मेरा बिलासपुर
केन्द्र बताए 7 लाख कमाएं कैसे?..करोड़ों भर्तियों का क्या हुआ..?..विधायक शैलेष ने कहा..अमीरों से फिर यारी..मिलेट्स पर प्रदेश ने किया काम..मिला ठेंगा
प्रदेश सरकार और गरीब के जनता को केन्द्र ने फिर किया निराश..शैलेष

बिलासपुर—कांग्रेस नेता नगर विधायक शैलेष पाण्डेय ने केंद्र सरकार के बजट को चुनावी और भ्रम जाल बताया है। पाण्डेय ने कहा कि बुनियादी जरूरतें और वास्तविक मुद्दे बजट से गायब हैं। महंगाई, बेरोजगारी, स्वास्थ्य सुविधाएं और जन सुविधाओं को लेकर बजट में जिक्र नहीं है। गरीब और आम जनता का बजट से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं दिख रहा है। सरकार निजी क्षेत्रों को लाभ देने के लिए नए तरीकों का पुलिन्दा पेश किया है।
नगर विधायक शैलेश पांडे ने सीतारमण के बजट को देश और प्रदेश में अस्थिरता पैदा करने वाला बताया है। अपनी प्रतिक्रिया में शैलेष ने कहा कि बजट में आमजन मध्यम वर्ग और गरीब लोगों का जीवन अति निचले स्तर पर जाता दिखाई दे रहा है। व्यवहारिक सोच से बजट बहुत दूर है।
शैलेष पाण्डेय के अनुसार वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना का बजट 66% बढ़ा दिया गया है। सच्चाई तो यह है कि प्रधानमंत्री आवाज बन ही नहीं रहे हैं। भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। व्यापारियों की सुविधा बढ़ाने के लिए कई कानून हटाए गए हैं। यह पहले ही कहा जा चुका है कि यह सरकार ही व्यापारियों की सरकार है। 50 नए एयरपोर्ट बनाए जाएंगे। दरअसल रेलवे सुविधाओं का विस्तार छोड़ उच्च वर्ग से लिए सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। बजट में बताया गया है कि केंद्र राज्य सरकारों को एक और साल तक 50 साल के लिए बिना ब्याज के कर्ज देना जारी रखेगा। छत्तीसगढ़ सरकार के करोड़ों रुपए भारत सरकार के पास हैं,। भुगतान अभी तक नहीं किया गया है।
मोटे अनाजों को ‘श्री अन्न’ का नाम दिया जाएगा। भारत को वैश्विक केंद्र बनाने के लिए हैदराबाद का उत्कृष्टता केंद्र काम करेगा। जबकि छत्तीसगढ़ सरकार मिलेट्स पर पहले से ही काम कर रही है। बजट में 740 एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों के लिए अगले 3 साल में 38,000 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की भर्ती का एलान किया है। जबकि पहले ही करोड़ों लोग बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं । ऐसे में बजट में कही गयी बातें वास्तविकता से कोसो दूर है।
कांग्रेस विधायक ने कहा कि रोजमर्रा और गरीब लोगों के जीवन उपयोगी सामानों को सस्ता किया जाना था,। जिसका लाभ सीधे लोगों को मिलता । लेकिन सरकार ने ऐसा कोई काम नहीं किया है। अब 7 लाख रुपये सालाना कमाने वाले को कोई टैक्स नहीं देना होगा। लोगों के पास कैसे पैसा आएगा लोगों की आय कैसे बढ़ेगी इस पर काम करना छोड़ सरकार ने 700000 तक टैक्स नहीं देने की घोषणा की है..बहरहाल समझ से परे है।