संतो का होगा समागम..महामंडलेश्वर ने बताया..महायज्ञ में शामिल होंगे बड़े बड़े संत..कोरोना का होगा महाविनाश

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- महामंडलेश्वर स्वामी हरिहरानन्द ने बताया कि रूद्रातिरूद्र महायज्ञ में देश के लब्ध प्रतिष्ठित संतो का समागम होगा। महायज्ञ का आयोजन वैश्विक मानव कल्याण के लिए कि जाएगा। 3 से 11 दिसम्बर के बीच लोगों को संतो के सत्संग का लाभ मिलेगा। आहुतियां दी जाएंगी। प्रकृति को संतुलित किया जाएगा। इस दौरान कोरोना का विनाश भी होगा। पत्रकारों को स्वामी जी ने बताया कि यज्ञ का आयोजन इश्वरीय प्रेरणा से किया जा रहा है। गुरूदेव स्वामी शारदानन्द के निर्देश और मार्गदर्शन में जगत कल्याण के लिए दुनिया को कोरोना प्रकोप से बचाने महायज्ञ का फैसला लिया गया है।

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                 व्यापार विहार में रूद्रातिरूद्र महायज्ञ के लिए भूमि पूजन के बाद महामंडलेश्वर स्वामी हरिहरानन्द ने पत्रकारों से पीताम्बरा शक्तिपीठ में बातचीत की। इस दौरान स्वामी दिनेश, आयोजन समिति से गिरधारी अग्रवाल और वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण शुक्ला भी मौजूद थे। स्वामी हरिहरानन्द ने रूद्रातिरूद्र महायज्ञ के उद्देश्यों को सामने रखा। साथ ही पत्रकारों के सवालों का जवाब भी दिया। 

कोरोना का होगा विनाश

             सवाल जवाब के दौरान महामंडलेश्वर ने कहा कि देश और दुनिया इस समय कोरोना प्रकोप से हैरान और परेशान है। गुरूदेव स्वामी शारदानन्द महाराज को जप तप के दौरान ईश्वरीय प्रेरणा से महायज्ञ का निर्देश मिला। गुरूदेव के आशीर्वाद और निर्देश में भक्तों ने बिलासपुर में महायज्ञ का फैसला किया है। महामंडलेश्वर ने बताया कि देश और दुनिया कोरोना प्रकोप से परेशान है। निश्चित रूप से यह प्रकृति का भीषण रूप है। मंत्रों में ताकत होती है। अब इसी मंत्र के सहारे हम कोरोना पर भी विजय हासिल करेंगे। स्वामी ने कहा कि आयोजन समय तक काफी हद तक कोरोना पर नियंत्रण हो जाएगा। लेकिन महायज्ञ से हम प्रकृति को शांत करेंगे। दुनिया को कोरोना प्रकोप से बचाने इश्वर से प्रार्थना भी करेंगे।

शासन के निर्देशों का होगा पालन

                 एक सवाल के जवाब में हरिहरानन्द ने कहा…कि आयोजन के दौरान संत समाज समेत सत्संग में शिरकत करने वाले लोग कोरोना से बचने शासन के दिशा निर्देशों का पालन करेंगे। हम जानते हैं की भीड़ होगी। लेकिन भीड़ को नियंत्रित करने यथोचित उपाय भी किया जाएगा। खासकर दूरियों का ध्यान रखा जाएगा। मास्क का प्रयोग अनिवार्य होगा। 

व्यवस्था के सवाल का दिया जवाब

                    महाराज ने बताया कि कुल 301 कुण्ड का निर्माण होगा। सामान्यतः प्रत्येक कुण्ड के बीच दस फिट की दूरी होती है। यहां कुछ विशेष और अलग उपाय किए जाएंगे। उन्होने बताया कि कार्यक्रम का आयोजन मुहुर्त के अनुसार किया जा रहा है। जाहिर सी बात है कि हमें प्रकृति से पूरा आशीर्वाद हासिल होगा।

फिलहाल विचार नहीं..संभव हुआ तो करेंगे

                    एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि आयोजन में फिलहाल शादी कराने जैसी योजना नहीं है। यदि बन गया तो उसका भी आयोजन किया जाएगा। महायज्ञ में देश विदेश के विद्वानों और संतो का समागम होगा। सातो अखाड़े के महामंडलेश्वर कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। बिलासपुर और प्रदेश की जनता को आशीर्वाद देंगे।

महायज्ञ और भागवत कथा साथ साथ

                                    कार्यक्रम की रूप रेखा के सवाल पर हरिहरानन्द ने बताया कि महायज्ञ का आयोजन घोषणानुसार 3 दिसम्बर से शुरू होकर 11 दिसम्बर तक चलेंगा। इस दौरान सुबह 8 से 1 बजे के बीच रूद्रातिरूद्र महायज्ञ का मुख्य कार्यक्रम होगा। इसके साथ ही सुबह 9 से 1 बजे के बीच भगवत कथा का भी आयोजन भी चलेगा। दोपहर करीब ढाई से 5 बजे के बीच संत्संग चर्चा होगी। जगत कल्याण के लिए बाते विद्वान संत और मनीषी परिचर्चा करेंगे। 

         

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