अटैचमेन्ट का खेल शुरू..गुलजार होने लगी बीईओ की दुकान..कलेक्टर के अनुमोदन बिना हो रहा काम

BHASKAR MISHRA
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भाटापारा— इन दिनों भाटापारा बीईओ में अटैचमेन्ट की दुकान एक फिर गुलजार होने लगी है। शासन के प्रतिबन्ध के बावजूद लोग मन माफिक जगह पहुंचने लगे है। ऐसे में लेना देना सामान्य बात है। मजेदार बात तो यह है कि इसकी भनक कलेक्टर को भी नहीं है। जाहिर है कि कलेक्टर कार्यालय से  अटैचमेंट का अनुमोदन होना मुमकिन है। लेकिन हर नामुमकिन को बीईओ कार्यालय मुमकिन कर रहा है। 
              भाटापारा में शासन के निर्देशो के खिलाफ व्यवस्था के नाम पर गुरुजी बदली का खुला खेल एक बार फिर शुरू हो गया है। कुछ दिनों की रोकथाम के बाद धीरे धीरे शिक्षा विभाग ने जमी धूल को झाड़कर अपने पुराने ढर्रे पर आ गया है। प्रभारी बीईओ ने शिक्षक व्यवस्था की दुकान स्कूल खुलते ही शुरू कर दिया है। मतलब अटैचमेन्ट का दुकान गुलजार होने लगी है।
            जानकारी देते चलें कि अध्यापन व्यवस्था को ध्यान में रखकर शिक्षको की कमी के नाम पर सिंगल-सिंगल आर्डर चढ़ावा के अनुसार निकाला जा रहा है। घर पहुच सुविधा भी दी जा रही है।व्यवस्था के नाम पर नियम विरुद्ध मनमाफिक स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना आदेशो के लिए  कलेक्टर डीईओ का अनुमोदन भी नहीं कराया जा रहा है। बताया जा रहा है कि मूल पदस्थापना से पृथक शिक्षक का अटैचमेंट शासन से पूरी तरह प्रतिबंध है।  
क्या कहता है नियम? 
          अध्यापन  कार्यों की अनिवार्यता को केन्द्र में रखकर शिक्षकविहीन एकल शिक्षक वाली  स्कूलो में समान संकुल से संकुल प्राचार्य और संकुल समन्वयक के स्पष्ट अभिमत से ही जिला शिक्षा अधिकारी अनुमोदन करेगा। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि मूल शाला का कार्य प्रभावित ना हो। ऐसा सिर्फ तात्कालिक व्यवस्था के तहत ही किया जाएगा। 
      बताते चलें कि व्यवस्था में भेजने के लिए मापदंड आठ किलोमीटर की दूरी है।।सीधे तौर पर एल बी, व्याख्याता एलबी  को व्यवस्था में एक संकुल क्षेत्र से दूसरे संकुल के स्कूल में पदस्थ करने का अधिकार ब्लाक शिक्षा अधिकारी को नहीं है।  इसके लिए जिला स्तर से अनुमोदन लेना पड़ता है।लेकिन शासन के नियमों को दरकिनार करते हुए ब्लाक शिक्षा अधिकारी सशर्त शिक्षकों के अटैचमेंट का खेल कर रहे है। 
 क्या कह रहे स्थानीय शिक्षक संघ के लोग
               स्थानीय शिक्षक संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि अध्यापन व्यवस्था की मनाही के बाद भी अटैचमेंट ऑर्डर निकल रहे है। अध्यापन व्यवस्था करते समय करते समय संकुल प्रभारी, संकुल समन्वयक और प्रधान पाठकों से अभिमत भी नहीं लिया जा रहा है। कार्यालय में बैठे-बैठे बिना किसी जानकारी के आदेश जारी किए जा रहे हैं । जिससे प्रभावित स्कूलों में पढ़ाई व्यवस्था ठप हो सकती है।
              इस दौरान विभागीय अधिकारी और कर्मचारी  कनिष्ठ और वरिष्ठता को भी नजर अंदाज कर रहे हैं।  एक संकुल से दूसरे संकुल के स्कूलों में शिक्षकों का अध्यापन व्यवस्था की जा रही है। जबकि ऐसा किया जाना उचित नहीं है। संघ के प्रतिनिधियों का मानना है कि  अध्यापन व्यवस्था करते समय शिक्षकों से भी सहमति जरूरी है।  एक ही शिक्षक का लगातार अध्यापन व्यवस्था दूसरे स्कूलो में नहीं करना चाहिए।  
 आम के आम गुठलियों के दाम
         भाटापारा शहरी संकुल और आस पास के संकुल  की शालाओ में शासन से पोस्टिंग के बाद भी अनेको शिक्षक की मूल शाला वापसी नही  हुई है। चहेतों को उपकृत करने के लिए जबरिया कारण गिनाकर गलत फैसलों को सही ठहराया जाता है। जिनका  अटैचमेंट  नहीं हो पाता, उन्हें लंबी अवधि का अवकाश स्वीकृत कर दिया जाता है। 
एसडीएम के नाक के नीचे अटैचमेन्ट का खेल
           बलौदा बाजार डीईओ,डीएमसी की वरदहस्ती और बीईओ की मिलीभगत से एसडीएम कार्यालय के सामने आवासीय कन्या शाला का पूरा स्टाफ वर्षों से अटैचमेंट में टिका हुआ है। कस्तूरबा शाला भाटापारा के हाई स्कूल ग्रेड में उन्नयन होने के बाद भी प्राचार्य और व्याख्याता की जगह शिक्षा कर्मी वर्ग एक और वर्ग दो  से अधीक्षक और पढ़ाई का काम कराया जा रहा है।
अघोषित प्रभार और मनमानी
              इसी तरह बीईओ ने ऑनलाइन कार्यों में सहयोग के बहाने नातेदारो को अटैच कर स्थापना शाखा,जाति, छात्रवृत्ति, पेंशन, टीकाकरण,गोपनीय मामले और जांच  का पूर्णकालिक अघोषित प्रभार देकर मनमानी कराई जा रही है।
अधिकारी बनकर हुक्मरानी
             शिक्षक संघ के  प्रतिनिधियो द्वारा पूछे जाने पर बीईओ मूल शाला भेजे जाने की बाते कहते है। लेकिन ऐसे शिक्षक स्कुलो में पढाने की बजाय दो तीन दिनों में माहौल ठंडा होने पर पुनः बीईओ कार्यालय में अधिकारी बनकर हुक्मरानी करते नजर आते है ।
आफिस बन्द करने की धमकी
                 आश्चर्य तो यह है कि बीईओ, मूलशाला वापसी आदेश का पालन कराने की बजाय आफिस का कार्य बंद कर देने का शिगूफा छोड़ते हैं। जबकि कार्यालय के मूल पदस्थापना वाले कर्मचारी ठलहा चने फाँकते हाजिरी लगाकर कुर्सियां तोड़ते रहते है। 
डीईओ आदेश की अनदेखी
                       बलौदाबाजार  जिला शिक्षा अधिकारी सीएस ध्रुव ने समस्त ब्लाक शिक्षा अधिकारी को आदेश दिया है कि कि किसी भी शिक्षक को व्यवस्था में नही रखे। बिलाईगढ़,भाटापारा में ही ज्यादा मामले आते है। बीईओ से रिपोर्ट मंगवाकर कार्यवाही होगी। कोई अधिकारी एकतरफा कार्यभार ग्रहण करने के लिए किसी भी शिक्षकों के ऊपर दबाव नहीं डाल सकते।

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