केन्द्र सरकार कर रही दादागिरी..खाद्य मंत्री ने कहा..निकालेंगे बीच का रास्ता.. ढाई-ढाई साल के सीएम सवाल पर मुस्कुराए भगत..सब मीडिया की उपज

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—खाद्य मंत्री अमरजीत भगत बिलासपुर अल्प प्रवास पर पहुंचे। उन्होने पत्रकारों से बातचीत की। हर समस्या के लिए केन्द्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। खाद्यमंत्री ने कहा..पहले धान खरीदी में एमएसपी को लेकर रोड़ा अटकाया गया। बारदाना की किल्लत खड़ी की गयी। अब कृत्रिम समस्या पैदा चावल का उठाव नहीं किया जा रहा है।

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                    बिलासपुर पहुंचे खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि केन्द्र दादागिरी कर रही है। कभी धान खरीदी के लिए रोड़ा अटकाया गया तो कभी वारदाना को लेकर परेशान किया गया। जब राज्य सरकार ने अपने स्तर पर धान खरीदी की व्यवस्था की तो अब चावल का उठाव नहीं किया जा रहा है। समझने वाली बात है कि जब चावल का उठाव नहीं होगा तो मिलर धान का उठाव कर मिलिंग कैसे करेगा।

               एक सवाल के जवाब में अमरजीत भगत ने कहा कि भारत सरकार की दादागिरी से किसान परेशान हो चुका है। एक महीने से किसान अपनी मांग को लेकर सड़क पर है। लेकिन केन्द्र सरकार उनकी समस्या को लेकर थोड़ी भी चिंतित नहीं है। वार्ता करने को भी तैयार नहीं है। भगत ने बताया कि केन्द्र सरकार लम्बे चौड़े वादे के साथ दिल्ली में काबिज हुई। लेकिन अभी तक कोई ऐसा फार्मूला सामने नहीं आया कि किसानों की आय दोगुना कैसे होगी। एमएसपी को खत्म किया जा रहा है। आवश्यक वस्तु कानून को हटाने का षड़यन्त्र रचा जा रहा है। तीन कृषि कानून लाकर किसानों के हितों को नजरअंदात किया जा रहा है। किसान विरोध कर रहे हैं। बावजूद इसके केन्द्र सरकार अपनी मर्जी से बाज नहीं आ रही है।

                    भगत ने बताया कि प्रधानमंत्री हमेशा मेरी मर्जी के सिद्धान्त पर चलते हैं। उन्होने 60 लाख मीट्रिक टन चावल का आदेश दिया लेकिन मिल से चावल का उठाव नहीं कर रहे है। वारदाना की मांग को केन्द्र ने पूरा नहीं किया। जानबूझकर केन्द्र राज्य संम्बन्धों में दरार पैदा किया जा रहा है। हमने लगातार चिठ्ठी लिखा लेकिन

            कब तक चिट्ठी का खेल चलेगा के सवाल में मत्री ने कहा कि जल्द ही कोई रास्ता निकाला जाएगा।

            पहले भी जब भी धान की खरीदी हुई..लेकिन उठाव नही किया गया। धान को सड़ने के लिए छोड़ दिया गया। जब भण्डारण और सुरक्षा की व्यवस्था नहीं है तो फिर 90 वाऱ मीच्पिर टन धान सड़ने के लिए क्यों खरीदा जा रहा है। रूपए क्यों बरबाद किए जा रहे है। सवाल को टालते हुए मंत्री ने कहा कि हमने केन्द्र के निर्देशों का पालन किया है। अब चावल का उठाव नहीं कर रहे है तो हम क्या कर सकते हैं।

                       पीडीएस की कोर व्यवस्था कब तक बहाल होगी। 9 महीने से एक ही जवाब मिलता है कि ठीक कर लिया जाएगा। भगत ने एक बार फिर सवाल टालते हुए कहा कि जल्द ही समस्या को दूर कर लिया जाएगा।

             ढाई ढाई साल के मुख्यमंत्री के सवाल को पहले तो खाद्यमंत्री ने टालने का प्रयास किया। घिर जाने पर उन्होने कहा कि यह सब मीडिया का पैदा किया गया मामला है। 

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