राज्पाल सुश्री अनुसूईया उइके से मिले छत्तीसगढ़ के अजजा वर्ग के विधायक

Chief Editor
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रायपुर । केंद्र सरकार में लंबित अजजा वर्ग के हितों से संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए छत्तीसगढ़ के अजजा वर्ग के विधायक राज्यपाल सुश्री अनुसूईया उइके से राजभवन में जाकर मि
छत्तीसगढ़ के अजजा विधायकों ने राज्यपाल से छत्तीसगढ़ के अजजा वर्ग के हितों पर विपरीत प्रभाव डालने वाले तथ्यों की ओर ध्यान आकर्षित कराया हैं जिसमें जिले के विधायक एवं संसदीय सचिव यू. डी. मिंज भी शामिल हुए.

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छत्तीसगढ़ के अजजा वर्ग के विधायकगण ने राज्यपाल सुश्री अनुसाइया उइके से मिलकर माँग की है कि केन्द्र सरकार में लंबित अजजा वर्ग के हितों से संबंधित समस्याओं का निराकरण किया जाय.केन्द्रीय पर्यावरण एवं जल वायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 28 जून 2022 के अधिसूचना क्रमांक 459 को छत्तीसगढ़ में लागू होने से रोकने संविधान के अनुक्षेत्र 244 ( 1 ) एवं पांचवी अनुसूची की कण्डिका 05 के तहत विशेषाधिकार का प्रयोग करने हेतु निवेदन किया है । चूंकि उक्त नियम के लागू होने से अनुसूचित क्षेत्रों में लागू पेशा कानून एवं वन अधिकार कानून 2006 के प्रावधानों का उल्लघंन होगा । इसलिए उक्त नियम को छत्तीसगढ़ में लागू होने से रोकने हेतु विधानसभा में शासकीय संकल्प पारित कर केन्द्र सरकार को प्रेषित किया गया है । पत्र में लिखा कि आपके हस्तक्षेप से उक्त नियम को छत्तीसगढ़ में लागू होने से रोका जा सकता है । भारतीय संविधान में अनुसूचित जनजाति की सूची अधिसूचना के माध्यम से प्रकाशित कर जाति के आधार पर आरक्षण एवं अन्य सुविधाओं का प्रावधान रखा गया है । प्रत्येक 10 वर्ष में केन्द्र सरकार के द्वारा जनगणना कराई जाती है जिसमें धर्म के आधार पर व्यक्तियों की संख्या सुनिश्चित की जाती है । जनजातियों के श्रेणी में आने वाले व्यक्तियों के लिए पृथक से धर्म कोड नहीं होने के कारण प्रगणको द्वारा मनमाने ढंग से धर्म अंकित कर दिया जाता है जिसके कारण जनजाति समाज की वास्तविक संख्या अंकित नहीं हो पाता है ।
छत्तीसगढ़ के अजजा विधायकों ने राज्यपाल से आग्रह किया है कि वो भारत सरकार से आग्रह करने का कष्ट करें कि अजजा वर्ग के लिए पृथक से धर्म कोड आबंटित किया जाये जनजातीय समाज की वास्तविक संख्या ज्ञात हो सके । उच्चारण एवं मात्रात्मक संबंधी त्रुटि के कारण बहुत से जनजातियों की जाति भू अभिलेख एवं अन्य अभिलेखों में अपभ्रंश होकर अलग – अलग दर्ज हो गई है । छत्तीसगढ़ में ऐसे 22 जनजातियों में विसंगतियां पायी गई है । उक्त विसंगतियों को दूर करने के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रस्ताव कई बार केन्द्र सरकार को भेजा गया है ।इसके लिए निवेदन है कि केन्द्र सरकार से आग्रह करने का कष्ट करेंगे कि केंद्र सरकार इस संबंध में त्वरित कार्यवाही करने का कष्ट करें । जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत शासन द्वारा केन्द्र पोषित प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति हेतु गाईडलाईन दिनांक 01.07.2012 से लागू किया गया है जिसमें विद्यार्थियों के पालकों की वार्षिक आय सी . , 200,000 / – ( दो लाख ) रूपये निर्धारित की गई है , जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अनुसुचि जाति के लिए आय सीमा 8,00,000 / – ( आठ लाख ) रूपये निर्धारित की है ।

उन्होंने माँग की है कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए भी पालकों के लिए भी आय सीमा अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अनसुचित जाति वर्ग की भांति बढ़ाये जाने हेतु केन्द्र शासन से आग्रह करने का कष्ट करेंगे । संविधान के अनुच्छेद 244 ( 1 ) के तहत अधिसूचित क्षेत्रों में प्रशासन एवं नियंत्रण के लिए आपको विशेष शक्तियां दी गई है हम आपसे निवेदन करना चाहते है कि अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए उपरोक्त वर्णित सभी बिन्दुओं पर आवश्यक कार्यवाही करने करने माँग की है ।

ज्ञापन देने वाले विधायकों में मनोज सिंह मण्डावी, डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम , रामपुकार सिंह ठाकुर , खेलसाय सिंह .कवासी लखमा. श्रीमती अनिला भेंडिया. अमरजीत भगत, शिशुपाल सोरी, लखेश्वर बघेल , मोहन मरकाम , देवेन्द्र बहादुर सिंह, सन्त राम नेताम, इन्द्रशाह मंडावी. चिन्तामणि महराज, यू . डी . मिंज, डॉ . लक्ष्मी धुर्व . श्री गुलाब कामरो शामिल हुए.

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