सभा में अधिकारी पर गलत जानकारी देने का लगा आरोप ..नेताओं ने लगाई क्लास…कहा..सदन को किया गुमराह.. वीडियो दिखाकर..पूछा..सड़क निर्माण की कौन सी विधि

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—बुधवार को जिला पंचायत सामान्य सभा की बैठक अप्रत्याशित रूप से हंगामेदार रही। सामान्य सभा में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इस दौरान 9 सूत्रीय एजेन्डा पर विस्तार से नेताओं ने अधिकारियों से सवाल जवाब किया। अधिकारियों ने प्रतिवेदन रिपोर्ट भी रखा। लेकिन पीड़ब्लूडी अधिकारियों के लिए इस बार सामान्य सभा काफी कड़वा अनुभव वाला साबित हुआ। जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने ईई पर सीधे सीधे सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया। तखतपुर क्षेत्र की सदस्य ममता क्षत्री ने सदन में वीडियो दिखाकर पूछा की बताएं सड़क मरम्मत या निर्माण की यह कौन सी विधि है। इस दौरान दोनो अधिकारियों को काफी शर्मिन्दगी का सामना करना पड़ा। 

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नेताओं ने दिखाया तेवर..सहमें अधिकारी

                   बुधवार को जिला पंचायत सामान्य सभा की बैठक का आयोजन किया गया। सामान्य सभा की बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने शिरकत किया। कमोबेश सभी ने पालन प्रतिवेतन पेश किया। साथ ही विभागवार 9 सूत्रीय एजेन्डा पर चर्चा भी हुई। 

                सामान्य सभा की बैठक में उस समय सन्नाटा पसर गया। जब लोकनिर्माण विभाग डीविजन एक की ईई ने सवाल जवाब के दौरान पालन प्रतिवेदन पेश किया। इसी दौरान अंकित गौरहा ने पूछा कि पिछली दो बार की सामान्य सभा की बैठक में उर्तुम, पोंसरा और हरदीकला की जर्जर सड़कों की क्या स्थिति है। क्या सड़कें ठीक हो गयी है। 

सदन को गुमराह करने का आरोप

                                                   पीडब्लूडी डीविजन एक के ईई  कापसे ने बताया कि तीनों सड़कें मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के तहत बनायी गयी हैं। तीनों सड़कों की हालत अब ठीक है। इतने सुनते ही अंकित गौरहा भड़क गए उन्होने कहा कि आप जर्जर सड़कों की गलत जानकारी पेश कर रहे हैं। ऐसा कर सदन के साथ जनप्रतिनिधियों को गुमराह कर रहे हैं। आज की स्थिति में सड़क से चलना मुश्किल है। क्या आपने सड़कों का निरीक्षण किया है। यदि किया है तो फोटो दिखाएं। यदि नहीं किया है तो सभा में सभी के सामने रिपोर्ट पेश करें। सड़क की जांच करने वाले अधिकारी का नाम बताएं।

अधिकारी मूर्ख ना समझे

                       सवाल सुनते ही कापसे ने गोलमोल जवाब दिया। इसके बाद अंकित गौरहा समेत सभी सदस्य भड़क गए। यद्यपि ईई कापसे ने मामले को संभालने का प्रयास किया। उन्होने कहा कि हम साथ चलकर सड़क का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद गौरहा ने जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि आप पहले रिपोर्ट पेश करें और जांच करने वाले अधिकारी का नाम बताएं। इसके बाद हम आपके साथ चलकर सड़क देखेंगे नहीं बल्कि दिखाएंगे। इसके बाद सदन का माहौल काफी गरम हो गया। अंकित गौरहा ने कहा कि आपने जनप्रतिनिधियों को मूर्ख समझ लिया है।

सड़क की होगी जांच..अरूण चौहान

                        मामले को शांत कराते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण चौहान ने कहा कि चार सदस्यीय टीम मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के तहत बनाए गए सड़क की तीन ग्राम पंचायत पहुंचकर जांच करेंगे। रिपोर्ट मिलने के बाद उचित कदम उठाया जाएगा। साथ ही अरूण चौहान ने निर्देश दिया कि बैठक में गलत जानकारी पेश किया जाना या जानकारी देना गुमराह करना है। इस बात को किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जाएगा। 

              इसी दौरान तखतपुर क्षेत्र की जिला पंचायत सदस्य ममता क्षत्री ने एक वीडियो दिखाते हुए पीडब्लूडी अधिकारी चौरसिया से पूछा की जर्जर सड़क बनाने का यह कौन सा तरीका है। वीडियो देखते हही बैठक में हलचल मच गयी। 

महिला नेत्री ने दिखाया भ्रष्टाचार का प्रमाण

                  वीडियो देखने के बाद सभी सदस्यों ने देखकर सड़क निर्माण की विधी को लेकर आश्चर्य जाहिर किया। ममता ने ईई चौरसिया को बताया कि हमने पिछली बैठक में जरौधा से कुंआ के बीच जर्जर सड़क का मुद्दा उठाया था। मौके पर सिर्फ जीरो गिट़्टी डालकर सड़क को दुरूस्त किया जा रहा है। ठेकेदार और अधिकारी दोनो मिलकर लाखों रूपयों का न्यारा वारा कर रहे हैं। वीडियो देखने के बाद ईई चौरसिया ने चुप्पी साधना उचित समझा। मामले में एक बार जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण चौहान ने नाराजगी जाहिर किया। उन्होने तत्काल मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच का आदेश दिया। साथ ही अधिकारी को निर्देश दिया कि भ्रष्टाचार में शामिल किसी ठेकेदार या अधिकारी को छोड़ा नहीं जाएगा।

कार्रवाई की मांग

           गलत जानकारी दिए जाने पर अंकित गौरहा ने जिला पंचायत अध्यक्ष से ईई समेत अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की। गौरहा ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को गुमराह किया जाना गलत परम्परा है। हम जनता की  परेशानियों को दूर करने बैठक में आते हैं। लेकिन यहां अधिकारी अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे है। इसलिए संबधित अधिकारी के खिलाफ ठोस कदम उठाया जाए।

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