बिलासपुर— सैकड़ों की संख्या में कोटवारों ने कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया। इसके पहले कोन्हेर गार्डन में धरना प्रदर्शन भी किया। रैली निकालकर शक्ति प्रदर्शन के साथ कोटवारों ने अपनी मांग को शासन के सामने पेश किया। कोटवार संघ के नेताओं ने बताया कि आजादी से आज तक कोटवारों को सम्मान नहीं मिला। सरकार किसी की भी हो लेकिन कोटवारों के साथ हमेशा दोयम व्यवहार किया गया। कोटवारों ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पाटन में 23 फरवरी 2019 को जो वादा किया था। उसे निभाने का समय आ गया है।
कोटवारों ने अपनी नियमितिकरण मांग को लेकर कोन्हेर गार्डन में बैठक कर अपनी मांग को लेकर जमकर आक्रोश जाहिर किया। बैठक और धरना प्रदर्शन के बाद सैकड़ों की संख्या में होकर कोटवारों ने रैली निकाला। इसके बाद कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर शक्ति का प्रदर्शन किया।
कोटवार संघ के नेताओं ने बताया कि ब्रिटिश काल से ही कोटवार पीढ़ी दर पीढ़ी शासन की सेवा कर अपनी जिम्मेदारियों को निभाया है। विडंबना है कि कई बार कई मंच से मांग के बाद भी कोटवारों को आज तक नियमित नहीं किया गया। 2019 चुनाव से पहले कांग्रेस ने जनघोषणा पत्र में वादा किया था कि कोटवारों को नियमित किया जाएगा। एक बार फिर चुनाव सिर पर है। लेकिन अभी तक वादा नहीं निभाया गया है।
कोटवारों ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 23 फवरी 2019 मे वादा किया था कि सरकार बनते ही कोटवारों का नियमितिकरण किया जाएगा। लेकिन आज तक किसी प्रकार की पहल नहीं हुई। वर्तमान बजट में भी मानदेय में नाममात्र की बृद्धि कर कोटवारों के साथ अन्याय किया गया है। नाराज कोटवारों ने बताया कि वर्तमान मुख्यमंत्री जब राजस्व मंत्री हुआ करथे तो मालगुजारी जमीन का मालिकाना हक दिया गया। लेकिन भाजपा सरकार के कार्यकाल मे इस अधिकार को वापस ले लिया गया।
नाराज कोटवारों ने मुख्यमंत्री के नाम दिए गए मांग पत्र के माध्यम से जिला प्रशासन को बताया कि अनियमित कर्मचारियो को नियमितिकरण की प्रक्रिया चल रही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं का मानदेय बढ़ाकर सौगात दिया गया है। लेकिन पिछले 75 साल कोटवार आज भी अपनी मूलभूत मांग को लेकर प्रदर्शन को मजबूर है। लेकिन मजाल है कि किसी सरकार ने हमारी मांगों को कभी गंभीरता लिया हो। नाराज कोटवारों ने बताया कि यदि उनकी मांग को इस बार पूरा नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन करेंगे। धरना प्रदर्धन और चक्काजाम बी करेंगे।
इस दौरान कलेक्टर कार्यालय के सामने उग्र प्रदर्शन के चलते करीब आधे घंटे यातायात बुरी तरह जाम रहा। यादायातो को बहाल करने पुलिस को भारी परेशानियो का सामना करना पड़ा है।