फीका रहा निगम एल्डरमैन शपथ समारोह..जमकर नजर आयी दरार.. नजर नहीं आए संगठन के दिग्गज नेता..गायब रहे मेयर और सभापति

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— प्रार्तना सभा में एल्डरमैन शपथ समारोह का आयोजन किया। कार्यक्रम की चर्चा पूरे दिन मरवाही विधानसभा से कहीं ज्यादा हुई। समारोह में ना तो महापौर नजर आए। और ना ही सभापति की उपस्थिति देखने को मिली। निगम सरकार बनाने के नायक अटल श्रीवास्तव भी कहीं कही दिखाई नहीं दिए। विजय केशरवानी को छोड़कर कोई एमआईसी सदस्य समारोह के इर्द गीर्द नजर नही आया। इस बात को लेकर लोगों में दिन भर जमकर चर्चा हुई।
 
           गुरूवार को जल संसाधन विभाग स्थित प्रार्थना सभा भवन में निगम एल्डरमेन शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। कलेक्टर डॉ.सारांश मित्तर ने सभी नव नियुक्त एल्डरमैन को शपथ दिलाई। पूरे समारोह के दौरान चर्चा का विषय रहा कि कार्यक्रम में मेयर और सभापति क्यों नजर नहीं आए। एमआईसी सदस्यो में विजय केशरवानी को भी छोड़कर कोई दिखाई क्यों दिया। मजेदार बात है कि संगठन का कोई नेता भी शपथ ग्रहण समारोह का गवाह नहीं बना।
 
बहाने बनाते रहे नेता..देते रहे तर्क पर तर्क
 
               जानकारी देतें चलें कि बिलासपुर एल्डरमेन के नाम एलान के बाद संगठन नेताओं समेत मेयर और सभापति मे जमकर असंतोष देखने को मिला। सूत्रों की माने एल्डरमैन की सूची प्रकाशित होने के बाद महापौर समेत छाया सांसद और पीसीसी उपाध्यक्ष, शहर अध्यक्ष, निगम सभापति, महिला अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष में जमकर नाराजगी जाहिर की थी। साथ ही एल्डरमैन बनने की उम्मीद बांधे संघठन के नेताओं ने वाट्सअप, ट्विटर और सोशल मीडिया में जमकर अंसतोष को पेश किया। 
 
                                 प्रार्थना भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह से  पूरा संघठन खेमा गायब रहा। कारण जानने जब संग़ठन पदाधिकारियों और एमआईसी सदस्यों से संपर्क का प्रयास किया गया तो,किसी ने फोन रिसीव नही किया..तो किसी ने पारिवारिक कार्यक्रम की व्यस्तता जाहिर कर बात करने से इंकार कर दिया।
 
संगठन में आक्रोश
 
               नाम नहीं छापने की सूरत में एक पार्षद ने बताया कि एल्डरमेन लिस्ट जारी होने के बाद संगठन के लोगों ने प्रदेश अध्यक्ष, नगरीय निकाय मंत्री और मुख्यमंत्री सेशिकायत की थी। संगठनके नेताओं ने दिग्गज नेताओ को एल्डरमेन सूची में जमीनी कार्यकर्ताओ को स्थान नही  मिलने  से आकोश है। कांग्रेस की परंपरा अनुसार एल्डरमेन सूची में सभी समाज को प्रतिनिधित्व देने का नियम है। लेकिन सूची में एक ही परिवार के कुछ ऐसे सदस्यों को स्थान दिया गया जिनका कांग्रेस मेें सक्रियता के नाम योगदान केवल शून्य है। जिसका परिणाम आने वाले समय में जरूर दिखाई देगा। क्योंकि इस हरकत के बाद कोई भी कार्यकर्ता और दरी और झण्डा थामने नहीं आने वाला है।  
बैकडोर एन्ट्री से कांग्रेस को नुकसान
 
                     संगठन के एक नेता ने बताया कि पीछे के दरवाजे से अन्दर आने की संस्कृति से ही कांग्रेस का बंटाधार हुआ है। बावजूद इसके कोई समझने को तैयार नहीं है। एल्डरमैन नियुक्ति के समय भी ऐसा ही हुआ। जिन्होने निगम चुनाव के दौरान पार्टी प्रत्याशी को हराने का काम किया उन्हें का एल्डरमैन का तोहफा दिया गया है। निश्चित रूप से आने वाले समय अब नेताओं को कार्यकर्ताओं का टोंटा पड़ जाएगा।  संगठन का झण्डा उठाने वाला भी नहीं मिलेगा।
 
                 बहरहाल शपथ समारोह में महत्वपूर्ण नेताओं की गैरहाजिरी चर्चा का विषय रहा। कुछ लोगों ने जाहिर करने का प्रयास किया कि मरवाही चुनाव के कारण नेता नहीं पहुचे। लेकिन लोगो को समझने में देर नही  लगी कि एल्डरंमैन शपथ ग्रहण में खासकर मेयर और समापति का मौजूद नहीं होना दाल में  काला होने की तरफ संकेत करता है।
  
दिग्गज रहे नादरद..संगटन ने  किया किनारा
 
               समारोह में महापौर रामशरण यादव,निगम सभापति शेख नजरूदिन,प्रदेश उपाध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, शहर अध्यक्ष प्रमोद नायक ही नहीं बल्कि पूर्व शहर अध्यक्ष नरेंद्र बोलर,जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान,शहर महिला अध्यक्ष सीमा पांडे,ब्लॉक अध्यक्ष तैयब हुसैन,अरविन्द शुक्ला, विनोद साहू, अजय यादव,सभी mic सदस्य गण,अधिकांश पार्षद गण,पार्षद प्रताशियो,प्रदेश सचिव महेश दुबे,शहर उपाध्यक्ष धर्मेश शर्मा,शहर महामंत्री राकेश सिंह,देवेंद्र सिंह,देवाशीष घोष,राजू खटीक,संजय सिंह चौहान, आईटी सेल अध्यक्ष अनिल शुक्ला,कोषाध्यक्ष सिद्दाशुं मिश्रा,शहर उपाध्यक्ष मिथिलेश सेन्द्री,पूर्व पार्षद अखिलेश वाजपेयी महिला ब्लॉक अध्यक्ष रीता मजूमदार, मंजू त्रिपाठी,सावित्री सोनी,आशा पांडे,अधिकांश समारोह में नजर नहीं आए।  जबकि इनमें से ज्यादातर नेता शहर में ही मौजूद थे।

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