फूटा आबकारी मंत्री का गुस्सा..उड़े अधिकारियों के होश..लखमा ने कहा.. सुधर जाओ वरना लाइन से लगा दूंगा.. बताओ..क्या दें पत्रकारों जवाब..मानना ही होगा विधायक कलेक्टर का आदेश

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- छत्तीसगढ़ भवन में उद्योग एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने अधिकारियों के साथ बैठक कर कामकाज की समीक्षा की। आबकारी मंत्री ने अलग अलग समय में दोनों विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक लेकर जरूरी दिशा निर्देश दिए। लेकिन आबकारी महमके के साथ बैठक के दौरान मंत्री का गुस्सा देखते ही अधिकारियों के होश उड़ गए। इस दौरान सभी आबकारी अधिकारी या तो बगले झांकते रहे या फिर ऊपर वाले से बैठक खत्म करने को लेकर मन्नत मांगते रहे। 

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                उद्योग एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा शनिवार को विभागवार अधिकारियों के साथ बैठक लेकर कामकाज की समीक्षा की है। पहली बैठक में कवासी लखमा ने उद्योग विभाग अधिकारियों से बातचीत की। इस दौरान लखमा ने उद्योग गतिविधियों को लेकर सवाल जवाब किए। जानना चाहा कि उद्योग व्यवसाय की क्या स्थिति है। अभी कितने उद्योग चल रहे है। यदि बन्द हैं तो इसकी वजह क्या है।

             अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर उद्योंगो ने काम करना शुरू कर दिया है। अभी बहुत से उद्योगों का खुलना बाकी है। मजदूरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। जिसके कारण कामकाज में बहुत अधिक रफ्तार नहीं है।

निर्देशों का किया जाए पालन

           कवासी लखमा ने कहा कि कोरोना काल में बाहर से आए स्थानीय मजदूरों को ज्यादा से ज्यादा काम दिया जाए। रोजगार के दरवाजे खोले जाए। अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर मजदूर मनरेगा से जुड़े हैं। उद्योंगों को मैन्सपावर की कमी का सामना करना पड़ रहा है। लखमा ने स्पष्ठ किया कि हालात को अनुकूल बनाते हुए स्थानीय लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार का अवसर दिए जाएं। साथ ही शासन के निर्देशों का पालन गंभीरता से किया जाए। 

पीपीपी माडल पर करेंगे विचार

               बैठक में उद्योग अधिकारी ने कहा कि नया बस स्टैण्ड निगम के हवाले कर दिया जाए। इससे बस स्टैण्ड का रख रखाव बेहतर होगा। इतना सुनते ही मौके पर मौजूद विधायक शैलेष पाण्डेय ने निगम  को बस स्टैण्ड दिए जाने का विरोध किया। उन्होने कहा कि निगम के पास बहुत काम है। यदि उद्योग विभाग नया बस स्टैण्ड नहीं चलाना चाहता है तो इसे पीपीपी माडल से संचालित किया जाए। बस स्टैण्ड के रखरखाव में हर महीने लाखों रूपए खर्च होते हैं। निश्चित रूप से निगम को परेशानी होगी। निगम के पास भी पर्याप्त कर्मचारी नहीं है। विधायक के पीपीपी माडल प्रस्ताव को उद्योग मंत्री ने सुझाव को गंभीरता से लेने की बात कही। उन्होने कहा कि जल्द ही बस स्टैम्ड को लेकर फैसला किया जाएगा। 

 आबकारी विभाग की बैठक..और अधिकारियों को फटकार

                आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने आबकारी अधिकारियों के साथ बैठक लेकर कामकाज की समीक्षा की। बैठक शुरू होते ही सआबकारी मंत्री काफी नाराज दिखाई दिए। सवालों के जवाब से तमतमाए मंत्री ने तत्काल आबकारी सहायक आयुक्त को तलब किया। बैठक में नही आने की वजह को जानना चाहा। अधिकारियों ने बताया कि कार्यालय में कोविड मरीज मिलने के बाद एसी नीतू नोतानी समेत कई अधिकारी क्वारंटीन पर है। 

                बावजूद इसके आबकारी मंत्री का गुस्सा शांत नहीं हुआ। उन्होने बैठक में मौजूद आबकारी अधिकारियों से दो टूक कहा कि लगातार शिकायत मिल रही है। बिलासपुर में मध्यप्रदेश और अन्य राज्यों की शराब को चोरी छिपे बेचा जा रहा है। पत्रकार लगातार सवाल कर रहे हैं। बताओ क्या जवाब दें। क्योंकि बिना अधिकारियों की मिली भगत से बाहर की शराब को खपाया नही जा सकता है। 

सबको लाइन से लगा दूंगा

               नाराज मंत्री ने दो टूक कहा कि आदत से बाज आज जाएं। अन्यथा सबको लाइन से लगा दूंगा। बाहर का शराब यदि बिकने की शिकायत मिली तो छोड़ूंगा नहीं। इस दौरान मंत्री के रौद्ग रूप को देखकर अधिकारियों का एसी में भी पसीना छूटने लगा।

               इतने पर भी मंत्री लखमा शांत नहीं हुए। उन्होने कहा कि अधिकारी ना तो कलेक्टर के आदेश का पालन करते हैं और ना ही विधायक के निर्देशों को ध्यान देते हैं। सुधर जाओ अन्यथा अंजाम के लिए तैयार रहो। कलेक्टर और विधायक का आदेश मानना ही होगा।

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