सरकार दे रही अपराधियों को संरक्षण.. बोली हर्षिता..पीड़ित महिला का जीना मुश्किल..न्याय पाने लगा रही गुहार

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—-सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है। जिसके चलते अपराधिक तत्वों के हौंसले बुलंद हैं। प्रदेश में अपराधिक गतिविधियों का जमकर बोलबोला है। यह बातें राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पाण्डेय ने कही। श्रीमती पाण्डेय ने बताया कि कोरिया से कोंडागांव, जशपुर से रायपुर तक जंगलराज है।
   
                   राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पाण्डेय ने एक बार फिर राज्य सरकार और कानून व्यवस्था पर हमला किया है। उन्होने बयान दिया है कि वर्तमान कांग्रेस सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है। जिसके चलते प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है। प्रदेश में मात्र 20 महीनों में जंगलराज कायम हो गया है। राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस सरकार के गठन के बाद महिलाओं के साथ अत्याचार बढ़ गया है। प्रदेश में बहन बेटियां सुरक्षित नहीं है।
 
                         हर्षिता ने कहा कि कोरिया से कोंडागांव तक, जशपुर से रायपुर तक जंगलराज की स्थिति है। बैकुंठपुर मामले का जिक्र करते हुए कहा कि एक दलित महिला..जो महत्वपूर्ण अधिकारी भी है। भय के साये में जीवन जीने को मजबूर होना पड़ रहा है। हर्षिता पाण्डेय ने बताया कि महिला अधिकारी ने महिला आयोग को पत्र लिख कर न्याय की गुहार लगाई है।
 
            श्रीमती पाण्डेय ने जानकारी दी कि 1 मई 2020 को उनके महिला अधिकारी ने अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ रिपोर्ट लिखायी। लेकिन वाह रे कानून और प्रदेश की पुलिस अभी तक रिपोर्ट की कोई कार्यवाही नही की है।
        
               हर्षिता ने कहा कि शिकायत के बाद भी ना तो आरोपी की गिरफ्तारी हुई है। और ना ही किसी प्रकार का कानूनी कदम ही उठाया गया है। हर्षिता ने कानून के शिकंज से बच रहे आरोपी को लेकर सरकार और पुलिस प्रशासन पर संरक्षण देने का आरोप लगाया है। यही कारण है कि आरोपी प्रभावशाली असामाजिक तत्वों के साथ मिलकर पीड़िता को ना केवल परेशान कर रहा है। बल्कि बच्चों को मार देने की धमकी भी दे रहा है। लेकिन 6 हमीने पहले दर्ज रिपोर्ट के बाद भी पुलिस का आरोपियों तक ना पहुँचना गम्भीर सवाल पैदा करता है। 
 
                   पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस सरकार के मंत्री महिला के साथ अत्याचार को पता नही किस तराजू से तौलते और नापते हैं। उनको हाथरस की घटना बड़ी और वाड्रफ नगर की छोटी लगती है।
 
              केशकाल मामले में पुलिस  संरक्षण के कारण पीड़िता के लिए जब न्याय का रास्ता बन्द हो गया तो आत्महत्या कर ली। और बुरी तरह से टूट गए पिता को ज़हर पीना पड़ गया। हर्षिता ने कहा कि सरकारी संरक्षण के कारण राज्य में अपराधी बेखौफ घूम रहे और महिलाएं न्याय की उम्मीद में दम तोड़ रही हैं।

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