सोनहत(विशेष संवाददाता)..सोनहत स्थित पहाड़ी अंचल के लोगों ने बताया कि..प्रशासन चाहे तो कुछ भी संभव है। और जिला प्रशासन ने ऐसा कर दिखाया है। जहां कभी किसान सब्जी भाजी की खेती को भार समझते थे। आज वही लोग गौठानों में सामुदायिक प्रयास से सब्जी की बम्पर पैदावर देखने के बाद ना केवल सब्जी के पैदावार को फायदा का धंधा समझने लगे हैं। बल्कि रासायनिक खादों से दूरियां बढ़ाने लगे हैं। सच तो यह है कि गौठान में काम करने वाले सामुदायिक संगठनों ने खेती बाड़ी की नई परिभाषा को गढ़ा है। बम्पर पैदावर कर उन लोगों को करारा जवाब भी दिया है कि खेती का अर्थ रासानियक खाद का उपयोग ही नहीं..बल्कि वर्मी कमोस्ट भी है। सिर्फ वर्मी कम्पोस्ट के दम पर गौठान से पैदा होने वाली सब्जियों से पूरे गांव की जरूरतों को पूरा किया जा रहा है। गौठान में खेती बाड़ी में अलमस्त सामुदायिक संगठनों ने बताया कि..ऐसा प्रशासन के वैज्ञानिक सोच के कारण ही संभव हुआ है। कल तक सब्जी भाजी की पैदावर को भार समझने वाले किसानों की सोच में परिवर्तन आया है।
आम और खास की जुबान पर
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सुराजी गांव योजना के नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी कार्यक्रम के तहत कोरिया के पहाड़ी क्षेत्र सोनहत ब्लॉक में पुरानी परम्पराओं के खिलाफ महिला समूहों ने विकास क्रांति की अलख जगाया है। स्थानीय महिला समूह की सहभागिता से गौठान में सामुदायिक बाड़ी की सेवा स्वरोजगार की नई समृद्धि परिपाटी को जन्म दिया है। सामुदायिक खेती में गौठान समिति और स्व सहायता समूह ने ऐसा मिसाल कायम किया…जिसकी चर्चा आज सरगुजा संभाग ही नहीं..बल्कि पूरे प्रदेश में आम और खास की जुबान पर है।
मुनाफा से बदली सोच
दरअसल शासन के भगीरथ प्रयास से सामुदायिक कृषि से होने वाले फायदों के मंत्र को ग्रामीणों ने अच्छी तरह से समझ लिया है। ग्राम पौड़ी गौठान की सामुदायिक बाड़ी में विशेषकर टमाटर,भाटा, लौकी,भाजी के साथ रागी उत्पादन किया जा रहा है। साक्षर भारत स्व सहायता समूह ने 6 लाख रुपयों की वर्मी कंपोस्ट खाद बनाकर बेचकर किर्तिमान स्थापित किया है। समिति के खाते में विशुद्ध 274083 का मुनाफा जमा होने के बाद समूह के सदस्यों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है।
इसी तरह ग्राम पौड़ी की महामाया महिला स्व सहायता समूह की बीराबाई ने बताया कि हमने समूह के माध्यम से 84 हजार रुपयों की आय. अनुदान से प्राप्त केंचुए के उत्पादन और बिक्री से किया है। ग्राम पुसला की जय कुमारी कहती है कि 65000 की आय सिर्फ मुर्गी और बटेर पालन से हुआ है।
जिला प्रशासन ने किया कमाल
विकासखंड के सलगवा,पुसला,घुघरा में गौठान समिति के सदस्यों की माने तो शासन के प्रयास से चारागाह क्षेत्र में तैयार नेपियर घास से ही 5 लाख रुपयों की आय हुई है। सोनहत एसडीएम अमित सिन्हा ने बताया कि इन तमाम सफलता के पीछे जिला कलेक्टर कुलदीप शर्मा और जिला पंचायत सीईओ कुणाल दुडावत का बहुत बड़ा प्रयास है। वरिष्ठ अधिकारियों ने मुख्यमंत्री की सुराजी योजना के विस्तार को सफल बनाने के लिए ना केवल जागरूकता अभियान चलाया। बल्कि समझाने का प्रयास किया कि योजना से क्या कुछ हासिल होगा विस्तार से बताया।
इस तरह दूर हुई समस्या