दशकों तक याद रहेगी मितानिनों की सेवा..सभापति गौरहा ने कहा..कोविड काल में लगायी जान की बाजी..फिर भी बिना ऊफ किए कर रही लोगों की सेवा

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- हमेशा जनहित को प्राथमिकता को लेने वाली मितानिनों का महत्व लोगों को कोविड काल में देखने को मिला है। कोविड के संक्रामक दौर में मितानिनों ने खुद को जान को बाजी पर लगाकर लोगों को नई जिन्दगी दी है। संक्रमण से ना केवल बचाया है ।बल्कि खतरे में रहकर मरीजों की सेवा भी की है। जबकि हम सभी जानते हैं कि सब लोग कोविड से बचने घरों में दुबके हुए थे। यह बातें आज पेन्डरवा में मितानिनों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने कही। उन्होने कहा आपत्तीकाल में मितानिनों ने ना केवल अपने फर्ज को निभाया है। बल्कि मातृत्व शक्ति को भी नया आयाम दिया है।

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                    जिला पंचायत के क्षेत्र ग्राम पंचायत पेन्डरवा में मितानिनों का सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने शिरकत किया। इस दौरान सभापति ने मितानिनों के योगदान को ना केवल दिल से महसूस कर जाहिर किया। बल्कि प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया।

                                कार्यक्रम को अपने संबोधन में अंकित गौरहा ने कहा कि हमें अच्छी तरह से मालूम है कि हमारी मितानिन माता बहने सीमित आय में अपनी सेवा धर्म को अंजाम दे रही है। जब जब देश समाज को सहयोग की जरूरत होती है…प्रथम पंक्ति में हमेशा मितानिन माता बहनों को ही देखा गया है। गौरहा ने याद दिलाया..जब देश के साथ प्रदेश और जिला में कोरोना संक्रमण का कोहराम था। उस समय मितानिनों ने खुद को बाजी पर लगाकर अपने सेवा धर्म का ईमानदारी से निर्वहन किया है।

                   शासन के दिशा निर्देशों संदेश को जन जन तक पहुंचाने कोविड काल में मितानिनों ने दस्तक दिया है। उन्होने इस दौरान परवाह भी नहीं किया कि इसका असर उन पर और उनके परिवार पर भी हो सकता है। बावजूद इसके लोगों की जिन्दगी बचाने उन्होने अपनी पूरी ताकत को झोंक दिया। 

      उपस्थित लोगों को अंकित गौरहा ने बताया कि हम सभी जानते हैं कि मातृ शक्ति यदि ठान ले तो मंजिल को खुद ब खुद कदम के नीचे आना पड़ता है। कोविड काल में मितानिनों के सहयोग हमने ऐसा होते देखा है। कोरोना को हार मानना पड़ा। लोगों ने मितानिनों के योगदान को आत्मसात किया। हम सभी जानते हैं कि अभी कोरोना संक्रमण का दौर खत्म नहीं हुआ है। इसलिए बताना चाहता हूं कि मितानिनों की कोरोना से लड़ाई खत्म भी नहीं हुई है।

             अंकित ने बताया कि जल्द ही कोविड वैक्सीन का दौर भी शुरू होने वाला है। यहां भी मितातिन माता बहने हमें सबसे आगे सेवा करते हुए दिखाई देने वाली हैं।

                      गौरहा ने बताया कि दुख होता है कि पत्र पत्रिकाओं में बड़े कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण की खबर बड़े बड़े और मोटे मोटे अक्षरों में छापा गया। क्या किसी को मालूम है कि मितानिन भी कोरोना से संक्रमित हुई है। उन्हें भी संक्रमण का दंश झेलना पड़ा है। शायद ही इसकी किसी को खबर हो। इसके लिए हम सभी जिम्मेदार हैं। और मुझे खुशी है कि अपनी मातृशक्ति मितानिनों को सम्मानित करने का अवसर मिला है। इसके लिए ग्राम पंचायत, सरपंच और खासकर  उप सरपंच पवन धीवर का आभारी हूं।

         सम्मान कार्यक्रम में अंकित गौरहा ने सभी मितानिनों का प्रशस्ति पत्र, शाल और फूल माला के साथ स्वागत किया। इस दौरान गणमान्य ग्रामीणों के अलावा शम्सुद्दीन खान जी,शेख शब्बीर जी,बी आर धीवर विशेष रूप से मौजूद थे।

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