कमिश्नर ने कहा…आने वाली पीढ़ी को हमारा सबसे बड़ा होगा तोहफा…बताया..यह सामाजिक संगठनों के प्रयास से होगा संभव

BHASKAR MISHRA
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रायगढ़—रोजमर्रा की दिनचर्या में पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए लगातार भूमिगत जलस्त्रोत के उपयोग रहा है। नतीजन भूगर्भ जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है। गर्मी के दिनों में अधिकांश बोर के सूखने और हैंडपंप खराब होने की शिकायत आम है। इसके चलते लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ता है। जरूरी है हम अपने भूमिगत जल्स्रोत को संरक्षिरत करें। इसके लिए सभी शहर वासियों को आगे आना होगा। जल संरक्षण का सीधा सरल उपाय रैन हार्वेस्टिंग है। हमें अपने मकानों में उपाय को गंभीरता से लेते हुए रैन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण कराना होगा।
    
     यह बातें निगम कमिश्नर संबित मिश्रा ने गर्मी मैें पानी की बढ़ती समस्या को लेकर कही। कमिश्नर ने बताया कि वर्तमान स्थिति में निगम भवन विभाग से भवन अनुज्ञा लेने वालों की संख्या 813 है। निजी मकान की संख्या 684 और शासकीय भवनों की संख्या 167 है। 530 निजी मकानों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण निगम ने किया है। इसके अलावा 167 शासकीय कार्यालयों भवनों में भी रैन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण हुआ है। शेष स्थानों में भी जल्द से जल्द वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण किया जाएगा। 
कमिश्नर ने बताया कि निगम क्षेत्र अंतर्गत भूमि पर भवन या मकान कमर्शियल कांप्लेक्स बनाने के लिए निर्माण को लेक र भवन अनुज्ञा की आवश्यकता होती है। इसमें 150 वर्ग मीटर से ज्यादा भूमि पर निर्मित भवनों में रैन वाटर हार्वेस्टिंग लगाने की अनिवार्य है। भवन अनुज्ञा के समय रैन वाटर हार्वेस्टिंग निर्माण के लिए शुल्क जमा कराया जाता है। यदि भवन निर्माता निजी व्यय से रैन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण कराता है तो स्थल निरीक्षण के बाद शुल्क को वापस कर दिया जाता है। भवन निर्माण कर्ताओं की तरफ से वाटर हार्वेस्टिंग नहीं बनाने की स्थिति में निगम प्रशासन जमाशुल्क से रैन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण कराता है। कमिश्नर मिश्रा ने बताया कि शासन के निर्देश पर रैन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। निगम की तकनीकी टीम डोर टू डोर सर्वे कर रिपोर्ट तैयार कर रही है। 
भूमिगत बोर की निर्भरता कम करने का प्रयास
कमिश्नर ने बताया कि अमृत मिशन योजना शुरू होने के पहले शहर में 434 बोर थे।  वर्तमान में 292 बोर चालू है। जबकि 142 बोर को बंद किया गया है। वर्तमान में 28337 अमृत मिशन कनेक्शन दिए गए हैं। मांग के अनुसार और कनेक्शन देने का कार्य किया जा रहा है। वर्तमान समय में अमृत मिशन के 10 ओवर हेड टैंक  हैं। अमृत मिशन के 32 एमएलडी प्लांट से निगम क्षेत्र के घरों से 3 करोड़ 20 लाख लीटर प्रतिदिन  पानी की आपूर्ति होती है। इसी तरह 292 भूमिगत बोर से जरूरत के हिसाब से करीब ढ़ाई लाख लीटर पानी की सप्लाई निगम करता है। आगामी दिनों में अमृत मिशन के तहत प्रत्येक घर को  जरूरत की हिसाब से पानी आपूर्ति की कार्ययोजना की तैयारी है। इसके चलते भूमिगत जल स्त्रोत का उच्च स्तर पर बढ़ना निश्चित है। ऐसा कर हम आने वाले पीढ़ी को सबसे बड़ा तोहफा देंगे।
वर्तमान में 70 फीट पर पानी
नगर निगम के जल विभाग के अनुसार वर्तमान में नगर निगम क्षेत्र में नए बोर कराने पर करीब 70 फीट पर पानी है। नए बोर कराने वाले को 200 से 250 फीट तक बोर कराना होता है। निगम राजस्व सर्वे के अनुसार 42556 मकान निर्मित है। करीब 53.8 प्रतिशत यानी 23050 से मकान पक्के हैं। सभी में यदि रैन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण होता है, तो वर्षा का जल सीधे भूमिगत होगा। जाहिर सी बात है कि जल स्त्रोत बढ़ेगा। अनुमान है कि जल का स्त्रोत बढ़कर 20 से 30 फीट तक आ जाएगा। फिर बोर सूखने या  फेल होने की संभावनाएं नहीं होंगी। हमारे आगे आने वाले पीढ़ियों को पेयजल समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
सामाजिक संगठनों का सहयोग
कमिश्नर संबित मिश्रा ने बताया कि  जून में मानसून आगमन के साथ बारिश शुरू होगी। अभी से ही सामाजिक संगठनों से संपर्क कर रैन वाटर हार्वेस्टिंग निर्माण करने को लेकर जागरूकता अभियान करना होगा। ऐसा शहर के सभी सामाजिक संगठनों के सहयोग से संभव होगा। संवित मिश्रा ने समाज के लोगों से निवेदन किया कि सबी लोग घरों पर रैन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण करें। वर्षा के जल को भूमिगत रूप पर संरक्षित रखने में मदद करें।
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