सरकन्डा वासियों ने निगम की मांग पर लगाया मुहर….सर्व नागरिक मंच के नेताओं ने कहा…जनभावनाओं को सरकार के सामने करेंगे पेश

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—पिछले कुछ दिनों से  अरपा पार सरकन्डा क्षेत्र में नगर निगम बनाए जाने की मांग तेजी उठ रही है। सर्व नागरिक मंच के बैनर तले सामाजिक कार्यकर्ता से लेकर कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने सरकन्डा को नगर निगम बनाए जाने की मांग का समर्थन कर रहे हैं। अमित तिवारी और पिनाल उपवेजा समेत स्थानीय लोगों ने बताया कि पिछले एक दशक से सरकन्डा क्षेत्र की आबादी तो बढ़ी है लेकिन अपेक्षानुरू विकास नहीं हुआ है। ऐसी सूरत में लाखों की आबादी वाले क्षेत्र को नगर निगम घोषित किया जाना जरूरी है। अमित तिवारी ने बताया कि प्रदेश में इससे भी कम आबादी के बाद कई क्षेत्रों को निगम का दर्जा हासिल है।

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सरकन्डा को निगम बनाने की मांग

 

जानकारी देते चलें कि पिछले कुछ दिनों से सरकन्डा के लोग सर्व नागरिक मंच के बैनर तले हस्ताक्षर अभियान चलाकर क्षेत्र को नगर निगम बनाए जाने की मांग कर रहे है। हर दिन क्षेत्र के अलग अलग चौक चौराहों पर हस्ताक्षर अभियान चलाकर सर्वनागरिक मंच के सदस्य आम जनता से सरकन्डा क्षेत्र को अलग निगम क्षेत्र बनाए जानी की मांग कर रहे हैं। इसी क्रम में रविवार को सर्वनागरिक मंच के बैनर तले हुण्डई चौक पुराना पुलिस के पास हस्ताक्षर अभियान चलाया गया।

विकास में फिसड्डी 

 सर्वनागरिक मंच के नेंता अमित तिवारी ने बताया कि नया परिसीमन होने के बाद बिलासपुर नगर निगम का क्षेत्र बहुत बड़ा हो गया है। जाहिर सी बात है कि प्रयास के बाद भी सरकन्डा क्षेत्र का समुहित विकास नहीं हो रहा है। सच तो यह है कि भौतिक रूप से बिलासपुर का एक तरफा विकास हुआ है। विकास के दौड़ मे सरकन्डा क्षेत्र बहुत पीछे छूटता नजर आता है। इस बात को लेकर स्थानीय लोगों को बहुत तकलीफ है।

 

जनसंख्या का असमान्य वितरण

अमित ने बताया कि नए परिसीमन के बाद बिलासपुर निगम में बड़े बड़े कुल 70 वार्ड बनाए गए। वार्डों की आबादी बहुत है। चूंकि निगम अधिनियम के अनुसार इससे अधिक वार्ड संभव नहीं है। जाहिर सी बात है कि प्रत्येक वार्डों में जनसंख्या का अनुपात ज्यादा हो गया। ऐसी सूरत में विकास कार्य प्रभावित है। खासकर सरकन्डा विकास से अपेक्षाकृत बहुत पीछे छूट गया है। और सरकन्डा क्षेत्र को निगम बनाने को लेकर ठोस तर्क भी है।

बड़ा भौगोलिक क्षेत्र

 

उन्होने कहा कि बिलासपुर के कुल वार्डों में अकेल 22 वार्ड सरकन्डा से है। वार्डों का भौगोलिक स्थित बहुत बड़ा है। साल 2018 में बिलासपुर नगर निगम में कई गांवों को जोड़ा गया। यह सभी  गांव कहने को तो निगम में है। लेकिन विकास के नाम पर बहुत पिछड़ा है।

परेशानियों से छुटकारा

 मामले में पिनाल उपवेजा ने बताया कि सरकन्डा क्षेत्र के कुल 22 वार्डों की आबादी ढाई लाख से अधिक है। यहां मतदाताओं की कुल संख्या एक लाख 32 हजार है। जाहिर सी बात बिलासपुर निगम को इतने बड़े क्षेत्र में ध्यान देना मुश्किल होता होगा। हम शासन से मांग करते हैं कि जनभावनाओं का सम्मान करते हुए सरकन्डा को नया निगम बनाया जाए। इससे ना केवल तेजी से आधारभूत संरचना तेजी से विकास होगा। बल्कि जन सामान्य के लिए दूर क्षेत्र के लोगों को निगम का चक्कर भी नहीं लगाना होगा।

 

सरकार के सामने रखेंगे मांग

 अमति तिवारी और पिनाल ने कहा कि सरकन्डा क्षेत्र स्थित नगर निगम के 22 वार्डों के साथ लगरा, चिल्हाटी और सेन्दरी को शामिल करने से  समूचे क्षेत्र का तेजी से कायाकल्प होगा। बहरहाल हम हस्ताक्षर अभियान को ना केवल सुचारू से जारी रखेंगे। बल्कि जनप्रतिनिधियों के सहयोग से सरकार के सामने भी जनता की मांग को पेश करेंगे।

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