पटवारियों को मिला पूर्व मंत्री का समर्थन…एस्मा का किया विरोध…अमर ने कहा..दर दर भटकने को जनता मजबूर..सिखाएगी सबक

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर- पूर्व वाणिज्यकर मंत्री भाजपा नेता अमर अग्रवाल ने पटवारियों की हड़ताल का समर्थन किया है। अमर ने कहा शासन की जिम्मेदारी है कि पटवारियों की मांग को गंभीरता के साथ ले। प्रदेश व्यापी हड़ताल से स्कूली बच्चे, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों और आम नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 

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अमर अग्रवाल ने किया हड़ताल समर्थन

पिछले 26 दिनों से प्रदेश स्तर पर पटवारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। जिसके चलते आम जनता के साथ विद्यार्थियों और प्रतियोगियों समेत शासन की गतिविधियों पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। मामले में पूर्व वाणियज्यकर मंत्री अमर अग्रवाल ने चिंता जाहिर करते हुए पटवारियों के हड़ताल का समर्थन किया है। अमर अग्रवाल के कार्यालय से जारी प्रेस नोट में बताया गया है कि नमूलभूत दस्तावेज एवं सेवाओ के अभाव में आम नागरिक और प्रतियोगी छात्र हलाकान है।

मांग को बताया न्यायोजित

अमर नेर बताया कि एक माह से प्रदेश के सारे पटवारी अनिश्चित कालीन हड़ताल जारी है। एस्मा लागू कर दिए जाने के बावजूद पटवारी मोर्चे पर डटे हुए हैं। सरकार पटवारियों की वेतन विसंगति मांग को दूर करते हुए पे ग्रेड 2800 करना चाहिए। वरिष्ठता के आधार पर पटवारियों की पदोन्नति राजस्व निरीक्षक के पद पर किया जाए। पटवारियों को विविध कार्यो के लिए सरकार संसाधनों की व्यवस्था करे। ऑनलाइन कार्यों के लिए नेट भत्ता दिया ज़ाए। महंगाई के अनुसार स्टेशनरी भत्ता, अतिरिक्त हल्का प्रभार का मानदेय में बढ़ोतरी हो। साथ ही पटवारी भर्ती की योग्यता ग्रेजुएशन किया जाए।

अमर ने पटवारियों की मांग को उचित बताते हुए कहा कि बिना विभागीय जाँच के प्राथमिकी (F.I.R) दर्ज नही जाए। कुल 8 सूत्री मांगों को लेकर राज्य पटवारी संघ के बैनर तले राज्य के हजारों पटवारी तहसील एसडीम ऑफिस के सामने मोर्चा डाल कर बैठे है। जनता पटवारी हलकों तक चक्कर लगा रही है। हड़ताल के कारण कोई काम नहीं हो रहा है।

आम जनता और प्रतियोगियों को भारी परेशानी

पूर्व मंत्री ने बताया कि सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में कर्मचारी लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रशासनिक व्यवस्था लचर हो गई है। हड़ताल के कारण तहसील के राजस्व प्रकरणों के नामांतरण, खाता विभाजन, सीमांकन, व्यपवर्तन, किसान किताब, अन्य राजस्व से संबंधित प्रकरणों का निराकरण नहीं हो रहा है।  सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण की मुहिम में अनेक जगहों पर पटवारियों की सुपरवाइजर में ड्यूटी लगाई गई है।  हड़ताल पर जाने के कारण डाटा एंट्री, सुधार,डाटा फाइनल कर ग्राम सभा अनुमोदन कार्य बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।

जनता छान रही खाक

मितान योजना से घर बैठे राशन कार्ड उपलब्ध कराने का दावा किया जा रहा है। लेकिन राशन कार्ड में हितग्राहियों का सत्यापननहीं होने से नहीं होने से लोगों को आवंटन के बावजूद राशन नही मिल रहा है। अमर अग्रवाल ने बताया कि आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड बनाने में भी लोगों को दिक्कतें आ रही हैं। अस्पतालों में कार्ड धारियों के इलाज में कोताही बढ़ती जा रही है।  इलाज के बाद वास्तविक भुगतान के प्रमाणक मरीजो को नही दिए जा रहे। तमाम मूलभूत जरूरतों के लिए लोग केवल सरकारी दफ्तरों की खाक छान रहे है।

अमर अग्रवाल ने कहा कि धरातल पर सरकार लापता है। छत्तीसगढ़ की जनता आने वाले विधानसभा चुनाव में सबक सिखाने को तैयार बैठी है।

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