निगम के पास बल्ब बदलने के लिए रूपया नहीं ..अमर ने कहा..20 साल पीछे चला गया शहर.. बताया..आपसी संघर्ष में खत्म हो गया ढाई साल

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— पर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने राज्य के पौने चार लाख कर्मचारियों का डीए बढ़ाने की मांग छत्तीसगढ़ सरकार से की है। फेसबुक लाइन कार्यक्रम में अमर ने शासकीय नौकरी में परिवीक्षा अवधि को 3 साल किये जाने के अलावा सरकार चयनित प्रतियोगियों की वेतन कटौती को खिलवाड़ बताया।  न्याय योजना के नाम पर भूमिहीन परिवारों को नगद दिए जाने पर  अमर ने कहा कि सरकार गरीबों को निःशुल्क प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध कराए । उन्होने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री का पद कलह का केंद्र बना है। सत्ता संघर्ष से विकास प्रभावित हुआ है।

               फेसबुक लाइव मासिक कार्यक्रम में अमर अग्रवाल ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है। अमर अग्रवाल जनता से ऑनलाइन रूबरू होकर कार्मिकों के दो साल से लंबित महंगाई भत्ते को कर्मचारी विरोधी बताया। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार संवेदनहीन है। केंद्र सरकार ने 1 करोड़ से अधिक शासकीय सेवकों को 28 परसेंट महंगाई भत्ता  दिया  है। जबकि जुलाईं 2019 से राज्य के पौने चार लाख से अधिक कर्मचारियों को केवल 12 प्रतिशत डीए दिया जा रहा है। वेतन वृद्धि को भी अनावश्यक रूप से विलंबित किया गया है।
                   
 पीएससी की प्रणाली संदेहास्पद

               आनलाइन संवाद के दौरान अमर अग्रवाल ने कहा कि रोजगार के नाम केंद्र सरकार मनरेगा योजना के आंकड़े गिनवाकर राज्य में बेरोजगारी दर  3  होने का झूठा दावा करती है। कांग्रेस सरकार आने के बाद व्यापम पीएससी की भर्तियों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। घोषणापत्र में बेरोजगारी भत्ता भी नहीं दिया जा रहा है। नई भर्तियों में प्रोबेशन काल 1 साल बढ़ा दिया गया है। ,युवाओं के साथ अन्याय हो रहा है। प्रतियोगी परीक्षा से भर्ती हुए लोगों के लिए पूरे देश में 2 साल का प्रोबेशन प्रावधान है। सजा या किन्ही अन्य कारणों से ही नव चयनित प्रतिभागी का प्रोबेशन काल बढ़ाया जाता है। छत्तीसगढ़ की सरकार ने वित्तीय प्रबंधन के बहाने नए भर्ती होने वाले युवाओं का प्रोबेशन काल 2 से बढ़ाकर 3 साल कर दिया है। युवा पीढ़ी के साथ खिलवाड़ बंद होना चाहिए। प्रोबेशन काल की अवधि 2 साल की जानी चाहिए।

            अमर ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार भर्ती नहीं कर रही है। जिनकी भर्ती हो रही है उनका परिवीक्षा अवधि बढ़ा दिया गया है। दूसरी ओर वेतनमान आधारित वेतन भी नहीं दिया जा रहा है। 3 साल के प्रोबेशन पीरियड में निर्धारित वेतनमान का क्रमशः 70, 80 और 90 प्रतिशत वेतन देने का नियम बना कर युवाओं से अघोषित कटौती कर रही है। इसे वापस लिया जाए। सातवें वेतनमान के अनुसार पूर्णकालिक वेतन युवाओं को दिया जाए।
 
                 अग्रवाल ने कहा कि राज्य का भर्ती तंत्र विफल हो चुका है। राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा प्रक्रिया में लगातार गड़बड़ी सामने आ रही है। संदेहास्पद भर्ती प्रक्रिया तंत्र से किसी भी राज्य में बड़ी शर्मनाक स्थिति होती है। एक ही परिवार के अनेक लोगों को एक साथ चयन होना इस बात को इंगित करता है कि दाल में कुछ काला है।

ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के आरक्षण सही
       
                         अग्रवाल ने प्रधानमंत्री का हार्दिक आभार किया। उन्होने कहा कि ओबीसी और ईडब्ल्यूएस संवर्ग के विद्यार्थियों को मेडिकल की पढ़ाई में दाखिला देने के लिए क्रमश 27 और 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था को मंजूरी दी गयी है। सामाजिक न्याय और सामाजिक समानता की दिशा में क्रांतिकारी कदम है। अमर अग्रवाल ने कहा कि मोदी के कार्यकाल में हर जिले में मेडिकल कॉलेज खुलने जा रहा है। मेडिकल की सीटों की संख्या 54000 बढ़ी है। पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का काम भाजपा की सरकार ने किया है। जबकि कांग्रेस संसदीय परंपराओं के निर्वहन में असफल रही है।

मुख्यमंत्री का पद कलह का केंद्र बना
 
               छत्तीसगढ़ में हुए घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए अमर ने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री के पद को विभाजित कर ढाई वर्षो में कलह में झोंक दिया गया है। एक विधायक का अपने ही मंत्री पर हत्या का आरोप लगाया जाना गंभीर बात है। फिर चौतरफा ड्रामेबाजी के बाद माफी मांग लेना छत्तीसगढ़ में जनमत की संस्कृति और परंपराओं का अपमान है। उन्होंने कहा सत्ता संघर्ष में लीन मंत्री और विधायकों की कार्यशैली से ही छत्तीसगढ़ का विकास अवरूद्ध हो गया है।
 
                   कांग्रेस कार्यकाल में उद्यमियों के लिए स्वस्थ वातावरण नहीं है। राज्य सरकार ने भाजपा सरकार के दौरान किए गए एमओयू को रद्द कर प्रदेश में नकरात्मक वातावरण तैयार कर दिया है। जबकि भाजपा सरकार के समय हुए एमओयू से 80000 करोड़ से ज्यादा रुपए का निवेश  हुआ है। कांग्रेस कार्यकाल के ढाई वर्षो में एमओयू पर महज 108 करोड़ निवेश हुआ है। ईज आफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में राज्य सरकार पिछड़ती जा रही है। झूठे प्रचार तंत्र का सहारा लेकर जनता के सामने झूठ परोसा जा रहा है। नई सरकार के कार्यकाल में विकास कार्य ठप्प पड़े हुए है।

न्याय योजना की बजाय आवास दिलाये सरकार
 
             अमर अग्रवाल ने भूमिहीन श्रमिक परिवारों को न्याय योजना के नाम पर नौकदी देने की सरकार की नीति भुलावा बताया। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए भूमिहीन श्रमिक परिवारों को प्रधानमंत्री निःशुल्क आवास योजना के तहत आवास उपलब्ध कराएं।

जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता.. 20 वर्ष पीछे
 
           अग्रवाल ने कहा कि नगरीय सीमा में विस्तार के साथ जुड़े हुए क्षेत्रों में समस्याओं का अंबार है। पहले 100 करोड़ की राशि राज्य सरकार से विकास के लिए प्रतिवर्ष नगर निगमो को दी जाती थी। ढाई साल में 25 करोड़ की घोषणा की गई है । इसमें 10 करोड़ राशि निगमों को मिली है। पहले हर साल 2 करोड़ वार्षिक मिलता था..आज दुगने सीमा क्षेत्र के लिए बिजली का बल्ब बदलने के लिए भी निगम के पास पैसे नहीं है।
 
             नगरीय सीमा में विस्तार से जुड़े ग्रामीण अंचलों में मनरेगा के तहत मिल रहा रोजगार भी बंद हो गया है। सीमा का विस्तार का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। भूमाफिया शहर की पहचान बन गए है। स्मार्ट शहर को बनाने की बजाय विकास की प्रक्रिया की तत्कालीन परिस्थितियों को खोदापुर कहा जाने लगा। आज वही प्रतिनिधि सत्ता पक्ष में बैठकर परियोजनाओं को पूर्ण कर जनता को सुविधा दिलाने के नाम पर चुप्पी साध लेते हैं। , ऐसे जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता ने स्मार्ट शहर बनाने की पहल को ढाई सालो  में शहर विकास को 20 साल पीछे धकेल दिया गया है।
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