बिलासपुर—- सजायाफ्ता हत्या का आरोपी पंचायत सचिव 11 महीने जेल में रहने के बाद जमानत बाहर आया। दान दक्षिणा देकर फिर से अपने पुराने सचिव पद पर काबिज हो गया है। फिलहाल मामले को भरसक दबाने का प्रयास किया जा रहा है। जिला पंचायत सीईओ गजेन्द्र सिंह ठाकुर ने बताया कि शिकायत मिली है..सचिव की फाइल को मंगाकर जांच पड़ताल कर रहा हूं। आखिर आजीवन कारावास का आरोपी दुबारा नौकरी पर कैसे काबिज हो गया है।
Join Whatsapp Group | यहाँ क्लिक करे |
जिला पंचायत सीईओ को एक शिकायत मिली है कि हत्या के दोष में आजीवन कारावास का आरोपी उड़ेला और खजरी नवागंव का सचिव बन गया है। ताज्जुब की बात है कि मामले की जानकारी जिला पंचायत के किसी भी बड़े अधिकारियों को नहीं है। यहां तक जिला पंचायत सीईओ भी इस मामले को लेकर अंजान है। सवाल उठता है कि आखिर हत्या का आरोपी सचिव अशोक कुमार मांडले को किसके दबाव में सचिव का कार्यभार दिया गया है।
जानकारी के अनुसार तुर्काडीह निवासी अशोक कुमार मांडले जिला सत्र न्यायालय से सामुहिक हत्या का आरोपी है। 11 महीने जेल में रहने के बाद अशोक कुमार जमानत पर बाहर आया। बताते चलें कि जेल जाने से पहले अशोक कुमार मांडले ग्राम पंचायत तुर्काडीह, निरतु और घुटकू का सचिव रह चुका है। एक पुराने मामले में अशोक कुमार गांव में हत्या के आरोप में जिला सत्र न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए जेल भेजा था।
24 अप्रैल 2018 में जिला सत्र न्यायालय ने अशोक कुमार मांडले को अपने निर्णय में आईपीसी की धारा 147, 148,302, 149 के तहत हत्या के अपराध में दोष सिद्ध पाया। अशोक कुमार मांडले को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा दिया। सजा सुनाते समय अशोक कुमार घुटकू का ग्राम सचिव सरकारी पद पर नौकरी कर रहा था।
कोर्ट के फैसले के बाद घुटकू सचिव अशोक कुमार जेल गया। 11 महीने जेल में रहने के बाद जमानत पर बाहर आया। इसके बाद शासन को वस्तुस्थिति की सच्चाई को छिपाते हुए दुबारा नौकरी पर आ गया। इस दौरान उसने जमकर रूपए भी खर्च किए। वर्तमान में अशोक कुमार हत्या के अपराध में दोषसिद्ध के बावजूद उडेला और खजरी नवागांव में सचिव पद पर काम भी काम कर रहा है।
यह जानते हुए भी कि सचिव पद सरकारी है। बावजूद इसके हत्या का आरोपी नौकरी पर है। यह जानते हुए भी यह छत्तीसगढ़ राज्य सिविल सेवा अधिनियम के खिलाफ है।
फाइल मंगवाया हूं..देखकर बताउंगा..जिला पंचायत सीईओ
मामले में जिला पंचायत सीईओ गजेन्द्र सिंह ठाकुर ने बताया कि क्या कुछ प्रकरण है। इस बात की जानकारी उन्हें नहीं है। शिकायत हुई है…फाइल मंगवाया हूं। जांच करूंगा..इसके बाद उचित निर्णय भी लिया जाएगा।