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शासन ने ही सिखाया बेईमानी..राईस मिल एसोसिएशन अध्यक्ष ने कहा…सरकार कर रही हठधर्मिता…नहीं करते गांजा अफीम की खेती
सरकार पहले जगह तो बताये..हम जमा कर देंगे चावल..योगेश अग्रवाल
बिलासपुर— राईस मिल एसोसिएशन प्रदेश अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने कहा..सरकार ने ही हमें बेईमान बनाया है…हमें अवैध काम करने को मजबूर किया है। सरकार अपनी पालिसी ठीक रखे..फिर हम बेईमान हो नहीं सकते हैं। योगेश अग्रवाल ने कहा कि हम गांजा भांग और अफीम की खेती नहीं करते है। हमने बैंक गारंटी जमा किया है। यदि सरकार का धान गायब हो जाता है तो हमारी गारंटी को सीज कर दें। हमारी मांग है कि सरकार और उसके अधिकारी हठधर्मिता छोडें..पहले बतायें की आपके पास जगह कहा हैं। हम चावल जमा करने को तैयार हैं।
मुख्यमंत्री का विशाल दिल
बिलासपुर में प्रदेश राइस मिल एसोसिएशन अध्यक्ष ने आज पत्रकारो के साथ संवाद किया। बातचीत के दौरान योगेश अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने हमारी मांग को सरल हृदय से लिया है। मुख्यमंत्री का दिल बहुत विशाल है। हमने प्रदेश के 33 जिलों के मिलर्स एसोसिएशन के पत्र को सौंपा है। मुख्यमंत्री ने बातचीत के दौरान हमारी सभी मांग को गंभीरता से लिया है। उन्होने मिलर्स का रोका गया 4 हजार रूपया देने का वादा किया है। पेनाल्टी लगाने के नियम को वापस ले लिया है। मुख्यमंत्री ने 120 से 60 किए गए मीलिंग चार्ज को बढ़ाकर 80 कर दिया है। सीसीटीवी नहीं लगाने की मांग को भी स्वीकार कर लिया है।साथ ही पुराना चावल जमा करने के पहले भुगतान नहीं किये जाने की बात को भी वापस ले लिया है।
फिर बना लेंगे
मिलिंग चार्ज 120 से घटाकर 60 किया गया। फिर बढ़ाकर 80 हो गया। इतना घाटा क्यों बर्दाश्त करेंगे। सवाल योगेश ने कहा कि बेशक घाटा है। लेकिन इधर उधर कर हम संभाल लेंगे। लगता है इसमें किसी प्रकार का नुकसान नहीं है। नुकसान है..लेकिन अगली बार बातचीत कर समस्या को सुलझा लेंगे। समझौता में थोड़ा बहुत उपर नीचे होता है।
गांजा भांगा अफीम की खेती नहीं
सीसीटीवी क्यों नहीं लगाया जाए के सवाल योगेश अग्रवाल ने कहा कि हमारा परिवार रहता है। हम प्रायवेसी को क्यों जाहिर करें। एआई का जमाना है। यदि छेड़ेछाड़ कर कोई भी व्यक्ति गड़बड़ी कर सकता है। सीसीटीवी का बेजा इस्तेमाल से इंकार नहीं किया जा सकता।चार महीने के लिए एड्हाक कर्मचारी भी तो गड़बड़ी कर सकता है। सरकार को पता होना चाहिए कि हम धान उठाव के पहले बैंक गारंटी जमा करते हैं। यदि धान गायब होता है तो गारंटी को सीज कर दे। हम अफीम गांजा भांग की खेती नहीं करते हैं कि हमारे ऊपर सीसीटीवी से निगरानी रखी जाए। यदि ऐसा ही है तो सरकार कर्मचारियों के ठिकाने पर भी सीसीटीवी लगाए।
सरकार हठधर्मिता छोड़े
आप लोग पुराना चावल क्यों नहीं जमा कर रहे हैं…सवाल के जवाब में योगेश ने बताया कि हम चावल देने को तैयार हैं। सरकार पहले बताये कि चावल रखेंगे कहां। नान और एफसीआई के दौरान में एक दाना चावल रखने की जगह नहीं है। हमने चावल जमा करने का प्रयास किया..तब सरकार के पास जगह नहीं थी। योगेश अग्रवाल ने चावल जमा करने को लेकर कलेक्टर की तरफ से बार बार नोटिस जारी करने पर नाराजगी जाहिर किया। उन्होने कहा सरकार हठधर्मिता छोड़े। जबकि सरकार से कई बार हमने गोडाउन बनाने को कहा..लेकिन क्यों नहीं बना रही है..समय से परे है। सायलो लगाना चाहिए..पर्याप्त जगह होती है। इसके बाद विवाद भी खत्म हो जाएगा।
सरकार ने बनाया बेईमान
क्या सरकार के साथ धोखा नहीं है कि डीपी बिलासपुर से उठाएं और मीलिंग दूसरे जिले में हो। योगेश ने कहा कि इसमें हमारी कोई गलती नही है। हमारे पास अरवा या मोटा धान से चावल बनाने की काबिलियत नही है। इसलिए हम अपने साथी को मिलिंग के लिए धान भेज देते हैं। बदले में चावल लेते हैं। यद्यपि यह अवैध है…लेकिन हमें अवैध करने के लिए मजबूर भी तो सरकार ही करती है। सरकार हमें बेईमानी सिखाती है। और हम करते हैं।