अरपा भैंसाझार का दरवाजा खुला..राहत शिविर में दर्जनों परिवार को किया गया शिफ्ट..कलेक्टर मित्तर ने कहा..प्रशासन की एक एक गतिविधियों पर नजर

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— दो दिन की झमाझम बारिश में ताल तलैया और खेत में पानी ही पानी का नजारा है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दो दिन कमोबेश स्थिति ऐसी रहेगी।  दूसरी तरफ लगातार बांधो में पानी का क्षमता से अधिक जमाव होने के कारण प्रशासन की चिंता भी बढ़ गयी है। मानसून की स्थिति और रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर डॉ.सरांश मित्तर के निर्देश के बाद बुधवार की दोपहर अरपा भैसाझर बांध से पानी छोड़ा गया । बांध से पानी छोड़े जाने के बाद अरपा नदी का जलस्तर बढ़ गया। भारी बारिश के बाद भी पूरे दिन शहरवासी अरपा नदी का विहंगम दृष्य देखते रहे।
 
            अरपा भैंसाझार बांध से पानी छोड़े जाने के आदेश के बाद जिला अरपा का जल स्तर यकायक बढ़ गया। लगातार बारिश और अरपा भैंसाझार बांध का दरवाजा खुलने के बाद प्रशासन ने बुधवार दोपहर को अलर्ट जारी किया। नगर निगम ने तटीय इलाक़े में मुनादी कर लोगों को अलर्ट रहने का संदेश दिया। सम्भावित जल भराव की स्थिति को देखते हुए नगर निगम जोन-1, 3,  5, 6, 7, 8 में सभी मैदानी अमले को सतर्क किया। जिला प्रशासन के निर्देश पर जरूरत के मुताबिक स्कूलों और सामुदायिक भवनो को राहत शिविर में  बदल दिया गया है।
 
             डॉ.सारांश मित्तर ने बताया कि संभावित खतरे वाले स्थानों पर अधिकारी और वालियर्स पूरी तरह से तैनात हैं। जोन क्रमांक 1 में बाढ़ के पानी से बचाने के लिए 15 परिवार के सदस्यों  को धुरीपारा सामुदायिक भवन में शिफ़्ट किया गया। राहित शिविर में भोजन और  ठहरने की बेहतर  व्यवस्था की गयी है। 
         
                    जोन 3  के कुदुदंड मे  गली नम्बर एक स्थित निजी स्कूल को शिविर स्थल बनाया गया है। यहां आस पास  के प्रभावित परिवारों को सुरक्षित रखा गया है। जोन पांच के पुत्री शाला और बाल श्रमिक भवन को राहत शिविर बनाया गया है। जोन 6 के मांडवा बस्ती में 50 से अधिक घरों में पानी भरने की जानकारी के बाद प्रभावित परिवारों को गुरुनानक  स्कूल  में राहत शिविर बनाकर ठहराया गया है।
 
                               कलेक्टर मित्तर ने जानकारी दी कि जोन 7 के आमराइया बस्ती के कई घरों में पानी भरने से जन जीवन प्रभावित हुआ है। इलाक़े के  6 से अधिक परिवार के 15 लोंगो को चिंगराजपरा स्कूल में  राहत शिविर बनाकर रखा गया है। जोन के मोपका स्कूल में भी राहत शिविर बनाया गया है। स्मृति वन के पास के घरों के एक दर्जन से अधिक परिवारों के 43 से अधिक लोगों को शिफ़्ट किया गया है।
 
           जोन 8 के जबड़ापारा क्षेत्र में जल भराव से आम जनजीवन प्रभावित हुआ है। प्रभावित लोंगो के लिए चन्द्रा सामुदायिक भवन को राहत शिविर बनाया गया है। सभी राहत शिविर में भोजन और ठहरने कि बेहतर व्यवस्था की गयी है।
 
                        अरपा में जलस्तर बढ़ने के बाद पानी का बहाव रपटा के ऊपर से हो रहा है। लोगों के बीच मुनादी कर नदी के आस पास नहीं जाने की सलाह दी गयी है। साथ ही खतरे की आशंका को देखते हुए तत्काल कन्ट्रोल रूम से सम्पर्क करने को कहा गया है। कलेक्टर ने बताया कि ज़िला प्रशासन के साथ निगम और पुलिस प्रशासन समेत नगरसेना के जवान पूरी तरह से अलर्ट है। सभी गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।
 
कलेक्टर डॉ सारांश मितर की अपील 
 
            डॉ.सारांश मित्तर ने लगातार बारिश और अरपा में बढ़ते जल स्तर को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। तटीय क्षेत्र में रहने वालों को भी विभिन्न माध्यमों से अलर्ट किया गया है।लोगों को प्रशासन की गाइड लाइन पालन करने का निर्देश दिया गया है। कलेक्टर ने कहा कि प्रशआसन किसी भी परिस्थितियों से निपटने के लिए सक्षम है। लोगों को किसी भी  प्रकार की खतरा लेने की जरूरत नहीं है। ताकि जान माल की हानि से बचा सके। राहत शिविरों में रहने की बेहतर व्यवस्था की गयी है। अधिकारियों को एक एक गतिविधियों पर नजर रखने को कहा गया है।

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