राउतों के साथ जमकर थिरके सीएम.. दोहा भी पारा..झूमने को मजबूर दर्शक और आयोजक मण्डल..भूपेश ने किया विशेष एलान..पढ़े क्या बोले गृहमंत्री

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—– लालबहादुर शास्त्री मैदान में आयोजित 43 वाँ रावत नाच महोत्सव में सीएम ने पारम्परिक वेशभूषा में दोहा के गूंज पर जमकर थिरके। इसका आनन्द ना केवल आयोजक मण्डल ने बल्कि दर्शकों ने भी जमकर उठाया। सीएम ने भी किसी को निराशा नहीं किया। साथ ही यह भी जाहिर किया कि आज भी उनका जड़ जमीन में ही है। इस दौरान सीएम भूपेश ने सभी दलों को पांच पांच हजार रूपए देने का एलान भी किया।
 
                लालबहादुर शास्त्री मैदान में सीएम के थिरकन का दर्शकों के साथ आयोजक मण्डल और राउत दलों ने जमकर उठाया है। कार्यक्रम में प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया समेत विधायक शैलेष और संसदीय सचिव रश्मि सिंह ने भी शिरकत किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भरनी परसदा के रावत नाच दल गोल में शामिल होकर जमकर थिरके। इस दौरान सीएम पारम्पिक वेशभूषा में भी नजर आए। थिरकने से पहले सीएम ने दोहा भी पारा..और गड़वा बाजा की धुन पर ठुमका भी लगाया। 
 
                  इस दौरान गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया, महापौर रामशरण यादव, भिलाई विधायक देवेंद्र यादव और प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने भी  दोहा पारा। साथ ही गड़वा बाजा के धुन पर थिरकने में कोई कसर नहीं छोड़ी। 
 
           दल के साथ नाच गाना के बाद सीएम ने मंच भी संभाला। अपने सम्बोधन में प्रदेश के मुखिया ने कहा किरावत नाच और काक्षन, सोहाई तो पूरे प्रदेश के अलग अलग जगहों में होता हैं। लेकिन बिलासपुर में इसकी भव्यता देखते ही बनती है। राउत महोत्सव बिलासपुर की प्रदेश और देश में विशेष पहचान है। हमें अपने इस परम्परा पर नाज भी है।
 
                आयोजक मण्डल के प्रमुख डॉ. कालीचरण यादव ने बताया कि पहले छोटे से बाजार के रूप में इसकी शुरुआत हुई। पूर्व मंत्री स्वर्गीय बीआर यादव का विशेष सहयोग और आशीर्वाद मिला। देखते देखते महोत्सव ने 43 साल का सफर पूरा किया है।
 
              मेयर रामशरण  यादव ने बताया कि दरअसल यह  परम्परा हमें गाय पालन के महत्व पर केन्द्रित रखती है। भगवान श्री कृष्ण के जन्म से जुड़ी परम्परा है। हमें खुशी है कि हमारी सरकार गोठान, गोबर खरीदी समेत अन्य योजना चला कर गायों की पालन पोषण के महत्व को जाहिर किया है। इससे चरवाहों की स्थिति में भी सुधार होगी।
 
                   मंच ने सीएम दुहराया कि  बिलासपुर की विरासत को सहेज कर रखने के लिए शासन ने विशेष फैसला किया है।  महोत्सव में शा्मिल होने वाले प्रत्येक राउत नाच दल को शासन की ओर से 5-5  हजार रुपए दिए जाएंगे। महापौर रामशरण यादव ने अपने सम्बोधन में 43 वाँ रावत नाच महोत्सव में शामिल होने पर मुख्यमंत्री के प्रति आभार जाहिर किया। यादव समाज के पारम्परिक वेषभषा मे सीएम को देखकर हमने गर्व महसूस किया है।
 
                   गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि दुर्ग में बिलासपुर के रावत नाच महोत्सव की बात सुना करते थे। आज हमने ना केवल देखा बल्कि शिरकत भी किया। गृहमंत्री ने कहा छत्तीगसढ़ की परंपरा को आज भी बिलासपुर में बखूबी के साथ निभाया जा रहा है। संसदीय सचिव रश्मि सिंह, शहर विधायक शैलेष पांडे, जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान, प्रदेश उपाध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, एपेक्स बैक के चेयरमैन बैजनाथ चंद्राकर, कांग्रेस शहर अध्यक्ष प्रमोद नायक, कालीचरण यादव, कृष्ण कुमार यादव, समाज के युवा नेता और आयोजक मंडल के प्रमुख सदस्यों में से एक मोपका पटवारी कौशल यादव,लक्की यादव ,उर्मिला यादव, धन्नू यादव, सतीश यादव, समेत नगर निगम पार्षदों ने सीएम के घोषणा और राउत नाचा महोत्सव में शामिल होने के लिए आभार जाहिर किया। साथ ही सभी ने सीएम भूपेश बघेल को परम्परा का सच्चा पोषक भी बताया।
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