शिक्षाकर्मियों का दर्द… वादों के झूले पर झुलाकर अपना वादा भूल गई सरकार..!

Shri Mi
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अम्बिकापुर(मनीष जायसवाल)।मध्यप्रदेश के दौर से शिक्षाकर्मी कहते रहे है कि वे सरकारों से ठगी के शिकार रहे है। प्रदेश में नियमित और संविदा कर्मी शिक्षक … दोनों ही बराबर का काम करते रहे है। पर जब भी लाभ की बारी आई तो शिक्षाकर्मियों को… वादों के झूले पर झूला कर सरकारे अपना वादा भूल गई…! पंचायत कर्मी,शिक्षा कर्मी, संविदा शिक्षक से काम पूरा लिया गया पर भुगतान काम के आधे का भी आधा दिया गया है। हालत यह है कि महत्वपूर्ण पदों पर अधिकांश स्कूलों में प्रभारी का ठप्पा लगा दिया गया है। सीजीवाल से सरगुजिहा धरा पर हुई एक चर्चा में छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष शिव मिश्रा ने प्रदेश के शिक्षको का दर्द बताते हुए बताया कि शिक्षा विभाग में अभी शिक्षकों के पदोन्नति की प्रक्रिया जारी है। यह शिक्षक समुदाय के एक वर्ग लिए हर्ष समाचार है। पर इससे एलबी संवर्ग को कोई लाभ नही है।

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शिव मिश्रा प्रदेश सरकार के वचन पत्र को याद दिलाते हुए बताते है कि विधानसभा चुनाव से पूर्व जारी जन घोषणा पत्र का पालन कही होता नही दिख रहा है भूपेश सरकार एलबी संवर्ग के शिक्षकों से किए वादे को नजरंदाज करते हुए सिर्फ नियमित शिक्षकों की पदोन्नति कर बाकि के साथ छलावा कर रही है।

शिव एलबी शिक्षको के अनुभव का पक्ष रख कर बताते है कि प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान पाठक के 25000 पद खाली हैं जिसका निर्वहन सहायक शिक्षक एलबी प्रभारी प्रधान पाठक के रूप में कर रहे हैं नियमतः उन पदों पर अनुभव के आधार पर सहायक शिक्षकों को पदोन्नत किया जाना चाहिए। प्रभारी का ठप्पा हटाया जाना चाहिए।

फेडरेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष शिव मिश्रा ने सीजीवाल को बताया कि पूर्व और वर्तमान सरकार ने संविलियन किया प्रदेश के शिक्षक संविलियन के बाद शिक्षा विभाग के कर्मचारी हो गए हैं लेकिन आज भी नियमित कर्मचारियों की अपेक्षा उपेक्षित हो रहे हैं। चुनाव दौरान कांग्रेस के आला नेताओं द्वारा वेतन विसंगति दूर करने,पदोन्नति, क्रमोन्नति आदि प्रदान करने की आश्वासन प्रदान कर चुके थे साथ ही इन मांगों को अपने घोषणा पत्र में भी शामिल किए थे लेकिन आज सरकार के ढाई साल पूरे होने को हैं लेकिन ये आश्वासन, वादे झूठे साबित हो रहे हैं और तो और वर्तमान में जारी पदोन्नति की प्रक्रिया से एलबी शिक्षकों को अलग कर दिया गया है।

शिव मिश्रा का कहना है कि शिक्षा विभाग के ऐसे उपेक्षा पूर्ण व्यवहार से प्रदेश के एक लाख नौ हजार सहायक शिक्षक आक्रोशित हैं । हम इस सरकार के सबसे उपयोगी और टिकाऊ कर्मचारी है ..! सरकार अपना महत्वपूर्ण अंग मानते हुए अपने किये हुए वादों घोषणाओं को ध्यान रखते हुए पदोन्नति में एलबी संवर्ग के शिक्षकों, सहायक शिक्षकों को भी शामिल करे साथ ही सहायक शिक्षक एलबी के वेतन में व्याप्त विसंगति को दूर करते हुए समस्त एलबी शिक्षकों की पूर्व सेवा अवधि की गणना करते हुए नियमानुसार क्रमोन्नति देने का निर्णय लेना चाहिए इसी में शिक्षक समुदाय का हित निहित है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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