बिलासपुर—धूमा स्थित सेवा सहकारी समिति के किसानों ने जिला सहकारी बैंक सीईओ समेत जिला प्रशासन और सेवा सहकारी संस्थाएं उप पंजीयक से धान खरीदी में धोखा धड़ी की शिकायत की है। किसानों ने बताया कि उपकेन्द्र नगचुई में आपरेटरों ने मिली भगत कर दो साल पहले पहले मृत किसान का भी धान बेच दिया है। वहीं मामले में शिकायत के बाद जिला सहकारी केन्द्रीय मर्यादित बैंक के सीईओं ने जांच का आदेश दिया है।
धूमा सहकारी समिति के दो किसानों ने जिला प्रशासन समेत सहकारी संस्थाएं कार्यालय और जिला सहकारी केन्द्रीय मर्यादित बैंक सीईओ से मृत किसानों से धान खरीदे जाने की शिकायत की है।
दोनों किसानों ने बताया धूमा स्थित सेवा सहकारी समिति के उपकेन्द्र नगचुई में नत्थूलाल और सुरेन्द्र यादव आपरेटर का काम करते हैं। दोनों ने मिलकर शासन और किसानों के साथ धोखाधड़ी के काम को अंजाम दिया है। दोनों आपरेटर किसानों से छल प्रपंच कर किसान किताब लेते हैं। इसके बाद रकबा बढ़ाकर कोचियों का धान सरकार को बेचते हैं। इतना ही नहीं दोनो आपरेटर मृतक किसान से भी धान की खरीदी करते हैं।
तु,मुसी के किसान, शिकायतकर्ता अशोक कुमार और भरत पटेल ने बताया कि सोसायटी के दोना आपरेटर किसान किताब के आधार पर मृतकों के नाम शासन को धान बेचा है। इस बात का प्रमाण भी उनके पास है। अशोक और भरत ने जानकारी दी कि पटवारी ने लिख कर दिया है कि नगचुई निवासी कमलू पिता वेदराम की मौत साल 2018 में हो हुई है। बावजूद इसके दोनों आपरेटर ने किसी तरह किसान किताब हासिल कर कमलू के खाते से कई क्विटंल धान सोसायटी को बेचा है।
इसी तरह शोभाराम पिता दीनदयाल की भी मौत हो चुकी है। शोभाराम कुसमुली का ही रहने वाला है। उसके नाम से भी सोसायटी में धान बेचा गया है। मोंगरा बाई पति नकछेद की मौत साल 2019 में हुई है। लेकिन दोनों आपरेटरों ने मिलकर पहले तो मृतको को जिन्दा किया। इसके बाद धान भी खरीदा है।
अशोक और भरत पटेल ने बताया कि इसके अलावा दोनों आपरेटर नत्थू लाल और सुरेन्द्र एक ही पर्ची से दो बार धान खरीदे है। मामले में शिकायत के बाद भी अभी तक दोनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है।
जांच का दिया आदेश..धोखाधड़ी संभव नहीं..सीईओ
मामले में जिला सहकारी केन्द्रीय मर्यादित बैंक के सीईओ श्रीकांत चन्द्राकर ने बताया कि शिकायत मिली है। दोनों किसानों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जांच का आदेश भी दिया है। जांच अधिकारी रेवती रमण कश्यप को निर्देश दिया गाय है कि गहन छानबीन के बाद रिपोर्ट पेश करें। श्रीकांत ने कहा कि एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मिल जाएगी। रिपोर्ट के अनुसार दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सीईओ ने बताया कि फिलहाल ऐसा संभव नहीं है कि मृतक किसानों से धान खरीदा गया है। क्योंकि पटवारी ने यदि फौत दिया है तो मृतक से धान खरीदने का सवाल ही नहीं होता है।