मेरा बिलासपुर

मजदूरों ने जिला प्रशासन को बताया..दबंग ठेकेदार छीन रहा रोजगार…पुलिस से सांठगांठ कर श्रमिकों का दे रहा धमकी..कलेक्टर आदेश की अनदेखी

श्रमिकों ने बताया..जमीन हमने दिया..रोजगार भी हमें चाहिए.

बिलासपुर—बिजौर और आस पास के मजदूरों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर ठेकेदार और भारतीय खाद्य निगम के मजदूरों के खिलाफ मोर्चा खोला। स्थानीय मजदूरों ने जिला प्रशासन को बताया कि कुछ स्वनाम धन्य ठेकेदारों की मनमानी से उनका जीना मुश्किल हो गया है। स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के दबंगा हमाल  और ठेकेदार संगठित होकर स्थानीय मजदूरों का रोजगार छीन रहे हैं। शहर के संगठित मजदूर और दबंग नेता बाहर से मजदूर बुलवाकर आधी मजदूरी में काम करवाते हैं। आधा रूपया अपने जेब में रखते हैं। स्थानीय मजदूरों को पुलिस का सहारा लेकर डराया धमकाया जा रहा है।
अच्छी खासी संख्या में बिजौर गोदाम में रोजगार दिए जाने को लेकर गुहार लगाने स्थानीय मजदूर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। मजदूरों ने बताया कि बिजौर में स्टेट वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन का गोदाम बन चुका है। काम भी शुरू हो गया है। लेकिन कुछ दबंग ठेकेदार स्थानीय लोगों को दर किनार कर बाहर से मजदूरों को बुलाकर काम करवाना चाहते हैं। जबकि जिला प्रशासन के आश्वासन पर हमने गोदाम के लिए काबीज जमीन पर अपना अधिकार छोड़ा। तात्कालीन समय प्रशासन ने वादा किया था कि गोदाम शुरू होने के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जाएगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं…। लम्बे समय से खाद्य विभाग से जुड़े एक ठेकेदार ने तानाशाही शुरू कर दिया है।
मजदूरों ने बताया कि बिलासपुर शहर में लिगियाडीह,गतौरी,  तिफरा, देवरीखुर्द में भंडार गृह हैं। इन गोदामों की क्षमता सौ हजार मैट्रिक टन से अधिक है। गोदामों में 150 से अधिक हमाल श्रमिक कार्य कर रहे है। लेकिन ठेकेदार और दबंग हमाल अब बिजौर के भण्डार गृह पर कब्जा करना चाहते हैं। शहर के हमालों ने पैसा कमाने के लिए अपने अधीन 125 से 150 अस्थायी  हमाल श्रमिक को रखा है। पुराने गोदामों में काम करने वाले अस्थायी श्रमिकों से काम तो पूरा लिया जाता है। लेकिन श्रम का भुगतान आधा होता है। मतलब ठेकेदार और पुराने हमाल अस्थायी हमालों का आधा मजदूरी अपनी जेब में रख लेते हैं।
 बिजौर के मजदूरों के अनुसार स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड और भारतीय खादय निगम के ठेकेदार..अस्थायी मजदूरों का शोषण कर रहे हैं। गोदामों में काम तीस सौ मजदूरों से लेते है। लेकिन भविष्य निधि का अंशदान सिर्फ 150 हमाल श्रमिकों का ही जमा कराते हैं। जिनका अंशदान नहीं किया जा रहा उन अस्थायी मजदूरों को बिजौर स्थित गोदाम में आधी मजदूरी में भेजा जा रहा है। 
मजदूरों ने जिला प्रशासन से निवेदन किया कि बिजौर क्षेत्र से लगे ग्राम पंचायतों के श्रमिकों को बिजौर स्थित गोदाम में शत प्रतिशत काम दिया जाए। बिजौर स्तित गोदाम निर्माण के बाद स्थानीय बेकार युवाओं में  विश्वास और भरोसा जागा है। कम से कम 100 से 150 परिवार के सदस्यों को रोजगार मिलेगा। यदि स्थानीय लोगों को नवनिर्मित गोदामो में रोजगार प्राप्त नहीं होता है उग्र आंदोलन को मजबूर होंगे।
कलेक्टर आदेश की अनदेखी
मजदूर नेता चंदेल ने बताया कि एक सप्ताह पहले इसी बात को लेकर मजदूरों ने कलेक्टर से मिलकर बिजौरा मालगोदाम में स्थानीय लोगों को रोजगार दिए जाने की बात कही थी। मजदूरों ने बताया था कि कुछ ठेकेदार बाहर से मजदूर लाकर आधी मजदूरी में काम करवा रहे हैं। कलेक्टर ने आश्वासन दिया था कि स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। बावजूद इसके ठेकेदारों की मनमानी जारी है। पुलिस से मिलकर स्थानीय लोगों को डरा धमका रहे हैं।


Back to top button
close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker