भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार के कर्मचारियों के रिटायरमेंट की आयु 63 वर्ष की जा सकती है। खबर है कि सामान्य प्रशासन विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। जल्द ही इस सिलसिले में कोई फैसला सामने आने की उम्मीद की जा रही है। समझा जा रहा है कि कांग्रेस की ओर से जिस तरह पुरानी पेंशन स्कीम (ओ पी एस) का मुद्दा सामने लाया जा रहा है ,उसके जवाब में शिवराज सिंह सरकार मध्यप्रदेश में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ा सकती है।
जैसा कि मालूम है कि इसी साल मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं। इसे देखते हुए तमाम राजनीतिक पार्टियां कर्मचारियों को लुभाने में कोई कसर बाकी नहीं रख रही है। हाल ही में यह मुद्दा चर्चा में आया कि कांग्रेश प्रदेश सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओ पी एस) की बहाली का मुद्दा उठाने जा रही है।
हाल ही में जिस तरह हिमाचल प्रदेश के चुनाव में ओ पी एस का मुद्दा चर्चा में रहा और कांग्रेस को कामयाबी मिलने के बाद माना जा रहा है कि इस मुद्दे का भी असर हुआ है। इसे देखते हुए कांग्रेस प्रदेश सरकार के कर्मचारियों को लुभाने के लिए ओ पी एस का मुद्दा सामने लाने की तैयारी में दिखाई दे रही है।
इधर मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार भी इस मुद्दे का जवाब तलाशने में जुटी हुई है। सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि शिवराज सिंह सरकार प्रदेश कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र 1 साल बढ़ाकर 63 वर्ष कर सकती है। इस सिलसिले में सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से तैयारियां शुरू किए जाने की भी खबर मिल रही है। गौरतलब है कि 2018 में प्रदेश सरकार के कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु 60 साल से बढ़ाकर 62 साल की गई थी। इसके पहले दिग्विजय सिंह की सरकार ने रिटायरमेंट की आयु को 58 से 60 साल किया था। अब एक बार फिर रिटायरमेंट की आयु बढ़ाए जाने की चर्चा शुरू हो गई है।।