प्रमुख सचिव शिक्षा के बयान ने शिक्षकों के कर्तव्यनिष्ठा और कार्यदक्षता को आहत किया है -फेडरेशन

Chief Editor
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रायपुर ।  प्रमुख सचिव शिक्षा के द्वारा शिक्षकों को अयोग्य कहना भारतीय संस्कृति के विरुद्ध है। उनके ब्यान से शिक्षकों का सार्वजनिक अपमान हुआ है।फेडरेशन ने हरिवंश राय बच्चन जी के कविता की पंक्तियाँ  “असफलता एक चुनौती है,इसे स्वीकार करो,क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो। जब तक न सफल हो,नींद चैन को त्यागो तुम,संघर्ष का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम। कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती,कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। ” का उल्लेख करते हुए कहा है कि प्रमुख सचिव शिक्षा को अपने कथन पर खुद आत्मचिंतन करना चाहिए।उनके बयान से शिक्षकों के आत्मविश्वास पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। यदि सफलता नहीं मिलने से यदि कोई अयोग्य हो जाता है तो किसी भी क्षेत्र में असफल हुए व्यक्ति को पुनः प्रयास नहीं करना चाहिए ?     

             
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 फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, ने छ.ग. प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के व्हाट्सएप ग्रुप में प्रमुख सचिव शिक्षा के बयान पर प्रतिक्रियाओं के दृष्टिगत प्रश्न किया है ? कोरोना काल में शिक्षकों के द्वारा विभिन्न तरीकों से पढ़ाया जाना क्या अयोग्यता है ? मध्यान्ह भोजन को अपने एवं परिवार के सुरक्षा को दाँव पर लगाकर वितरित करना क्या अक्षमता है ? कोरोना काल में कोरोना संक्रमण के रोकथाम एवं बचाव में अपने प्राण जनता के लिए न्यौछावर करने वाले शिक्षक क्या अक्षम थे ? कोरोना काल में शासकीय सेवकों में से शिक्षकों की सर्वाधिक बलिदान क्या व्यर्थ है ?मुख्यमंत्री द्वारा अनुकंपा नियुक्ति के नियमों में छूट क्या अक्षम को दिया गया है ?उन्होंने आगे पूछा कि शिक्षक शिक्षा देने के अलावा कौन कौन से गैरशिक्षकीय काम करते है ? शिक्षको को पढ़ाने और अन्य काम करने के लिए कितने दिन और घंटे मिलते हैं ? शिक्षक को विद्यालय में प्रयोगों के कारण कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है ? विद्यालय में नए नए प्रयोग लागू करने के बाद उसके परिणाम जानने कितने समय दिया गया है ? कक्षा 1 से 8 वीं तक फेल न करने के आदेश से बच्चो की मानसिकता में क्या प्रभाव पड़ा है ? कक्षा 01 से 08 तक पुस्तक फ्री,यूनिफार्म फ्री, खाना फ्री,प्रवेश फ्री,बिना परीक्षा पास,अन्य फ्री में मिले चीजों से विद्यार्थियों के मानसिकता पर क्या प्रभाव पड़ा है ? क्या प्रमुख सचिव शिक्षा इस दिशा में विचार किया है ? यदि शिक्षक अक्षम और अयोग्य हैं तो विभाग के उच्चाधिकारी क्या पाक साफ हैं ? शिक्षक विद्यार्थियों को पढ़ाई में अनुशासन के लिये न तो डाँट सकते हैं और न ही दण्ड दे सकते हैं ! लेकिन शिक्षकों को दण्ड देने का उपाय प्रमुख सचिव पूछ रहे हैं ?

उन्होने कहा कि बहुतायत प्राथमिक, माध्यमिक एवं हाई/हायर सेकंडरी में विषयानुसार शिक्षकों की पदस्थापना नहीं है,लेकिन परीक्षाफल के लिए दोषारोपण शिक्षकों पर हो रहा है ? आज बहुत जगहों पर स्कूल की प्रॉपर्टी को लोग सार्वजनिक प्रोपर्टी समझकर तोड़ फोड़ करते हैं ! शिक्षक के हांथ बंधे हुए है मौन दर्शक है जिम्मेदार कौन है ?विद्यालय भवनों के बहुत जगह आज स्कूल के बाद गांव/शहर के असामाजिक तत्व जॉकर शराब पीते हैं ! जिसका डिस्पोजल और बोतल शिक्षक दूसरे दिन साफ करते है ! इसके लिए जिम्मेदार कौन है ? विद्यालय में लगे ताले और गेट,खिड़कियों को तोड़ा जाता है ! शिक्षक बार बार उसे नया लगवाते है, जिम्मेदारी किसकी है ?असामाजिक तत्वों को चिन्हांकित किया जाए तो वे शिक्षको के दुश्मन बन जाते है! ऐसे में शिक्षको की सुरक्षा और उनकी बचाव के लिए जिम्मेदारी किसकी है ? स्कूल भवन की ताले,दरवाजे,खिड़की आदि तो बड़ी बात है,जब स्कूल ने नए पौधा रोपण किये गए,पौधे तक को अज्ञात लोग उखाड़कर ले जाते है,लगे लगाए पेड़ को तोड़ या काट दिया जाता है !इसके लिए जिम्मेदार कौन है ? फेडरेशन  का कहना है कि प्रमुख सचिव शिक्षा को शिक्षकों का आकलन और उनके लिए पुरस्कार या दंड की व्यवस्था करने से पहले ये सब कार्य करने वाले लोगो और अधिकारियों पर क्या कार्यवाही करेंगे यह सुनिश्चित करना चाहिये ताकि एक शिक्षक स्वतंत्र और निश्चिन्त होकर अध्ययन-अध्यापन का कार्य कर सके।


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