रामीणों को समझाने मौके पर पहुंचे। लेकिन नाराज ग्रामीणों ने सड़क छोड़ने से इंकार कर दिया। काफी मान मनौव्वल और सड़क निर्माण समेत  बेरीकेट्स लगाए जाने के वादे पर ग्रामीणों ने आंदोलन वापस लिया।

 आंदोलनकारियों की अगुवाई कर रहे दिलीप अग्रवाल ने बताया कि शासन प्रशासन की लापवाही के चलते ग्रामीणों को भारी परेशानी से गुजरना पड़ रहा है। भारी वाहनों के लिए सड़क नहीं होने के बाद भी अधाधुंद कोलवाशरी खोला जा रहा है। यह जानते हुए भी कि ग्रामीण सड़कों से भारी वाहनों का परिवहन प्रतिबंधित है। बावजूद इसके गांव के बीच से पहुंचमार्ग का उपयोग भारी वाहनों के लिए किया जा रहा है। 

दिलीप ने बताया कि ग्रामीणों ने जुलाई में कलेक्टर से मिलकर पहुंचमार्ग से भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगाए जाने की बात कही। तत्कालीन समय कलेक्टर ने बजट आने तक सड़क मरम्मत किए जाने की बात कही। साथ ही सिलपहरी और महमंद मोड़ स्थित बायपास पर बेरिकेट्स लगाने का आदेश दिया। लेकिन प्रशासन ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। पांच दिन पहले ज्ञापन देकर सड़क दूरूस्त नहीं होने पर चक्काजाम का एलान भी किया गया था। 

मौके पर पहुंचे तहसीलदार अतुल वैष्णव ने आंदोलनकारियों को बताया कि एक फरवरी तक दोनो मोड़ पर बेरीकेट्स लगा दिए जाएंगे। भारी वाहनों की आवाजाही रूक जाएगी। जल्द ही सड़क निर्माण का भी कार्य शुरू किया जाएगा। इसके पहले मरम्मत कर सड़क को चलने लायक बना दिया जाएगा।

ग्रामीणों ने बताया कि भारी वाहनों के चलने से हर पल हादसा की आशंका बनी रहती है। मांग पूरी नहीं होने की सूरत में बिल्हा और मस्तूरी विधानसभा के दर्जनों गांव के लोग नेशनल हाइवे जाम कर देंगे। चक्कजाम के दौरान ग्रामीणों के आक्रोश को देखते ही मौके पर पहुंचे मस्तूरी विधायक कृष्णमूर्ति बांधी को वापस लौटना पड़ा।साथ ही कोलवाशरी के आधा दर्जन भारी वाहनों को आंदोलनकारियों ने प्रवेश नहीं दिया।

 

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